कस्तूरबा गांधी विद्यालयों का निरीक्षण छात्राओं की सुरक्षा और भवन गुणवत्ता पर विशेष जोर

आज जनपद के चारों कस्तूरबा गांधी
- आज जनपद के चारों कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों का व्यापक निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य विद्यालय भवनों की निर्माण गुणवत्ता की जांच, छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा एवं विद्यालय में उपलब्ध अन्य मूलभूत सुविधाओं का मूल्यांकन करना था। यह अभियान राज्य सरकार की उस नीति के अंतर्गत संचालित किया गया, जिसका उद्देश्य बालिका शिक्षा को सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण और सुविधाजनक बनाना है।
- निरीक्षण के दौरान संबंधित अधिकारियों और अधिकारियों की एक टीम ने विद्यालय परिसरों का दौरा किया, छात्राओं से संवाद किया और विद्यालय प्रशासन से समन्वय कर अनेक पहलुओं पर गहन समीक्षा की।
निरीक्षण की मुख्य बातें:
1. भवनों की गुणवत्ता और संरचना की जांच
निरीक्षण का प्राथमिक उद्देश्य विद्यालय भवनों की संरचनात्मक मजबूती और निर्माण गुणवत्ता की जांच करना था। निरीक्षण दल ने कक्षाओं, छात्रावास भवनों, रसोईघर, शौचालय, पेयजल व्यवस्था और सभा कक्ष का भौतिक सत्यापन किया।
- कई विद्यालयों में भवन की स्थिति संतोषजनक पाई गई।
- कुछ विद्यालयों में प्लास्टर झड़ने, सीलन और दरारों जैसी समस्याएं देखी गईं, जिनकी रिपोर्ट तैयार कर लोक निर्माण विभाग को मरम्मत हेतु प्रेषित की गई है।
- रसोईघर की सफाई व्यवस्था का विशेष निरीक्षण किया गया। कुछ स्थानों पर हाइजीन में सुधार की आवश्यकता महसूस की गई, जिसके लिए संबंधित कर्मचारियों को तत्काल निर्देश दिए गए।
2. छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था
निरीक्षण के दौरान छात्राओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। इस संबंध में कुछ प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया:
- सभी विद्यालयों में सुरक्षाकर्मी एवं चौकीदारों की उपस्थिति की जांच की गई।
- स्कूल परिसरों की सीमाएं चेक की गईं — कहीं पर चारदीवारी अधूरी पाई गई, जिसके संबंध में त्वरित कार्यवाही का निर्देश दिया गया।
- छात्रावास में रात्रिकालीन पर्यवेक्षण की व्यवस्था की पुष्टि की गई, ताकि छात्राएं पूरी तरह से सुरक्षित रह सकें।
- सीसीटीवी कैमरे के उपयोग की वर्तमान स्थिति का भी मूल्यांकन किया गया। जिन विद्यालयों में यह सुविधा नहीं थी, वहां शीघ्र स्थापना की संस्तुति की गई।
3. छात्राओं से सीधा संवाद
निरीक्षण दल ने विद्यालय में अध्ययनरत छात्राओं से सीधे संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं और यह जानने का प्रयास किया कि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा तो नहीं हो रही है।
- कई छात्राओं ने भोजन की गुणवत्ता, स्वास्थ्य सुविधा, पुस्तकें और वर्दी जैसे मुद्दों पर फीडबैक दिया।
- अधिकांश छात्राएं विद्यालय की व्यवस्था से संतुष्ट नजर आईं, हालांकि कुछ ने गर्मियों में पंखों की कमी की बात कही। इस पर विद्यालय प्रबंधन को तुरंत समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए।
4. शैक्षणिक गतिविधियों का मूल्यांकन
शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर शिक्षकों से शैक्षणिक प्रगति रिपोर्ट मांगी गई। कक्षाओं में जाकर पढ़ाई के स्तर को समझने का प्रयास किया गया।
- पठन-पाठन की नियमितता अच्छी पाई गई।
- कुछ विद्यालयों में टीचिंग लर्निंग मटेरियल की उपलब्धता सीमित पाई गई, जिसे जल्द उपलब्ध कराने का वादा किया गया।
- छात्राओं की परीक्षा रिपोर्ट और परिणामों की भी समीक्षा की गई।
5. अन्य सुविधाएं और सुझाव
निरीक्षण में यह भी देखा गया कि क्या विद्यालयों में पर्याप्त पीने का पानी, स्वच्छ शौचालय, पुस्तकालय, खेलकूद सामग्री, प्रथम उपचार की सुविधा इत्यादि उपलब्ध हैं।
- अधिकांश विद्यालयों में बुनियादी सुविधाएं मौजूद थीं, लेकिन कहीं-कहीं जलशोधन प्रणाली की आवश्यकता महसूस की गई।
- प्राथमिक उपचार की किट अद्यतन न होने की शिकायत आई, जिस पर स्वास्थ्य विभाग को समन्वय कर व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए गए।
अधिकारियों को दिए गए निर्देश:
निरीक्षण के उपरांत संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों, बालिका शिक्षा समन्वयकों, प्रधानाचार्यों एवं प्रबंधकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। उनमें प्रमुख हैं:
- छात्राओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देना और सुरक्षा गार्ड की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना।
- भोजन, पानी, साफ-सफाई की स्थिति का प्रतिदिन निरीक्षण करना।
- स्वास्थ्य परीक्षण शिविरों का आयोजन कराना।
- भवनों की मरम्मत के लिए समयबद्ध प्रस्ताव भेजना और कार्यों की मॉनिटरिंग करना।
- छात्रावास की निगरानी के लिए रात्रिकालीन महिला वार्डन की नियुक्ति सुनिश्चित करना।
- शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अध्यापकों को नवाचार एवं ICT आधारित शिक्षा से जोड़ना।
निष्कर्ष:
आज का यह निरीक्षण केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि बेटियों के भविष्य को सुरक्षित, सशक्त और गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में एक ठोस कदम था। शासन स्तर पर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय न केवल शिक्षा के केंद्र हों, बल्कि एक ऐसा सुरक्षित और प्रगतिशील वातावरण भी प्रदान करें, जहां छात्राएं आत्मविश्वास और सम्मान के साथ सीख सकें।
इस निरीक्षण अभियान की रिपोर्ट जिला मुख्यालय को प्रेषित की गई है, जिससे शासन स्तर पर आवश्यक संसाधन और तकनीकी सहायता प्रदान की जा सके। आने वाले समय में ऐसे निरीक्षण और भी सघन रूप से किए जाएंगे, ताकि बालिका शिक्षा मिशन को और अधिक सशक्त बनाया जा सके।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)
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