Ready to leave : दिल्ली-NCR में घुट रहा लोगों का दम, GDP में भी भारी नुकसान; करीब आधी आबादी दिल्ली छोड़ने को तैयार

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नई दिल्ली। सर्दियां दस्तक दे रही हैं। इसी के साथ हवा में घुले जहर की मात्रा भी बढ़ गई है। पिछले एक दशक से सर्दियों का मौसम दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत के लिए धुंध और वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर के लिए जाना जाता है। उत्तर भारत में देश की आबादी का बड़ा हिस्सा रहता है और खेती के लिहाज से सबसे उपजाऊ जमीन और पानी की प्रचुर उपलब्धता भी यहां है। पूरे उत्तर भारत में प्रदूषण का यह खतरनाक स्तर तब है, जब यह क्षेत्र औद्योगिकीकरण से कमोबेश अछूता है।
सर्दियों से ठीक पहले हवा में घुले जहर की बात शुरू होती है। इसे नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार संस्थाएं हरकत में आती हैं। जैसे दिल्ली में कृत्रिम बारिश की तैयारी हो रही है और कुछ तात्कालिक कदम उठाए जाते हैं। गर्मियों की आहट के साथ ये संस्थाएं भी अपने प्रयासों की इतिश्री कर लेती हैं। यही कारण हैं कि वर्षों से यह समस्या जस की तस है। जहरीली हवाओं की कीमत हमें किस तरह से चुकानी पड़ रही है और वायु प्रदूषण पर लगाम के लिए जिम्मेदार तंत्र इसके लिए क्या कर रहा है, इसकी पड़ताल ही आज का मुद्दा है…
प्रदूषण कैसे कर रहा लोगों को प्रभावित? काम पर न जाने का असर उन कर्मचारियों पर ज्यादा होता है, जिन पर परिवार के सदस्य आर्थिक तौर पर निर्भर हैं वायु प्रदूषण की वजह से कर्मचारियों की उत्पादकता घटती है, इससे कंपनियों का मुनाफा प्रभावित होता है । कौशल वाली सेवाओं और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर इसका काफी असर पड़ता है। कितना घातक है वायु प्रदूषण? 17 लाख असमय मौतें हुई भारत में 2019 में वायु प्रदूषण के कारण, समान अवधि में हुई कुल मौतों का 18 प्रतिशत।

Ready to leave : दिल्ली-NCR में घुट रहा लोगों का दम, GDP में भी भारी नुकसान; करीब आधी आबादी दिल्ली छोड़ने को तैयार ? 4% जीडीपी का नुकसान हो रहा है कोलकाता को वायु प्रदूषण से। 1.3% की गिरावट के लिए जिम्मेदार है वायु प्रदूषण भारत के उपभोक्ता खर्च में। 7.1% की गिरावट दर्ज की गई है अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के सेगमेंट में। किस क्षेत्र पर क्या प्रभाव? आईटी सेक्टर 1.3 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ रहा है आइटी सेक्टर को प्रदूषण की वजह से उत्पादकता के मोर्चे पर सालाना उपभोक्ता अर्थव्यवस्था पर असर
22 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ रहा है अर्थव्यवस्था को उपभोक्ताओं का फुटफॉल कम होने के कारण पर्यटन क्षेत्र पर असर 1.7 अरब डॉलर का नुकसान हो रहा है पर्यटन क्षेत्र को पर्यटकों की संख्या में गिरावट से। स्वास्थ्य संकट श्रम उत्पादकता पर असर 6 अरब डॉलर का सालाना नुकसान उठाना पड़ा कार्य दिवस में कमी आने से नियोक्ताओं को1.3 अरब कार्य दिवस का नुकसान उठाना पड़ा नियोक्ताओं को वायु प्रदूषण की वजह से टैलेंट हब के तौर पर कम हो सकता है दिल्ली का आकर्षण
दिल्ली के 17 हजार निवासियों पर किए गए एक सर्वे में पाया गया कि 40 प्रतिशत लोग वायु प्रदूषण और इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर से बचने के लिए शहर से बाहर जाना पसंद करेंगे। यह समस्या सिर्फ आर्थिक रूप से सक्षम लोगों तक ही सीमित नहीं है। एक अलग अध्ययन में पाया गया कि लगभग 57 प्रतिशत प्रवासी श्रमिक दिल्ली के मुकाबले अपने गृह नगर में रहना पसंद करते हैं। इसकी वजहों में हवा की गुणवत्ता भी शामिल है। दिल्ली को जीडीपी का छह प्रतिशत नुकसान दिल्ली राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव के लिए जानी जाती है। हालांकि, वायु प्रदूषण की समस्या की वजह से 2019 में इसे 5.6 अरब डालर (जीडीपी का छह प्रतिशत) का नुकसान हुआ। 45 अरब डॉलर का नुकसान हो रहा है अर्थव्यवस्था को प्रदूषण के कारण होने वाली असमय मौतों
News Editor- (Jyoti Parjapati)
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