Memorandum Submitted : GST उत्पीड़न के विरोध में व्यापारियों ने सौंपा ज्ञापन मुख्यमंत्री को ?

Memorandum Submitted : GST उत्पीड़न के विरोध में व्यापारियों ने सौंपा ज्ञापन मुख्यमंत्री को

Memorandum Submitted : GST उत्पीड़न के विरोध में व्यापारियों ने सौंपा ज्ञापन मुख्यमंत्री को ?
Memorandum Submitted : GST उत्पीड़न के विरोध में व्यापारियों ने सौंपा ज्ञापन मुख्यमंत्री को ?
व्यापारियों का उत्पीड़न, धारा‑79 के दुरुपयोग और बैंक खातों की जब्ती
  • जौनपुर में उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष मुकुंद स्वरूप मिश्रा के आह्वान पर, जिलाध्यक्ष दिनेश टंडन के नेतृत्व में व्यापारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी को सौंपा। व्यापारियों का आरोप है कि GST विभाग धारा‑79 का दुरुपयोग करते हुए उन्हें निशाना बना रहा है और सचल दल के नाम पर सर्वे, छापों और बैंक खाते सीज करके धन निकासी कर रहा है।
  • जिलाध्यक्ष दिनेश टंडन ने बताया कि व्यापारी ईमेल से नोटिस प्राप्त नहीं कर पाते हैं, जिससे वे ग्रेड‑1 अधिकारी के समक्ष अपील भी नहीं कर पाते। उल्लंघन का दावा होने पर बिना उचित सुचना या सुनवाई के उनके बैंक खाते सीज कर दिए जाते हैं और राशि जब्त कर ली जाती है, जो व्यापार को बाधित कर रही है। यह नीतिगत उत्पीड़न व्यापारियों में निराशा और रोष का कारण बन रहा है।
सचल दल की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
  • प्रतिनिधिमंडल के नगर अध्यक्ष राधेरमण जायसवाल ने कहा कि प्रदेशभर में व्यापारियों को GST अधिकारी अनैतिक तरीके से उत्पीड़ित कर रहे हैं। उदाहरण के रूप में एटा जिले का उल्लेख करते हुए बताया गया कि घुंघरू व घंटा उद्योग के छोटे कुटीर उद्योगों से घर घर जाकर सर्वे के नाम पर दबाव बनाया जा रहा है। इसके अलावा, ई-वे बिल व अन्य तकनीकी भूलों पर भी पेनल्टी लगाकर जुर्माना वसूला जा रहा है, जबकि अपील के द्वारा रिफंड की बात कही जाती है, जिससे भ्रष्टाचार और मनमानी प्रक्रियाओं को बढ़ावा मिलता है
व्यापार मंडल की मांगें: नीति में सुधार की अपील
  • प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से निम्नलिखित मांगें की हैं:
  • धारा‑79 का दुरुपयोग बंद किया जाए और सर्वे, छापों, जब्ती की मनमानी रोक दी जाए

  • ईमेल नोटिस के बजाय वैकल्पिक सूचना माध्यम अपनाए, ताकि व्यापारी समय पर जानकारी प्राप्त कर सके।

  • अपील और टिब्यूनल सुविधा सुनिश्चित की जाए, ताकि व्यापारी न्याय के लिए स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ सके।

  • GST दरों को कम सरल और न्यायसंगत बनाया जाए, ताकि व्यापार सहनशील बना रहे।

  • ई-वे बिल जैसी तकनीकी भूलों पर कठोर जुर्माना लगाने की बजाय कोई संरचनात्मक सुधार हो, जिससे भ्रष्टाचार कम हो।

  • ज्ञापन में यह भी कहा गया कि यदि राज्य सरकार इस उत्पीड़न को रोकने, प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने और व्यापार को सुगम बनाने हेतु दिशा निर्देश नहीं देती तो प्रदेश की व्यापारिक प्रतिष्ठा और निवेश पर्यावरण प्रभावित होगा। कुल मिलाकर व्यापार मंडल ने सरकार से व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए नीति में सुधार की मांग की है
निष्कर्ष
  • जौनपुर व्यापार मंडल का यह कदम केवल स्थानीय शिकायत नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में व्याप्त GST विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाने जैसा है। व्यापारियों की मांग है कि विभाग धारा‑79 का समझदारी से प्रयोग करे, बिना सूचना/न्याय प्रक्रिया के जब्ती न करें और सूचनाओं के पारदर्शी हस्तांतरण व अपील प्रणाली सुनिश्चित करे
  • इस ज्ञापन और व्यापारियों की गतिविधि से यह स्पष्ट होता है कि यदि उचित सुधार नहीं किया गया, तो छोटे और मध्यम व्यापारियों में आक्रोश बढ़ सकता है, जिसका असर प्रदेश की आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन पर नकारात्मक होगा। उम्मीद की जा रही है कि मुख्यमंत्री तक पहुँचा यह ज्ञापन व्यापार सहायक माहौल बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम साबित हो।

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News Editor- (Jyoti Parjapati)

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