Successful operation : नो हेलमेट, नो फ्यूल अभियान के अंतर्गत जनपद में जागरूकता कार्यक्रम का सफल संचालन ?

Successful operation : नो हेलमेट, नो फ्यूल अभियान के अंतर्गत जनपद में जागरूकता कार्यक्रम का सफल संचालन

Successful operation : नो हेलमेट, नो फ्यूल अभियान के अंतर्गत जनपद में जागरूकता कार्यक्रम का सफल संचालन ?
Successful operation : नो हेलमेट, नो फ्यूल अभियान के अंतर्गत जनपद में जागरूकता कार्यक्रम का सफल संचालन ?
जनपद में सड़क सुरक्षा को लेकर शासन के निर्देशानुसार
  • परिवहन आयुक्त के द्वारा “नो हेलमेट, नो फ्यूल” अभियान दिनांक 01 सितंबर 2025 से 30 सितंबर 2025 तक संचालित किया जा रहा है। इसी क्रम में जिला पूर्ति अधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि इस विशेष अभियान को जनपद में प्रभावी और सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने हेतु व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई हैं। अभियान का उद्देश्य मोटरसाइकिल और स्कूटर चालकों को हेलमेट की अनिवार्यता के प्रति जागरूक करना है तथा सड़क दुर्घटनाओं को कम करने हेतु नागरिकों को जिम्मेदार यातायात व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित करना है।
  • उक्त अभियान के अंतर्गत खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारियों तथा पूर्ति निरीक्षकों द्वारा जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित लगभग 50 पेट्रोल पंपों पर एक साथ भ्रमण कर जागरूकता कार्यक्रम संचालित किया गया। इन पेट्रोल पंपों पर अधिकारियों की टीम ने पेट्रोल पंप स्वामियों के साथ संवाद करते हुए उन्हें “नो हेलमेट, नो फ्यूल” के निर्देशों से अवगत कराया तथा उनसे अनुरोध किया कि वे अपने-अपने पंपों पर स्पष्ट रूप से ऐसे बैनर और पोस्टर लगाएं जिनमें यह संदेश अंकित हो कि “अगर हेलमेट नहीं, तो पेट्रोल नहीं।”
अभियान के अंतर्गत पेट्रोल पंप स्वामियों को यह भी बताया गया कि
  • यह नियम केवल शासन की अनिवार्यता नहीं है, बल्कि जनहित में एक आवश्यक कदम है जिससे आम जनता विशेषकर दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। हेलमेट न पहनने वाले चालकों को ईंधन न देने का यह नियम न केवल अनुशासन बढ़ाएगा, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाकर जीवन रक्षा में भी सहायक सिद्ध होगा।
  • अभियान के दौरान पेट्रोल पंपों पर मौजूद वाहन चालकों से सीधा संवाद किया गया। मौके पर उपस्थित अधिकारियों द्वारा चालकों को बताया गया कि किस प्रकार हेलमेट जीवन रक्षा का साधन है और एक छोटी सी लापरवाही जानलेवा हो सकती है। कई चालकों ने हेलमेट न पहनने के पीछे असुविधा, जल्दबाजी या लापरवाही जैसे कारण बताए, जिन्हें अधिकारियों ने धैर्यपूर्वक सुना और उन्हें तर्कों व आंकड़ों के माध्यम से हेलमेट की आवश्यकता को समझाया। इसके साथ ही, कुछ स्थानों पर लघु संवाद कार्यक्रम भी आयोजित किए गए, जहां उपस्थित लोगों से प्रश्न पूछकर हेलमेट के बारे में उनकी जानकारी परखा गया और सही जानकारी देने पर उन्हें प्रोत्साहित भी किया गया।
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अभियान का एक विशेष पक्ष यह रहा कि
  • इस बार इसे केवल दंडात्मक रूप में न लेकर एक सकारात्मक जन-जागरूकता अभियान के रूप में संचालित किया गया है। प्रशासन का उद्देश्य जनता को डराकर नहीं, बल्कि समझाकर यातायात नियमों का पालन करवाना है। इसीलिए पोस्टर, स्लोगन, संवाद, प्रत्यक्ष मुलाकात एवं स्थानीय स्तर पर जनसहभागिता के माध्यम से इस अभियान को जन-आंदोलन का रूप देने का प्रयास किया जा रहा है।
  • पेट्रोल पंपों पर “नो हेलमेट, नो फ्यूल” के बैनर और पोस्टर लगाने के निर्देशों के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया गया कि पंप कर्मचारी इस नियम को कड़ाई से लागू करें। अधिकारियों ने बताया कि भविष्य में निरीक्षण के दौरान यदि किसी पंप पर इस नियम का पालन न होता पाया गया तो संबंधित पंप के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही भी की जाएगी।
  • खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारियों ने यह भी बताया कि आने वाले दिनों में इस अभियान की मॉनिटरिंग और अधिक सख्ती से की जाएगी। आमजन से अपेक्षा की गई कि वे स्वयं भी इस नियम का पालन करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। इस अवसर पर अधिकारियों ने यह भी बताया कि बच्चों, महिलाओं एवं अन्य नागरिकों को सड़क सुरक्षा के प्रति सजग बनाने हेतु विद्यालयों, बाजारों एवं सार्वजनिक स्थलों पर भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इस अभियान के माध्यम से यह संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है कि
  • हेलमेट केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि जीवन रक्षा की प्राथमिक शर्त है। छोटी-छोटी आदतें जब नागरिकों की जीवनशैली का हिस्सा बनती हैं, तभी समाज में स्थायी परिवर्तन संभव हो पाता है। “नो हेलमेट, नो फ्यूल” का यह संदेश अब केवल सरकारी नियम नहीं, बल्कि जन-भावना और सामाजिक उत्तरदायित्व का प्रतीक बनता जा रहा है।
  • अभियान में सम्मिलित अधिकारियों ने अभियान के सफल संचालन के लिए स्थानीय प्रशासन, पेट्रोल पंप संचालकों, मीडिया प्रतिनिधियों एवं आम नागरिकों के सहयोग की सराहना की तथा उम्मीद जताई कि सभी के समन्वित प्रयासों से यह अभियान जनपद में न केवल सफल होगा, बल्कि आने वाले वर्षों में इसे स्थायी नियम के रूप में अपनाया जाएगा।
  • इस प्रकार जनपद में “नो हेलमेट, नो फ्यूल” अभियान न केवल एक प्रशासनिक पहल है, बल्कि यह एक सामाजिक आंदोलन बनकर उभर रहा है, जो नागरिकों में सुरक्षा, अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना को मजबूत कर रहा है। यह पहल न केवल आज की पीढ़ी को सुरक्षित करेगी, बल्कि आने वाले समय में यातायात अनुशासन को जनमानस की आदत का हिस्सा भी बनाएगी।

News Editor- (Jyoti Parjapati)

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