Announced a fast : कानपुर में शिक्षकों ने विभागीय अनियमितताओं के विरोध में सामूहिक उपवास का ऐलान किया

कानपुर, 20 अक्टूबर 2025।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर संघ, जो कि राज्य भर में शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध संगठन है, ने एक बार फिर शिक्षा विभाग की कथित अनियमितताओं और अधिकारों के हनन के खिलाफ आवाज बुलंद की है। संघ के संयुक्त तत्वावधान में, जिला विद्यालय निरीक्षक कानपुर नगर एवं सह जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा किए जा रहे अधिनियम विरुद्ध कार्यों तथा ज्ञान भारतीय एस. इंटर कॉलेज में मृतक आश्रित कोटे की नियुक्ति में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित यथास्थिति आदेश की अवहेलना एवं शासनादेशों के विपरीत की जा रही जांचों के नाम पर रचे जा रहे षड्यंत्रों के विरोध में एक शांतिपूर्ण लेकिन सशक्त आंदोलन का निर्णय लिया गया है।
संघ ने स्पष्ट किया है कि यह आंदोलन किसी एक व्यक्ति या संस्था के विरुद्ध नहीं, बल्कि उन नीतियों, कार्रवाइयों और षड्यंत्रों के खिलाफ है जो शिक्षा विभाग के भीतर पारदर्शिता, न्याय और संवैधानिक प्रक्रिया को नुकसान पहुँचा रहे हैं। आरोप है कि कानपुर नगर में शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी जानबूझकर शासनादेशों की अनदेखी कर रहे हैं और कोर्ट के स्पष्ट आदेशों को नजरअंदाज करते हुए मनमानी कर रहे हैं, जिससे शिक्षक समुदाय में भारी आक्रोश है।
इस पूरे घटनाक्रम के विरोध में संघ ने आगामी दीपावली के दिन, 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को दोपहर 12:00 बजे से 3:00 बजे तक, गांधी प्रतिमा, फूलबाग, कानपुर नगर में सामूहिक उपवास का आयोजन करने का निर्णय लिया है। इस उपवास का उद्देश्य शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार, पक्षपात और संवैधानिक मूल्यों की उपेक्षा के विरुद्ध एक लोकतांत्रिक विरोध दर्ज कराना है।
संघ के प्रांतीय अध्यक्ष श्री हरिश्चंद्र दीक्षित, जो वर्षों से शिक्षक समुदाय के मार्गदर्शक रहे हैं, इस उपवास आंदोलन का नेतृत्व करेंगे। श्री दीक्षित ने अपने संदेश में कहा कि शिक्षक केवल शिक्षा देने वाले ही नहीं होते, वे समाज के सजग प्रहरी होते हैं। जब शिक्षक वर्ग के अधिकारों और गरिमा पर हमला होता है, तो यह केवल एक वर्ग पर नहीं, बल्कि पूरे समाज के भविष्य पर प्रहार होता है। उन्होंने समस्त पदाधिकारियों और सदस्यों से इस आंदोलन में एकजुट होकर सम्मिलित होने की अपील की है ताकि शासन और प्रशासन को शिक्षक समुदाय की एकता और संघर्ष की शक्ति का अहसास हो सके।
इस विरोध कार्यक्रम में विशेष रूप से ज्ञान भारतीय एस. इंटर कॉलेज की उस घटना को प्रमुखता से उठाया जाएगा, जिसमें मृतक आश्रित की नियुक्ति के मामले में उच्च न्यायालय द्वारा पारित यथा स्थिति आदेश के बावजूद विद्यालय प्रशासन और जिला स्तरीय शिक्षा अधिकारी जबरन जांच करवा रहे हैं। यह जांच, शिक्षक संघ के अनुसार, पूरी तरह से नियम विरुद्ध और पूर्वाग्रह से प्रेरित है। यह केवल एक नियुक्ति की बात नहीं है, बल्कि यह उस व्यवस्था पर सवाल है, जो न्यायिक आदेशों की अनदेखी कर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर शिक्षकों का उत्पीड़न कर रही है।
संघ का कहना है कि यदि आज इस प्रकार की अनियमितताओं और अवैधानिक कार्रवाइयों के खिलाफ विरोध दर्ज नहीं कराया गया, तो कल यही अन्याय राज्य भर के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए एक खतरनाक मिसाल बन जाएगा। इसीलिए, दीपावली के पावन पर्व पर, जब पूरा देश प्रकाश का उत्सव मना रहा होगा, शिक्षक समुदाय अंधकार से लड़ने के लिए गांधीवादी मार्ग पर सामूहिक उपवास करेगा।

जिला मंत्री श्री पंकज कुमार वर्मा द्वारा जारी अपील में सभी शिक्षक पदाधिकारियों, सदस्यों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने व्यस्त कार्यक्रमों को विराम देकर इस आंदोलन में अवश्य भाग लें और बाबा जी (प्रांतीय अध्यक्ष) के हाथों को मजबूत करें। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम केवल विरोध नहीं, बल्कि हमारी अस्मिता और आत्मसम्मान की पुनः स्थापना का संकल्प है।
कार्यक्रम के संयोजन और संचालन के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया है, जो उपवास स्थल की व्यवस्था, जनसंपर्क, मीडिया समन्वय और प्रशासन से अनुमति लेने जैसे कार्यों को देखेगी। इसके अलावा, सोशल मीडिया के माध्यम से भी इस आंदोलन को व्यापक जनसमर्थन दिलाने की रणनीति तैयार की गई है।
उपवास स्थल पर गांधी जी की प्रतिमा के सामने बैठकर यह आंदोलन गांधीवादी मूल्यों के तहत पूरी गरिमा और संयम के साथ किया जाएगा। उपवास में भाग लेने वाले सभी सदस्यों को अनुशासन, शांति और स्वच्छता बनाए रखने की अपील की गई है ताकि यह आंदोलन एक आदर्श प्रस्तुत करे।
संघ का यह भी कहना है कि यदि शासन और प्रशासन द्वारा इस आंदोलन को गंभीरता से नहीं लिया गया और मांगों पर सकारात्मक विचार नहीं किया गया, तो आने वाले समय में पूरे राज्य स्तर पर बड़े आंदोलन की रणनीति अपनाई जाएगी, जिसमें कार्यबहिष्कार, रैलियाँ और धरने भी शामिल हो सकते हैं।
अंत में, जिला मंत्री श्री वर्मा ने कहा — “अब समय आ गया है कि हम अपनी एकता का परिचय दें और उन शिक्षा अधिकारियों को बता दें कि शिक्षक वर्ग को कमजोर समझने की भूल न करें। जब-जब हमारी अस्मिता पर प्रहार हुआ है, हमने संगठित होकर जवाब दिया है, और इस बार भी हम चुप नहीं बैठेंगे।”
सारांशतः, यह सामूहिक उपवास केवल एक विरोध कार्यक्रम नहीं, बल्कि शिक्षक समुदाय की चेतना, गरिमा और न्याय के लिए चलाया जा रहा एक वैचारिक संघर्ष है। इस आंदोलन के माध्यम से शिक्षक यह संदेश देना चाहते हैं कि वे केवल कक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि अन्याय के विरुद्ध खड़े होने का साहस और सामर्थ्य भी रखते हैं। दीपावली का दिन इस बार शिक्षकों के लिए आत्ममंथन और सामाजिक उत्तरदायित्व का दिन बनेगा, जहाँ वे गांधीवादी विचारधारा के साथ एक न्यायपूर्ण व्यवस्था की स्थापना के लिए अपना संकल्प दोहराएंगे।
News Editor- (Jyoti Parjapati)
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