Big action : सरकार ने अश्लील सामग्री परोसने वाले 25 OTT, एप्स पर लगाया प्रतिबंध, डिजिटल नैतिकता की बड़ी कार्रवाई

1. बैन की अधिसूचना और पहल का उद्देश्य
भारत सरकार (सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय) ने तकनीकी एवं विधिक आधार पर 25 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स एवं मोबाइल ऐप्स, जैसे ULLU, ALTT (ALTBalaji), Desiflix, Big Shots App आदि को अश्लील, आपत्तिजनक और पोर्नोग्राफिक सामग्री दिखाए जाने के आरोप में तुरंत प्रभाव से ब्लॉक करने के आदेश जारी किए हैं इस कदम का उद्देश्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर नैतिक गुणवत्ता बनाए रखना और आम लोगों, विशेषकर युवाओं और बच्चों को उत्पीड़न मुक्त ऑनलाइन अनुभव सुनिश्चित करना है।
2. उल्लंघन किए गए कानून और नियम
सरकार ने IT Act 2000 की धारा 67 एवं 67A, भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 294 और महिला अशोभनीय प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम 1986 की धारा 4 जैसे प्रावधानों के तहत इन प्लेटफॉर्म्स को दोषी करार दिया है
डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड एवं IT Rules 2021 के तहत, ISP को तत्काल इन प्लेटफॉर्म्स की सार्वजनिक पहुंच रोकने का निर्देश दिया गया है, ताकि कोई भी उपयोगकर्ता इनको एक्सेस न कर सके।
3. प्रतिबंधित ऐप्स एवं वेबसाइट्स की सूची और प्रमुख नाम
अपराधिक कार्रवाई की गई कुल 25 मोबाइल ऐप्स और वेबसाइट्स की सूची में प्रमुख रूप से शामिल हैं:
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ULLU (विभु अग्रवाल का प्लेटफॉर्म)
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ALTBalaji / ALTT (एकता कपूर की कंपनी)
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Big Shots App, Desiflix, Boomex, Navarasa Lite, Gulab App, MoodX, NeonX VIP, Mojflix, Fugi, Triflicks, सहित अन्य कई नाम इन प्लेटफॉर्म्स को विशेष रूप से कथानक रहित, यौन दृश्यों से भरपूर कंटेंट के लिये निशाना बनाया गया है, जो “gratuitous sex” और “titillate the prurient interest” जैसे आरोपों के तहत गैर-संस्कृतिक बताया गया है
4. प्रभाव और व्यापक संदेश
इस बार सरकार ने न केवल ऐप्स को बैन करने का निर्णय किया, बल्कि ISPs को स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर निर्देशों का पालन नहीं हुआ तो IT Act की धारा 79(1) के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी यह कार्रवाई डिजिटल कंटेंट और ऑनलाइन मनोरंजन प्लेटफॉर्म्स को कानूनी रूप से जवाबदेह बनाने व नैतिक नागरिकता सिद्धांतों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। इससे यह संदेश जाता है कि भारत में डिजिटल स्थान सुरक्षित, स्वस्थ और सांस्कृतिक मानकीकरण की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
5. कथनी से करनी की राह: कानून, न्याय और डिजिटल स्पेस
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने भी पहले कहा है कि OTT कंटेंट पर नियमों की आवश्यकता है क्योंकि कई प्लेटफॉर्म्स में पोर्नोग्राफी और अश्लीलता सामने आयी है एनसीपीसीआर और राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी Ullu जैसे प्लेटफॉर्म्स पर बच्चों और महिलाओं के साथ भेदभावपूर्ण सामग्री दिखाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी इस प्रतिबंध कार्रवाई से स्पष्ट होता है कि देश में विशेष रूप से डिजिटल माध्यमों पर नैतिकता, बाल अधिकार संरक्षण और डिजिटल उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को उच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
निष्कर्ष: डिजिटल नैतिकता के प्रति सरकार की सख्ती
यह कदम डिजिटल कंटेंट को काबू करने के लिए सरकार की निर्णायक और स्पष्ट कार्रवाई का प्रतीक है। अश्लील सामग्री परोसने वाले प्लेटफॉर्म्स पर लगाए गए बैन से यह स्पष्ट होता है कि सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय नैतिकता, सांस्कृतिक मान्यताओं और कानून—तीनों का सुरक्षा कवच कायम रखने का प्रयास हो रहा है।
इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और उपयोगकर्ताओं को यह समझना आवश्यक है कि ऑनलाइन नैतिक व्यवहार सिर्फ स्वैच्छिक नहीं, बल्कि कानूनी दायित्व और सामाजिक जिम्मेदारी है।
इस महत्वपूर्ण डिजिटल कार्रवाई की जानकारी व्यापक रूप से साझा करना समाज और परिवार की सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी को निभाने का भी एक तरीका है।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)