Before the earthquake : ISRO-NASA का निसार सैटेलाइट: 30 जुलाई को लॉन्च, भूकंप आने से पहले मिलेगा अलर्ट

- भारत और अमेरिका की संयुक्त परियोजना ISRO और NASA 30 जुलाई को ‘निसार’ नामक सैटेलाइट लॉन्च करने जा रही है। यह मिशन वैश्विक स्तर पर भूकंप, दरारों और प्राकृतिक आपदाओं की पूर्व सूचना देने में मदद करेगा। ‘निसार’ सैटेलाइट से न सिर्फ भूकंप की घटनाओं का बेहतर पूर्वानुमान संभव होगा, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी क्रांति लेकर आएगा। इस कदम से प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले जान-माल के नुकसान को कम करने की उम्मीद है।
निसार सैटेलाइट: भूकंप और प्राकृतिक आपदाओं की सटीक भविष्यवाणी
- ‘निसार’ सैटेलाइट विशेष रूप से भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के संकेतों का पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह सैटेलाइट पृथ्वी की सतह की सूक्ष्मतम हलचलों को पकड़ सकता है, जिससे वैज्ञानिक समय रहते संभावित आपदा के बारे में अलर्ट जारी कर सकेंगे। इस तकनीक के जरिए किसी भी तबाही की चेतावनी पहले दी जाएगी जिससे बचाव कार्य तेजी से और प्रभावी ढंग से किए जा सकेंगे। सैटेलाइट की खासियत यह है कि यह पृथ्वी की सतह की हर प्रकार की दरार और मृदा के हिलने-डुलने की गतिविधियों को लगातार मॉनिटर करता रहेगा। इस जानकारी का उपयोग न सिर्फ भूकंप पूर्वानुमान के लिए होगा, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय नुकसान को भी समझने में सहायक होगा।
ISRO और NASA की संयुक्त पहल: विज्ञान और तकनीक का संगम
- ISRO और NASA का यह संयुक्त मिशन विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भारत-अमेरिका की मजबूत साझेदारी को दर्शाता है। दोनों संस्थानों ने मिलकर निसार सैटेलाइट को अत्याधुनिक तकनीक से लैस किया है, जो पृथ्वी की सतह की बारीक से बारीक गतिविधियों को भी पकड़ सकेगा। इस सैटेलाइट से प्राप्त डेटा का उपयोग वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों में आपदा प्रबंधन में किया जाएगा। मिशन के तहत सैटेलाइट से जुटाई गई जानकारियों को विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियों को समय-समय पर उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वे बेहतर योजना बना सकें और आपदाओं से निपटने के लिए तैयार रह सकें। यह सैटेलाइट भूकंप के बाद राहत कार्यों को भी ज्यादा प्रभावी बनाने में मददगार साबित होगा।
पर्यावरण संरक्षण और आपदा प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव
- ‘निसार’ मिशन से पर्यावरण संरक्षण और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में बड़े बदलाव की उम्मीद है। पृथ्वी की सतह के बदलावों का लगातार आंकलन कर यह सैटेलाइट पर्यावरणीय संकटों को समय रहते समझने में मदद करेगा। इससे जंगलों, नदियों, पर्वतों और समुद्र तटों के पारिस्थितिक संतुलन पर होने वाले प्रभावों की बेहतर निगरानी होगी। इसके अलावा, सैटेलाइट के डेटा के आधार पर सरकारें और वैज्ञानिक प्राकृतिक आपदाओं के खतरे वाले क्षेत्रों में पूर्व तैयारियां कर सकेंगे, जिससे मानवीय और आर्थिक नुकसान को न्यूनतम किया जा सकेगा। निसार सैटेलाइट की तकनीक के कारण भारत समेत विश्व के कई हिस्सों में आपदाओं का समय पर पता चलने से बचाव कार्यों में काफी तेजी आएगी।
निष्कर्ष:
- 30 जुलाई को लॉन्च होने वाला ISRO-NASA का ‘निसार’ सैटेलाइट प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए एक बड़ा हथियार साबित होगा। इसकी मदद से भूकंप, दरारों और अन्य पर्यावरणीय खतरों का पूर्वानुमान संभव होगा, जिससे लाखों लोगों की जान बचाने में मदद मिलेगी। यह मिशन विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भारत की प्रगति का प्रतीक है और भविष्य में आपदा प्रबंधन को एक नई दिशा देगा।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)