383 roads closed : मानसूनी बारिश का कहर हिमाचल में जारी, 135 लोगों की मौत, 383 सड़कें बंद

हिमाचल में मानसूनी बारिश का कहर जारी, जनजीवन अस्त-व्यस्त
शिमला, 24 जुलाई 2025: हिमाचल प्रदेश में मानसून ने भारी तबाही मचा रखी है। लगातार हो रही बारिश ने राज्य के कई हिस्सों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। पहाड़ दरक रहे हैं, सड़कों पर मलबा फैला है और जनजीवन पूरी तरह से चरमरा गया है। अब तक बारिश जनित हादसों में 135 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 224 लोग घायल हुए हैं और 34 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
सरकार और प्रशासन राहत व बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं, लेकिन भूस्खलन और सड़कें बंद होने के चलते रेस्क्यू ऑपरेशनों में भारी दिक्कतें आ रही हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक और तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे स्थिति और बिगड़ने की आशंका बनी हुई है।
सड़कों का टूटा संपर्क, दो नेशनल हाईवे समेत 383 सड़कें बंद
राज्य में भारी बारिश के कारण भूस्खलन और मलबा गिरने की घटनाएं आम हो गई हैं। इसके चलते दो राष्ट्रीय राजमार्ग और कुल 383 सड़कों पर यातायात पूरी तरह से बाधित है। शिमला-मनाली, चंडीगढ़-किन्नौर और मंडी-कुल्लू जैसे प्रमुख मार्गों पर मलबा जमा हो गया है, जिससे हजारों यात्री फंसे हुए हैं।
राज्य परिवहन सेवा (HRTC) की दर्जनों बसें मार्गों के बंद होने से स्थगित कर दी गई हैं और कई ग्रामीण इलाकों का संपर्क जिला मुख्यालयों से टूट चुका है। सड़क विभाग की मशीनें लगातार मलबा हटाने में लगी हैं, लेकिन लगातार बारिश के कारण कार्यों में बाधा आ रही है।
बिजली और पेयजल व्यवस्था भी ठप, मंडी और कुल्लू सबसे अधिक प्रभावित
भारी बारिश से न केवल यातायात प्रभावित हुआ है, बल्कि बिजली और पेयजल आपूर्ति भी बुरी तरह चरमरा गई है। पूरे राज्य में 263 बिजली ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं, जिनमें मंडी जिले में 128 और कुल्लू जिले में 62 ट्रांसफार्मर ठप्प हो गए हैं। इसके चलते सैकड़ों गांव अंधेरे में डूबे हुए हैं और कई दिनों से लोगों को बिजली की आपूर्ति नहीं मिल पा रही है।
इसके साथ ही राज्य में 220 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। बारिश के कारण जल स्रोतों में मलबा और गंदगी आने से सप्लाई रोकी गई है, जिससे लोगों को पीने के पानी के लिए भीषण संकट का सामना करना पड़ रहा है। जल शक्ति विभाग की टीमों को नुकसान का आकलन कर पुनर्बहाली का कार्य सौंपा गया है।
सरकार की कोशिशें तेज, एनडीआरएफ और सेना को किया गया तैनात
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र से मदद मांगी है। कई जिलों में एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की टीमों को भेजा गया है, जो बाढ़ग्रस्त और भूस्खलन प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि लापता लोगों की तलाश, घायलों के इलाज और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है। सेना और वायुसेना की मदद से कुछ क्षेत्रों में हवाई रेस्क्यू ऑपरेशन भी शुरू किए गए हैं। साथ ही, राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं।
प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे नदी-नालों के पास न जाएं, अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश इस समय गंभीर प्राकृतिक आपदा के दौर से गुजर रहा है। बारिश ने जिस तरह से जनजीवन को प्रभावित किया है, उससे स्पष्ट है कि राज्य को मजबूत आपदा प्रबंधन नीति और संरचना की आवश्यकता है।
अब जबकि मानसून का असर कुछ और सप्ताह तक रहने की संभावना है, प्रशासन और आमजन को मिलकर सतर्कता, संयम और सहयोग की भावना से आगे बढ़ना होगा। जरूरतमंदों की मदद और पुनर्वास की दिशा में ठोस कदम ही इस संकट से उबारने में कारगर साबित हो सकते हैं।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)