Abdul Rehman Siddiqui suspended : धर्मांतरण मामले में बड़ा एक्शन: क्राइम ब्रांच हेड इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान सिद्दीकी सस्पेंड

गाजियाबाद, 24 जुलाई 2025:- गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत चर्चित छांगुर बाबा धर्मांतरण गैंग से जुड़े मामले में एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है। पुलिस आयुक्त जे. रविंदर गौड ने धर्मांतरण मामले में संलिप्तता और पीड़ित पक्ष को धमकाने के गंभीर आरोपों के चलते क्राइम ब्रांच के हेड इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान सिद्दीकी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
यह कार्रवाई उस समय की गई जब जांच के दौरान सामने आया कि इंस्पेक्टर सिद्दीकी का संबंध न केवल आरोपित गैंग से था, बल्कि वह पीड़ित परिवार को मामले में चुप रहने का दबाव भी बना रहे थे। मामले में पारदर्शिता और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने हेतु यह कठोर कदम उठाया गया है।
मेरठ से गायब युवती और धर्मांतरण का गंभीर प्रकरण
इस मामले की जड़ें वर्ष 2019 में मेरठ से अचानक लापता हुई एक युवती से जुड़ी हैं। परिजनों द्वारा लगातार पुलिस से संपर्क करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई थी। हाल ही में जब यह मामला पुनः सुर्खियों में आया और लड़की के धर्मांतरण की बात सामने आई, तो परिजनों ने आरोप लगाया कि उन्हें पुलिस के कुछ अफसरों की ओर से धमकाया गया था ताकि वे चुप रहें और कानूनी कार्रवाई न करें।
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इस पूरी घटना के पीछे ‘छांगुर बाबा गैंग’ सक्रिय था, जो पहले भी कथित रूप से कई धर्मांतरण मामलों में शामिल रहा है। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि उन्हें गाजियाबाद पुलिस के ही कुछ अधिकारियों द्वारा लगातार डराया-धमकाया गया, जिससे वे न्याय की लड़ाई लड़ने में असमर्थ महसूस कर रहे थे।
जांच में सामने आया इंस्पेक्टर की संदिग्ध भूमिका
इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाला पहलू तब सामने आया जब जांच एजेंसियों ने पाया कि गाजियाबाद क्राइम ब्रांच में तैनात हेड इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान सिद्दीकी की भूमिका संदिग्ध रही है। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने न केवल मामले को दबाने की कोशिश की बल्कि पीड़ित परिवार पर दबाव बनाने के लिए चर्चित छांगुर बाबा गैंग के साथ सांठगांठ भी की।
इस आरोप की पुष्टि होते ही पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया। उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है, जिसमें अन्य संलिप्त पुलिसकर्मियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में और भी पुलिस अधिकारी जांच के दायरे में हैं।
सख्त संदेश: पुलिस में भ्रष्टाचार या पक्षपात की कोई जगह नहीं
पुलिस कमिश्नरेट की इस त्वरित और कड़ी कार्रवाई को प्रशासनिक सख्ती के रूप में देखा जा रहा है। पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड ने स्पष्ट किया कि किसी भी अधिकारी द्वारा अपराधियों के साथ सांठगांठ या पीड़ितों को धमकाने जैसी हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, “पुलिस में सेवा, ईमानदारी और न्याय का पालन सर्वोपरि है। जो भी इन सिद्धांतों के खिलाफ कार्य करेगा, उस पर सख्त कार्रवाई होगी।”
गाजियाबाद में यह मामला अब गंभीरता से लिया जा रहा है और उम्मीद है कि धर्मांतरण गैंग की पूरी जड़ तक पहुंचने की कोशिश की जाएगी। साथ ही, पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान की जा रही है ताकि वे स्वतंत्र रूप से न्याय की लड़ाई लड़ सकें।
निष्कर्ष
गाजियाबाद में चर्चित छांगुर बाबा धर्मांतरण प्रकरण न केवल एक आपराधिक मामला है, बल्कि यह यह भी दिखाता है कि यदि समय पर सतर्कता न बरती जाए, तो न्याय व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। क्राइम ब्रांच के हेड इंस्पेक्टर की बर्खास्तगी एक जरूरी और संदेशात्मक कदम है, जो यह दर्शाता है कि कानून के रखवालों को अगर नियमों का उल्लंघन करते पाया जाएगा, तो उन्हें भी बख्शा नहीं जाएगा।
अब यह देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या खुलासे होते हैं और क्या छांगुर बाबा गैंग के नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त किया ज सकेगा या नहीं। लेकिन एक बात तय है — गाजियाबाद पुलिस की यह कार्रवाई व्यवस्था में विश्वास बढ़ाने वाली है।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)