(अनदेखी खबर . दीपक कुमार संवाददाता शामली)
Deoband Saharanpur: कुकरमुत्ते की तरहा फैल रहे हैं फर्जी पत्रकार ?
- देवबंद। सहारनपुर जनपद फर्जी पत्रकारों का गढ बन गया है। जनपद के प्रत्येक नगर और कस्बे में गले मे पट्टा, गाडी पर प्रेस लिखे युवक घुमते नजर आयेगे। ऐसे फर्जी पत्रकारों की फोज नागरिकों प्रशासन के लिए एक बडी समस्या बनती जा रही है।यह बडा जांच का विषय बनता जा रहा है। पत्रकारों की इस भीड मे अधिकारी तक भ्रमित हो रहे है। जिला सूचनाधिकारी कार्यालय जिसकी यह जिम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करें की जनपद मे कितने पत्रकार हैं, वह कभी अपने दाइत्व को नही निभाता है। यही कारण है कि जनपद मे लगातार पत्रकारों की फौज खडी होती जा रही है। जनपद के सभी नगर व क़स्बों से लगातार पत्रकारों के द्वारा उत्पीडन के समाचार मिलते रहते है, कई बार शासन और प्रशासन मे इस सम्बंध मे शिकायतें भी हुई है पर जांच के नाम पर ठन ठन गोपाल वाली कहावत चरितार्थ हुई है। उल्लेखनीय है कि नगर और कस्बों में कुछ लोग गले मे आई कार्ड का पट्टा डालकर तथा वाहन पर प्रेस लिख कर घूमते नजर आते हैं। ताज़ा जानकारी मिली है कि बेहट तहसील के ग्राम जाटोवाला के एक अपाहिज राशन डीलर से कुछ ऐसे ही तथाकथित पत्रकारों ने डरा धमका कर अवैध वसूली की है और मामला चर्चा में है। एसडीएम बेहट को इस सम्बंध मे जांच कराकर कार्रवाई करनी चाहिए। सच्चाई यह है कि फर्जी पत्रकार बनाने के पीछे पुलिस और मोबाइल पत्रकारों का हाथ है। https://andekhikhabar.com/muzaffarnagar-traffic/
- देखने मे आरहा है कि जब से मोबाइल आया है, तभी से पत्रकारों की भीड चारों ओर नजर आने लगी है। पहले सोसल मीडिया के नाम पर सूचनाओं का आदान प्रदान मोबाइल के माध्यम से होता था और जब से यूं ट्यूब चैनल आये तो पत्रकार बनकर युवकों की लम्बी फोज चारों और नजर आने लगी है। इन कम पढे लिखे युवाओं के द्वारा पत्रकारिता की आड मे लोगों को भ्रमित करके आये दिन ठगा जा रहा है। इन तथाकथित फर्जी पत्रकारों को भ्रष्ट अधिकारियों व पुलिस वालों के द्वारा बढावा दिया जा रहा है क्योंकि इनके माध्यम से दलाली व रिश्वतखोरी की जा रहीं हैं। यह सब पत्रकारिता के लिए बडा कलंक है।
यदि जांच की जाए तो ऐसे पत्रकार पाए जायेगें जिनको समाचार लिखने को यदि कहा जाये तो लिख नही पायेगे और ये अपने आपको किसी पत्रकार संगठन, समाचार पत्र या तथाकथित चैनल का तहसील प्रभारी, नगर प्रभारी, जिला और मंडल प्रभारी बताते हैं। कई तथाकथित पत्रकारों की जब गहराई मे जाया गया तो सामने आया कि पूर्व मे यें लोग कोई सब्जी की रेडी लगता था तो कोई बाल काटने का खोका चलाता था। कोई ड्राइवर, कोई रिक्सा चलाता था। इतना ही नही गंडे तबीज बनाने वाले तक इस पवित्र पेशे को बदनाम करने आगये है। इन सभी को पत्रकारिता मे सम्मान, रोब और आमदनी अधिक नजर आई है।
Deoband Saharanpur: कुकरमुत्ते की तरहा फैल रहे हैं फर्जी पत्रकार ?
- इस तरह के लोग खुद को पत्रकार बताकर कभी स्टोन क्रेशरों, कभी खनन के पट्टे वालो, कभी राशन डीलरों के इर्द गिर्द अवैध वसूली करने को घूमते देखे जा सकते है तो कभी पेड कटान वाले स्थानों पर आसामी ढूंढते नजर आते है। ऐसे अधिकांश पत्रकार वीडियो बनाकर लोगों को निशाना बनाते है। इतना ही नही यदि कोई अपने घरों में मिट्टी का भराव करा रहा है तो ये गले मे पट्टा एवं हाथ में माइक लेकर उस पर किसी चैनल के नाम का रोब झाडकर वहां अवैध वसूली का प्रयास करते हैं।इनके द्वारा ब्लैकमेलिंग का खेल निडरता से चलाया जाता हैं।
Deoband Saharanpur: कुकरमुत्ते की तरहा फैल रहे हैं फर्जी पत्रकार ?
- ऐसे तथाकथित पत्रकारों के कारण इमानदार एवं साफ-सुथरी छवि वाले पत्रकारों के सम्मान को बडा आघात पहुंच रहा है। अधिकारी तक इनके मुकाबले वास्तविक पत्रकारों को वह सम्मान नहीं देते हैं जिसके वह हकदार हैं। ऐसे लोगो ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले मीडिया को पूरी तरह बदनाम कर के रख दिया है और अब साफ-सुथरी छवि वाले पत्रकारों को भी लोग हीन दृष्टि से देखने लगे हैं। जबकि समय-समय पर जागरूक लोगों द्वारा फर्जी पत्रकारों पर जनपद में मुकदमे तक हुए हैं, लेकिन ऐसे लोगों की फौज दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है। अब आवश्यक हो गया है कि सूचना विभाग पत्रकारों की लिस्ट मंगाकर उनके अखबारों और मईडियां संस्थानों से स्वयं सत्यता की जांच करें।
- जनपद सहारनपुर का कोई भी कस्बा ऐसे लोगों से अछूता नहीं अधिकारी तक ऐसे लोगों के भरम में आसानी से आ जाते हैं।
स्वच्छ छवि के पत्रकारों को भी बदनाम कर डाला है। आम जनता से निवेदन कृपया ऐसे लोगो से सावधान रहें।ओर ऐसे लोगो की पहले अच्छी तरह जानकारी जुटा ले और अगर आपको लग रहा है आपके साथ ये गलत हो रहा है तो फर्जी पत्रकारों की शिकायत तत्काल आप 112 पर करे जनहित में कर ऐसे लोगों को सलाखों के पीछे भेजने का कार्य करें