Big Theft : सिंभावली में पत्रकारों के घर बड़ी चोरी, लाखों का सामान गायब; पुलिस सात दिन बाद भी खाली हाथ

जनपद हापुड़ में अपराधियों के हौसले किस कदर बुलंद हैं, इसका ताज़ा उदाहरण थाना सिंभावली क्षेत्र के गांव खुड़लिया में देखने को मिला, जहां दो पत्रकारों के घरों में हुई बड़ी चोरी की घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। नकाबपोश चोर लाखों का सामान उड़ा ले गए और घटना को हुए 7 दिन बीत जाने के बाद भी सिंभावली पुलिस के हाथ कोई ठोस सुराग नहीं लग पाया है।
इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।
घटना का विवरण : आधी रात में नकाबपोश चोरों ने दी बड़ी वारदात को अंजाम
घटना 04 नवंबर 2025 की रात लगभग 12:36 बजे की बताई जा रही है।
गांव खुड़लिया में रहने वाले विकास कुमार (रिपोर्टर, थाना सिंभावली) और सचिन कुमार (क्राइम रिपोर्टर, थाना सिंभावली) के संयुक्त परिवार के मकानों को चोरों ने निशाना बनाया।
चोरों ने बड़ी ही सटीक योजना के तहत दोनों घरों में घुसकर लाखों रुपए का माल चोरी कर लिया।
पहले घर से चोरी गए सामान का अनुमानित विवरण इस प्रकार है—
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नकद लगभग 2 लाख रुपये
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सोना 8/10 तोला
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चांदी लगभग 750 ग्राम (कीमत लगभग 21–22 लाख रुपये)
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सील पैक गैस सिलेंडर
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LED TV
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दो डबल बैंड कंबल
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5 किलो देसी घी
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7 टूल किट
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3 बंडल वायरिंग तार
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बच्चों की तीन गुल्लक
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माता के नाम का धार्मिक कलेक्शन
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कुछ नए लेडीज़ कपड़े
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एक खेस कंबल
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रूम हीटर
परिजनों के मुताबिक घर के अन्य सामान की अभी और भी जांच की जा रही है, और अनुमान है कि चोरी गया माल इससे अधिक हो सकता है।

चोरों ने दूसरे घर को भी बनाया निशाना
इसी रात अपराधियों ने परिवार के दूसरे मकान में भी सेंध लगा दी।
यहां से जो सामान चोरी हुआ, उसमें शामिल है—
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करीब 6,000 रुपये नकद
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सोने-चांदी के जेवर
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एक गैस सिलेंडर
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एक गैस चूल्हा
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बच्चों की गुल्लक
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अन्य घरेलू सामान
दोनों घरों में हुई चोरी की कुल कीमत लाखों रुपये आंकी जा रही है। घटना के बाद पूरे गांव में भय और असुरक्षा का माहौल है।
7 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली – सवालों में सिंभावली पुलिस
गांव खुड़लिया थाने सिंभावली के अंतर्गत आता है, और इस क्षेत्र में पहले भी चोरी की घटनाएँ हो चुकी हैं। लेकिन इस बार वारदात जिस प्रकार की हुई और जिस वस्तु सूची को चोर उड़ा ले गए, उसने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ग्रामीणों और पत्रकारों का कहना है कि—
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इतनी बड़ी वारदात के बाद भी पुलिस ने न तो कोई ठोस सुराग जुटाया
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न ही अभी तक कोई संदिग्ध गिरफ्तार हुआ है
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गांव के प्रमुख प्वाइंट्स पर पुलिस की पेट्रोलिंग बेहद कमजोर है
पीड़ित पत्रकारों का कहना है कि इलाके में सुरक्षा व्यवस्था की कमी के कारण ऐसी घटनाएँ बढ़ रही हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, गांव में सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं, जिससे चोरी की घटनाओं की जांच मुश्किल हो जाती है।
पत्रकारों ने जताया आक्रोश, अधिकारियों को दिया ज्ञापन
घटना के सात दिन बीत जाने के बाद भी सुराग न मिलने पर पत्रकार समुदाय में आक्रोश फैल गया।
विभिन्न मीडिया संगठनों के पत्रकार इक्ट्ठा हुए और जिलाधिकारी अभिषेक पांडे तथा पुलिस अधीक्षक कुंवर ज्ञानन जय सिंह के कार्यालय पहुँचकर पीड़ित पत्रकारों का समर्थन किया।
उन्होंने अधिकारियों को ज्ञापन सौंपते हुए निम्न मांगें रखीं—
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चोरी की घटना की तत्काल निष्पक्ष और गहन जांच की जाए
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अपराधियों की गिरफ्तारी जल्द से जल्द सुनिश्चित की जाए
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पत्रकारों व ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए थाना क्षेत्र में गश्त बढ़ाई जाए
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गांव में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएँ
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पीड़ित परिवार को आवश्यक सुरक्षा और कानूनी सहायता दी जाए
पत्रकारों ने कहा कि यदि पुलिस जल्द कार्रवाई नहीं करती, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
ग्रामीणों में असुरक्षा की भावना
चोरी की घटना के बाद ग्रामीणों का कहना है कि रात में चोरों ने जिस निडरता से वारदात को अंजाम दिया, उससे यह साफ हो गया है कि अपराधियों को पुलिस का कोई भय नहीं है।
गांव के लोग रात में पहरा लगाने की सोच रहे हैं और कई घरों ने सुरक्षा के उपाय बढ़ाने भी शुरू कर दिए हैं।
घटना के बाद उठते बड़े सवाल
यह घटना कई अहम सवाल खड़े करती है—
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इलाके में अपराधियों के बढ़ते मनोबल का कारण कौन?
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पुलिस की गश्त और सुरक्षा व्यवस्था इतनी कमजोर क्यों?
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क्या गांव का क्षेत्र अपराधियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बनता जा रहा है?
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क्या पुलिस अपने मुखबिर तंत्र को मजबूत करने में विफल रही है?
जांच जारी—पुलिस ने दिया आश्वासन
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे मामले की जांच कर रहे हैं और कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों पर काम चल रहा है।
पुलिस ने आश्वासन दिया है कि—
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क्षेत्र में गश्त बढ़ाई गई है
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संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है
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जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा
हालांकि, ग्रामीणों और पत्रकारों का विश्वास अब पुलिस की कार्यवाही पर निर्भर करता है।
News Editor- (Jyoti Parjapati)
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