A tree for mother : विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस एवं एक पेड़ माँ के नाम अभियान  ?

A tree for mother : विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस एवं एक पेड़ माँ के नाम अभियान

A tree for mother : विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस एवं एक पेड़ माँ के नाम अभियान  ?
A tree for mother : विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस एवं एक पेड़ माँ के नाम अभियान  ?

भूमिका:

  • प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन, वनों की अंधाधुंध कटाई, और प्रदूषण की बढ़ती समस्या के चलते पृथ्वी पर जीवन संकट में पड़ता जा रहा है। ऐसे में प्रकृति संरक्षण की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है। हर वर्ष 28 जुलाई को विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य मानव को प्रकृति के प्रति जागरूक करना और उसके संरक्षण के लिए प्रेरित करना होता है। इसी कड़ी में इस वर्ष नेशनल इंटीग्रेटेड फोरम ऑफ आर्टिस्ट्स एंड एक्टिविस्ट्स (NIFA) तथा ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति द्वारा “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत जौनपुर जनपद में वृहद पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम की रूपरेखा और उद्देश्य:

  • इस विशेष अवसर पर निफा जौनपुर के पदाधिकारियों तथा ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति के सहयोग से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जनसामान्य को पर्यावरण के प्रति सजग करना, हर व्यक्ति को एक पौधा अपनी माता के नाम समर्पित करने हेतु प्रेरित करना और पृथ्वी को हरा-भरा बनाना था। “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान केवल पौधारोपण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक भावनात्मक जुड़ाव है जिससे व्यक्ति वृक्ष को अपनी माँ जैसा समझे और उसकी देखभाल करे।

कार्यक्रम की मुख्य गतिविधियाँ और सहभागिता:

  • इस वृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में सैकड़ों पौधे लगाए गए। कार्यक्रम में मुख्य रूप से निफा के जिला सचिव अमित सिंह, जिला को-ऑर्डिनेटर सौरभ सिंह, तथा अध्यक्ष कुमार अनुज सिंह की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। इनके नेतृत्व में पौधारोपण का कार्य बड़े ही उत्साह और अनुशासन के साथ संपन्न हुआ।
  • कार्यक्रम के दौरान अमित सिंह ने बताया कि निफा, जिसे अब तक छह बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है, इस वर्ष अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण कर रहा है। इस सिल्वर जुबली के अवसर पर पूरे देश में वृहद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें पौधारोपण को विशेष महत्व दिया गया है। उन्होंने कहा कि निफा का लक्ष्य है कि इस वर्ष देशभर में ढाई लाख पौधे लगाए जाएं और उनका संरक्षण किया जाए।

पर्यावरण संरक्षण का महत्व:

  • वर्तमान समय में जब ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई, और जैव विविधता में कमी जैसी समस्याएँ विकराल रूप ले रही हैं, ऐसे में वृक्षारोपण ही एकमात्र उपाय है जो न केवल वायुमंडल को शुद्ध करता है, बल्कि धरती को पुनः जीवनदायिनी बनाता है। वृक्ष हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, वर्षा लाते हैं, भूमि को कटाव से बचाते हैं, और अनेक जीवों के लिए आश्रय स्थल बनते हैं। इसलिए कहा गया है कि “एक वृक्ष दस पुत्र समान”।
  • “एक पेड़ माँ के नाम” जैसे अभियान का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह भावनात्मक रूप से लोगों को प्रकृति से जोड़ता है। जब व्यक्ति किसी पौधे को अपनी माँ के नाम लगाता है, तो वह उससे जुड़ाव महसूस करता है और उसकी देखभाल भी पूरे मन से करता है। यह व्यक्तिगत स्तर पर जिम्मेदारी का बोध कराता है।

भविष्य की योजना और जनभागीदारी:

  • निफा और ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति का यह संयुक्त प्रयास इस बात का उदाहरण है कि जब सामाजिक संगठन और नागरिक मिलकर कार्य करें तो बड़े बदलाव संभव हैं। इस अभियान को जन-जन तक पहुँचाने के लिए आने वाले समय में स्कूलों, कॉलेजों, और ग्रामीण क्षेत्रों में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि बच्चों और युवाओं में पर्यावरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न हो।
  • अमित सिंह ने यह भी बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य केवल पौधारोपण करना नहीं है, बल्कि उसके संरक्षण और पालन-पोषण की जिम्मेदारी भी देना है। सभी प्रतिभागियों को यह संकल्प दिलाया गया कि वे लगाए गए पौधों की देखभाल करेंगे और दूसरों को भी इस अभियान से जोड़ेंगे।

निष्कर्ष:
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस केवल एक दिन का आयोजन नहीं होना चाहिए, बल्कि यह एक सतत प्रक्रिया का हिस्सा होना चाहिए जिसमें प्रत्येक नागरिक की भागीदारी अनिवार्य हो। “एक पेड़ माँ के नाम” जैसे अभियान समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का माध्यम बन सकते हैं। हमें यह समझना होगा कि पर्यावरण की रक्षा करना केवल सरकार या संगठनों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हम सभी की साझा जिम्मेदारी है।

जिस प्रकार एक माँ अपने बच्चों की परवरिश करती है, उसी प्रकार हमें भी वृक्षों की परवरिश करनी चाहिए। यह केवल पर्यावरण के लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित, स्वच्छ और सुंदर पृथ्वी छोड़ने की दिशा में एक सशक्त कदम है।

“वृक्ष नहीं तो जीवन नहीं — आज एक पेड़ माँ के नाम लगाकर करें प्रकृति को प्रणाम।”

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News Editor- (Jyoti Parjapati)

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