Promoted : कौन हैं आईपीएस डीके ठाकुर, जिन्हें योगी सरकार में डीजी रैंक पर प्रमोट किया गया

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा में अपनी ईमानदारी,
- सख्त अनुशासन और बेधड़क कार्यशैली के लिए मशहूर आईपीएस अधिकारी ध्रुव कांत ठाकुर (डीके ठाकुर) को प्रमोट कर दिया गया है। उनको एडीजी रैंक से डीजी रैंक पर पदोन्नति मिल गई है। आईपीएस डीके ठाकुर ने अपने कार्यकाल में कई अहम पदों पर जिम्मेदारी संभाली है। वो राजधानी लखनऊ में एसएसपी से लेकर पुलिस कमिश्नर तक की भूमिका निभा चुके हैं। आईपीएस डीके ठाकुर मौजूदा समय में एडीजी एसएसएफ के पद पर तैनात थे, लेकिन अब उनका डीजी पद पर प्रमोशन हो गया है।
- राज्यपाल की स्वीकृति के बाद गृह विभाग ने 31 अक्टूबर को आदेश जारी कर दिया है। जारी आदेश के मुताबिक, 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी ध्रुव कांत ठाकुर को 1 नवंबर 2025 और कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से पुलिस महानिदेशक (पे-मैट्रिक्स लेवल-16, ₹2,05,400-₹2,24,400) के पद पर पदोन्नति प्रदान की जाती है। डीके ठाकुर की नई तैनाती का आदेश अलग से जारी होगा। आदेश पर सचिव अटल कुमार राय के हस्ताक्षर हैं। इस तरह उन्हें एडीजी (अपर पुलिस महानिदेशक) से डीजी (पुलिस महानिदेशक) पद पर पदोन्नत कर दिया है।
1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं
- बताते चलें कि डीके ठाकुर 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और तीन दशक के अपने पुलिस करियर में उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली हैं। वह इस समय एडीजी, एसएसएफ (स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स) के पद पर तैनात थे। इससे पहले वह एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) में एडीजी और सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) में भी महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। डीके ठाकुर को साल 2009 में डीआईजी, 2013 में आईजी और 2019 में एडीजी बनाया गया था। अब छह साल बाद उन्हें डीजी रैंक पर पदोन्नत किया गया है।

Promoted : कौन हैं आईपीएस डीके ठाकुर, जिन्हें योगी सरकार में डीजी रैंक पर प्रमोट किया गया ?
लखनऊ में चर्चा में रहे डीके ठाकुर
- राजधानी लखनऊ में डीके ठाकुर की तैनाती हमेशा चर्चा में रही है। उन्होंने यहां एसएसपी, डीआईजी और बाद में पुलिस कमिश्नर के रूप में जिम्मेदारी संभाली है। बसपा सरकार में 2010 से 2012 तक लखनऊ के एसएसपी भी रह चुके हैं। इसके 10 साल बाद 2020 में लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्त हुए थे। अपने सख्त निर्णयों और जनसुलभ व्यवहार के कारण वे जनता और पुलिस दोनों के बीच सम्मानित रहे हैं। उनके कार्यकाल में लखनऊ में छह नए थाने पीजीआई, गौतमपल्ली, जानकीपुरम, पारा, विभूति खंड और इंदिरानगर की स्थापना हुई थी। साथ ही एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को थाने की तरह काम करने के लिए सक्रिय किया गया था।
गोरखपुर से करियर की शुरुआत
- डीके ठाकुर ने अपने पुलिस करियर की शुरुआत साल 1996 में गोरखपुर में बतौर एएसपी से की थी। इसके बाद उन्होंने गोंडा, हरदोई, वाराणसी, सुल्तानपुर, बागपत, चंदौली, कानपुर देहात, अंबेडकरनगर, उन्नाव और लखनऊ जैसे जिलों में एसपी और एसएसपी के रूप में काम कर चुके हैं। कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण और प्रशासनिक दक्षता में वह हमेशा अलग पहचान बनाते रहे हैं। डीके ठाकुर को उनकी ईमानदारी और निष्पक्षता के लिए जाना जाता है। उन्होंने कभी भी कानून व्यवस्था पर समझौता नहीं किया है।
बिहार में हुआ जन्म
- ध्रुव कांत ठाकुर का जन्म 1 जनवरी 1970 को बिहार के मधेपुरा जिले में हुआ था। उन्होंने संस्कृति विषय में एमए किया है और गुरुकुल पद्धति से शिक्षा प्राप्त की है। तीन दशक की सेवा के दौरान उन्होंने विधानसभा और लोकसभा चुनावों सहित कई संवेदनशील अभियानों का सफल नेतृत्व किया है। डीके ठाकुर न केवल एक सख्त अफसर माने जाते हैं, बल्कि जनता से सीधे संवाद करने वाले अधिकारी के रूप में भी उनकी पहचान है। उनकी निष्ठा, कार्यकुशलता और ईमानदारी ने उन्हें यूपी पुलिस में एक आदर्श अधिकारी का दर्जा दिलाया है।
News Editor- (Jyoti Parjapati)
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