Children were made aware : जूनियर विद्यालय सिठमरा में रक्तदान संगोष्ठी में बच्चों को किया जागरूक ?

जूनियर विद्यालय सिठमरा में रक्तदान संगोष्ठी में बच्चों को किया जागरूक
रक्तदान वीर देव दूध के समान — प्रधानाध्यापक शनेन्द्र सिंह तोमर
पाठ्यक्रम में रक्तदान की जानकारी होने से बच्चे होंगे जागरूक – नवीन दीक्षित
- रूरा कानपुर देहात
सामान्यतया रक्तदान करने की उम्र 18
से 65 साल के बीच वज़न कम से कम 50 किलोग्राम और शारीरिक तथा मानसिक रूप से स्वस्थ होना ज़रूरी है। हीमोग्लोबिन का स्तर 12.5 ग्राम/डेल से कम नहीं होना चाहिए। रक्तदान के दौरान, रक्तचाप सामान्य होना चाहिए। उक्त बातें उच्च प्राथमिक विद्यालय सिठमरा के प्रधानाध्यापक शनेन्द्र सिंह तोमर ने बच्चों को विज्ञान विषय के अंतर्गत रक्त दान महादान संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कही।

- इस अवसर पर सहायक अध्यापक नवीन कुमार दीक्षित ने कहा कि रक्त दान बीर देवदूत के समान हैं रक्त देकर लोगों की जान बचाते हैं यदि आधार कार्ड में ब्लड ग्रुप का कालम हो या परिवार वालों को अपने परिवार के सभी की रक्त समूह की जानकारी हो तो आसानी से घायल की जान बचा सकते हैं रक्त दान के प्रति जागरूकता के लिए पाठ्यक्रम में रक्त दान का एक पैराग्राफ होना चाहिए रक्त दान से नया खून तेजी से बनता है,
सुगर और हार्टअटैक का खतरा कम हो जाता है आपातकालीन स्थिति में रक्तदान एक जीवनरक्षक साबित हो सकता है, खासकर दुर्घटना, गंभीर चोट या अचानक रक्तस्राव में तुरंत रक्त की कमी को पूरा करता है और जान बचाने में मदद करता है । इस अवसर पर छात्रा अंशिका ने रक्तदान पर अपना ओजस्वी भाषण दिया।
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