For prevention in Meerut : साइबर अपराधो की रोकथाम हेतु मेरठ रेंज में की गयी कार्रवाई

NCRP पोर्टल पर दर्ज शिकायतो से सम्बन्धित 2001 मोबाइल नं0 व 259 IMEI ब्लॉक
▪ प्रतिबिम्ब पोर्टल पर प्रदर्शित संदिग्ध 761 मोबाइल नम्बरो पर कार्रवाई
▪ 290 म्यूल खाते फ्रीज, 09 करोड़ रूपये की धनराशि कराई लीन/फ्रीज
▪ साइबर जागरुकता हेतु 1814 कार्यक्रम आयोजित
- साइबर अपराधों की रोकथाम, आर्थिक धोखाधड़ी के मामलों में प्रभावी कार्यवाही एवं पीड़ितों को शीघ्र राहत प्रदान करने के उद्देश्य से डीआईजी मेरठ रेंज श्री कलानिधि नैथानी द्वारा परिक्षेत्र के समस्त जनपदों में NCRP पोर्टल पर पंजीकृत शिकायतों, एफआईआर, मोबाइल/IMEI ब्लॉकिंग तथा म्यूल बैंक खातों के विरुद्ध की गई कार्रवाई की गहन समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश समय समय पर निर्गत किये गये है, जिस पर कार्रवाई करते हुए परिक्षेत्र के अधीनस्थ जनपदो द्वारा दिनांक 01.04.2025 से 07.12.2025 तक निम्नांकित कार्यवाही की गई हैः-
➡ NCRP पोर्टल पर शिकायत दर्ज होने के उपरान्त ब्लॉक किए गए मोबाइल नंबरों की संख्या – 2001
• मेरठ – 785
• बुलंदशहर – 777
• बागपत – 153
• हापुड़ – 286
➡ ब्लॉक किए गए IMEI नंबरों की संख्या – 259
• मेरठ – 55
• बुलंदशहर – 83
• बागपत – 42
• हापुड़ – 79
➡ प्रतिबिम्ब पोर्टल पर प्रदर्शित संदिग्ध मोबाइल नंबरों के विरूद्ध कार्रवाई – 761
• मेरठ – 415
• बुलंदशहर – 130
• बागपत – 76
• हापुड़ – 140
➡ NCRP पोर्टल पर शिकायतों में प्रकाश में आए म्यूल बैंक खातों की संख्या – 1286: (ऐसा खाता जिसका इस्तेमाल अपराधी अवैध रुप से अर्जित धन को वैध दिखाने के लिए करते हैं।)
• मेरठ – 733
• बुलंदशहर – 56
• बागपत – 430
• हापुड़ – 67
➡ डेबिट फ्रीज कराए गए म्यूल बैंक खातों की संख्या – 290
• मेरठ – 82
• बुलंदशहर – 56
• बागपत – 85
• हापुड़ – 67
➡ फ्रॉड धनराशि के सापेक्ष लीन कराई गई धनराशि – 10.5 करोड़
• मेरठ – 05 करोड़
• बुलंदशहर – 03 करोड़
• बागपत – 85 लाख
• हापुड़ – 1.6 करोड़
➡ ₹05 लाख या उससे अधिक धनराशि के प्रकरणों में पंजीकृत FIR – 90
• मेरठ – 39
• बुलंदशहर – 28
• बागपत – 2
• हापुड़ – 21
➡ NCRP पोर्टल पर दर्ज शिकायतो का निस्तारण – 7805
• मेरठ – निस्तारित- 4086
• बुलंदशहर – निस्तारित- 2567
• बागपत – निस्तारित- 577
• हापुड़ – निस्तारित- 575
➡ साइबर जागरुकता हेतु कार्यक्रम – 1814

जनता को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए
- परिक्षेत्र के जनपदों को डीआईजी महोदय द्वारा दिये गये दिशा–निर्देश…
➡ NCRP पोर्टल पर प्राप्त प्रत्येक शिकायत का समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाए ।
➡ म्यूल बैंक खातों के विरुद्ध त्वरित डेबिट फ्रीज एवं वैधानिक कार्रवाई की जाए ।
➡ मोबाइल नंबर एवं IMEI ब्लॉकिंग की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया जाए ।
➡ आमजन को साइबर अपराधों से बचाव एवं NCRP पोर्टल के उपयोग के प्रति निरंतर जागरूक किया जाए ।
➡ शासन द्वारा चलाये जा रहे साईबर जागरुकता अभियान को थाना प्रभारी गम्भीरता से ले तथा साइबर सैल/ थाना मे नियुक्त अधिकारी/ कर्मचारी साइबर की अच्छी जानकारी रखे ताकि मामलों की गहन जाँच की जा सके ।
➡ गम्भीर संज्ञेय अपराधों, प्रकाश में आए गैंग्स, कॉल सेंटर्स जो संगठित तरीके से अपराध कर रहे हैं, किसी मोबाइल नम्बर या उससे जुड़े अन्य कारकों के खिलाफ बहुत सारी शिकायतें हैं आदि तरह के मामलों को प्राथमिकता में रखकर अभियोग पंजीकृत कर कार्यवाही की जाए ।
➡ छोटी-छोटी धनराशि के फ्रॉड कर रहे गैंग्स के प्रकाश में आने पर तुरन्त अभियोग पंजीकृत कर कार्यवाही की जाए व सभी Suspect Factors को Block करवाया जाए ।
➡ जिन वित्तीय अपराधों में फ्रॉड हुई धनराशि बैंकों में Lien है उनमें प्रयास कर मा० न्यायालय से आदेश कराकर धनराशि पीडित को वापस दिलायी जाए ।
➡ साइबर अपराधियों से बरामद कम्प्यूटर उपकरण आदि का विवरण समन्वय पोर्टल पर अवश्य अपलोड किया जाये जिससे उस अभियुक्त द्वारा किये गये अन्य अपराधों के लिंकिजेज का पता किये जा सकें ।
➡ यदि किसी व्यक्ति के साथ साइबर फ्रॉड का प्रयास हुआ है लेकिन फ्रॉड हो नहीं पाया है तो Suspect mobile numbers आदि की जांच कर मोबाइल नम्बर व IMEI ब्लॉक करवाने की कार्यवाही की जाए। साथ ही यह भी जांच कर ली जाए की इससे पूर्व उक्त मोबाईल नम्बर से फ्रॉड की कोई शिकायत तो दर्ज नही है।
➡ ऐसा Online ग्रुप जो साइबर अपराधियों का हो उसके सम्बन्ध मे शिकायत प्राप्त हो तो त्वरित कार्यवाही करते हुए ग्रुप को ट्रेस कराकर अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए।
➡ गार्ड फाईल को अपडेट करे तथा सर्कुलर को पढ़कर उसके अनुसार कार्यवाही करें।
➡ धोखाधडी की रकम को ज्यादा से ज्यादा वापस कराने का प्रयास करें ।
➡ प्रत्येक माह के प्रथम बुद्धवार को साईबर टीम द्वारा स्कूल, बस स्टैण्ड, व ग्राम मे जाकर राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) के बारे में जनता को जागरुक करे। इसमें संदिग्ध कॉल, संदिग्ध ऐप्स, डिजिटल अरेस्ट, फेक लोन फ्रॉड, ऑनलाइन धोखाधड़ी, हैकिंग, फिशिंग आदि से बचाव के तरीके बताए।
➡ थानो पर NCRP पोर्टल के माध्यम से प्राप्त होने वाली शिकायतो को प्रतिदिन सम्बधित जांच अधिकारी से जांच कराकर अग्रिम विधिक कार्यवाही की जाये तथा थाना प्रभारी स्वयं पोर्टल की मानिटिरिंग करे। इसके लिये जनपदीय स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त करे ।
➡ थाने पर आने वाले व्यक्तियो को फिशिंग, पासवर्ड सुरक्षा और सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार के बारे में शिक्षित किया जाये तथा डायल 1930 का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार कराये ।
➡ आम जनता में, विशेष रूप से छात्रों और बुजुर्गों के बीच, साइबर अपराधों की रोकथाम हेतु जागरूकता (Awareness) फैलाना। इसमें संदिग्ध कॉल, संदिग्ध ऐप्स, डिजिटल अरेस्ट, फेक लोन फ्रॉड आदि से बचने के तरीके बताना शामिल है।
नोटः- कोई भी नागरिक साइबर ठगी के मामलो मे NCRP पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) या हेल्पलाइन नंबर 1930 के माध्यम से साइबर अपराध की शिकायत दर्ज कर सकता है।
News Editor- (Jyoti Parjapati)
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