A flood of devotees : नान राठेस्वऱ महादेव मंदिर में हुआ भव्य जलाभिषेक सावन के पावन अवसर पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

सावन के पावन महीने में हजारों श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक
- जालौन जनपद के अंतर्गत स्थित नान राठेस्वऱ महादेव मंदिर में सावन के पवित्र महीने के अवसर पर भव्य जलाभिषेक का आयोजन किया गया। भोर से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें मंदिर परिसर में देखी गईं। शिवभक्त कांवड़ लेकर दूर-दूर से पहुंचे और ‘बोल बम’ के जयकारों के साथ शिवलिंग पर जल अर्पित किया। हर साल की तरह इस बार भी सावन मास के इस खास मौके पर मंदिर में शिवभक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली।
- श्रद्धालु कांवड़ लेकर मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही भावविभोर हो गए। जलाभिषेक की प्रक्रिया मंदिर के पुजारियों द्वारा विधिवत संपन्न कराई गई। श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, बेलपत्र, भस्म और पुष्प अर्पित किए। इस अवसर पर भक्ति गीतों और हर-हर महादेव के नारों से समूचा वातावरण शिवमय हो गया।
विशाल भंडारे और मेले में उमड़ा जनसैलाब, श्रद्धालुओं ने लिया प्रसाद
- नान राठेस्वऱ महादेव मंदिर के प्रांगण में प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी विशाल भंडारे और मेले का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। मंदिर के पूर्व प्रधान सत्यपाल सिंह यादव ने जानकारी दी कि यह प्राचीन शिव मंदिर आस्था का केंद्र है, जहां हर साल सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। मंदिर के प्रति लोगों की आस्था इतनी गहरी है कि यहां आने वाला प्रत्येक भक्त यह मानता है कि उनकी मनोकामनाएं शिवजी अवश्य पूरी करते हैं।
- सत्यपाल सिंह यादव ने बताया कि यहां लगने वाला मेला केवल धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सामाजिक समरसता और लोकसंस्कृति का भी प्रतीक है। मेले में आसपास के गांवों से आए लोग दुकानों पर खरीदारी करते हैं, झूले, खेल-खिलौनों और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का आनंद लेते हैं। भंडारे में लोगों को ससम्मान भोजन कराया गया जिसमें खिचड़ी, सब्जी, पूड़ी और हलवा आदि परोसा गया।
शिवलिंग का चमत्कार और भक्तों की अपार श्रद्धा
- इस मंदिर से जुड़ी एक विशेष मान्यता है जो श्रद्धालुओं की आस्था को और प्रबल करती है। पूर्व प्रधान सत्यपाल सिंह यादव के अनुसार, यह शिवलिंग एक विशेष चमत्कार से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि सावन महीने के दौरान हर साल यह शिवलिंग स्वतः कुछ सेंटीमीटर ऊंचा हो जाता है। यह रहस्यमयी घटना वर्षों से देखी जाती रही है, जिसे लेकर लोगों में गहरी आस्था है। यही कारण है कि सावन के इस पर्व पर दूर-दूर से भक्त इस चमत्कारी शिवलिंग के दर्शन हेतु यहां आते हैं।
- श्रद्धालु यह विश्वास रखते हैं कि जो कोई भी सच्चे मन से यहां आकर शिवलिंग पर जल चढ़ाता है और अपनी मनोकामना करता है, उसकी हर इच्छा पूर्ण होती है। इस आस्था को देखते हुए हर साल सावन में मेले और भंडारे का आयोजन अधिक भव्य होता जा रहा है। मेले में सुरक्षा व्यवस्था भी पुख्ता रही। प्रशासन द्वारा पुलिस बल की तैनाती की गई थी ताकि भीड़ को नियंत्रित रखा जा सके। साफ-सफाई, पेयजल, मेडिकल सहायता जैसी व्यवस्थाएं भी मुहैया कराई गई थीं।
निष्कर्ष:
नान राठेस्वऱ महादेव मंदिर सावन के पवित्र महीने में सिर्फ धार्मिक स्थल नहीं रह जाता, बल्कि श्रद्धा, संस्कृति और सामूहिकता का जीवंत उदाहरण बन जाता है। शिवलिंग का रहस्यमय चमत्कार, विशाल भंडारा, मेले की रौनक और श्रद्धालुओं की अपार आस्था इसे एक विशेष धार्मिक आयोजन बना देती है। यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक बल देता है बल्कि सामाजिक सौहार्द और एकता को भी सशक्त करता है।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)