Became an earthworm : वक्फ का अजगर केचुआं बन गया ?

वक्फ का अजगर केचुआं बन गया, बधाई व्हाटसएप के शूरवीरों
टीवी न्यूज चैनलों पर आजकल हिंदू विरोधियों का प्रसिद्ध जुमला है… व्हाटसएप यूनिवर्सिटी से पढ़कर आए हो क्या ? ये घोर वामपंथी रवीश कुमार का प्रिय डायलॉग रहा है । लेकिन इसी व्हाटसएप यूनिवर्सिटी ने वक्फ की पोल खोली वरना 2013 वाला वक्फ बिल तो बाकायदा आडवाणी और सुषमा वाली बीजेपी ने ध्वनिमत से पारित करवा दिया था।
– इस नए बिल के प्रावधानों पर आगे चर्चा करूंगा लेकिन सबसे पहले ताजा अपडेट जानिए । वक्फ बिल पास होते ही 4 अप्रैल को सुबह 4 बजे ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी 75 जिलाधिकारियों को ये चिट्ठी लिख दी है कि जल्द से जल्द वक्फ की अवैध संपत्तियों की लिस्टिंग तैयार की जाए । ये आदेश सुनकर देश के जिहादियों के तोते उड़ चुके हैं ।
– अमर उजाला समाचार पत्र के मुताबिक यूपी में 98 प्रतिशत वक्फ संपत्तियां अवैध है और इन पर बुलडोजर चलने का खतरा पैदा हो गया है । अब तो हजारों बुलडोजर नए ऑर्डर करने पड़ेंगे ।
– यूपी सरकार के द्वारा जेपीसी को दिए गए आंकड़ों के मुताबिक
शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड का यूपी में कुल दावा- 140 वर्ग किलोमीटर (43,852 बीघा )
जिन संपत्तियों के कागज वक्फ बोर्ड के पास हैं उनका क्षेत्रफल- सिर्फ 23 वर्ग किलोमीटर (11,962 बीघा जमीन )
यानी जमीन पर वक्फ बोर्ड का अवैध कब्जा का क्षेत्रफल – 117 वर्ग किलोमीटर (31,890 बीघा जमीन )
ये आंकड़े बता रहे हैं कि यूपी में वक्फ बोर्ड का कत्लेआम होने जा रहा है ।
– जेपीसी का मेंबर रहा ओवैसी भी संसद में बता चुका है कि यूपी में 1,21,000 वक्फ संपत्तियां है और इनमें से 1,12,000 के पास कागज नहीं है ।
ये है कि यूपी सरकार ने पहले ही वक्फ बिल की नियमावली तैयार कर ली है और इसके मुताबिक जितने सालों तक जिस मुगलमान का वक्फ की अवैध जमीन पर कब्जा रहा है उतने सालों का पूरा किराया भी उसी मुगलमान से वसूल किया जाएगा और अगर वो किराया देने में असफल रहता है तो उसकी जमीन जायदाद की नीलामी करके वसूली की जाएगी । मुगल मोहल्लों में इन चर्चाओं के बाद वक्फ के मुगलमानों के मल द्वार से रक्त मिश्रित अपशिष्ट पदार्थों का निर्गत होना शुरू हो चुका है ।
नए वक्फ सुधार कानून के कुछ अहम नियम भी जान लीजिए । 2024 में सरकार जो ऑरिजिनल सुधार बिल लेकर आएगी, उस पर जेपीसी में चर्चा हुई और तब जेडीयू और टीडीपी ने दबाव डालकर कई प्रावधानों में नरमी करवा ली थी लेकिन इसके बावजूद भी ये सॉफ्ट बिल जमीन पर काफी हार्ड साबित होने वाला है क्योंकि वक्फ बोर्ड ने खुल्लमखुल्ला अवैध तरीके से कब्जा किया है । आइए देखते हैं नए वक्फ सुधार कानून के प्रमुख बिंदुओं को ।
1- कांग्रेसी बिल में वक्फ के पास एक अपनी अदालत थी जिनके फैसले के खिलाफ किसी भी अदालत में सिविल सूट दायर करने की इजाजत नहीं थी इससे वक्फ की अवैध संपत्तियों को संरक्षण मिला हुआ था । अब नए कानून ने इस संरक्षण को हटा लिया है । यानी अब 60 साल पुराने केस पर भी अदालत जाना संभव हो चुका है ।
2- कई लोगों को ये लग रहा था कि जेडीयू और टीडीपी वक्फ की पुरानी 8.7 लाख एकड़ संपत्ति को बचा ले जाएंगी लेकिन ये बात सही नहीं है । नया वक्फ संशोधन कानून विवादित वक्फ संपत्तियों पर अपने आप ही लागू हो जाएगा और ज्यादातर वक्फ संपत्तियां विवादित ही हैं । 90 प्रतिशत से ज्यादा वक्फ संपत्तियां विवादित हैं और इन सभी के वक्फ मालिक अगर कागज नहीं दिखा पाएंगे तो कार्रवाई तो पक्का होगी ।
3- वक्फ के नए संशोधन कानून से सरकारी जमीनों पर वक्फ के अवैध कब्जे को हटाने का संपूर्ण अधिकार सरकारों को प्राप्त हो गया है । और ज्यादातर सरकारी जमीनों को ही वक्फ बताकर दान किया गया है ।
4- अब वक्फ की विवादित जमीनों पर फैसलों का अधिकार जिला अधिकारी या उससे वरिष्ठ अधिकारी को भी मिल जाएगा । इससे वक्फ की अदालतों में मुल्ला मौलवियों का वर्चस्व खत्म हो जाएगा ।
सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वक्फ का अजगर केचुआं तो बन जाएगा लेकिन इसके लिए देश के सभी राज्यों की बीजेपी सरकारों को योगी वाली इच्छाशक्ति दिखानी होगी ।
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