Confusion : देश भर में चल रहे SIR की चर्चा हर जगह है जिसमें काफी सारे लोगों को बहुत सी कन्फ्यूजन है

इसीलिए कोशिश करता हूँ कि इससे संबंधित कन्फ्यूजन दूर कर सकूँ. असल में…. देश में अभी हो रहे SIR में आधार कार्ड की कोई वैधता नहीं है क्योंकि नियमानुसार #आधार_कार्ड नागरिकता अथवा निवास का प्रमाणपत्र नहीं है.
क्योंकि, आधार कार्ड सिर्फ आपकी पहचान सुनिश्चित करता है कि अगर आप अपना नाम सुनील बता रहे हो तो वास्तव में आप सुनील ही हो और आपकी बायोमेट्रिक ये है.
इसके अलावा आधार कार्ड की कोई वैधता नहीं है (ये आधार कार्ड में स्पष्ट रूप से लिखा भी होता है). इसीलिए, वोटर लिस्ट में जुड़ने अथवा वोटर लिस्ट में जुड़े रहने के लिए आपका पिछले SIR अर्थात 2002-2003 में रहना जरूरी है चाहे उस समय आप भारत के किसी भी क्षेत्र के वोटर रहे हों.
इसमें दूसरी कैटेगरी ये है कि हो सकता है कि उस समय आपकी आयु 18 साल की नहीं थी इसीलिए आप 2002-2003 के वोटर लिस्ट में नहीं थे और बाद में जुड़े. तो, ऐसे स्थिति में 2002-2003 के वोटर लिस्ट में आपके माता-पिता का नाम जरूर होगा.और, अगर अगर माता-पिता का भी नाम नहीं था तो फिर आपके दादा-दादी का नाम जरूर होगा. (चाहे भारत के किसी भी कोने में रहे).अगर आप इस तीनों कैटेगरी में से किसी में भी हो तो फिर आपको कोई समस्या नहीं है.
सिर्फ आपको एक फॉर्म भरना है (ऑनलाइन या ऑफलाइन) और अपनी वो जानकारी उपलब्ध करवा देनी है.
यदि, पिछले वोटर कार्ड में आपके फ़ोटो पुराने हो चुके हैं तो साथ में एक नया कलर फ़ोटो भी दे दें.और हाँ… पिछले SIR अर्थात 2002-2003 का वोटर लिस्ट के लिए आपको ज्यादा परेशान होने अथवा BLO का मुँह ताकने की जरूरत नहीं है बल्कि उसे आप खुद से ही इलेक्शन कमीशन की वेब साइट्स से डाउनलोड कर सकते हैं.इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट से 2002-2003 की वोटर लिस्ट निकालने के लिए आपको ज्यादा खून जलाने की जरूरत भी नहीं है.
सिर्फ आप VOTERS.ECI वेब साइट पर जाएँ और वहाँ से अपना राज्य चुनें, तत्पश्चात अपना लोकसभा क्षेत्र (जिला नहीं) चुनें, उसके बाद विधानसभा चुनें और बूथ का नाम चुनें (जहाँ आप या आपके पिता जी अथवा दादा जी वोट डाला करते थे) और उस लिस्ट में आप अपना अथवा अपने पिता जी या फिर दादा जी का नाम खोजकर उस पेज को डाउनलोड कर लें.बस आपका काम हो गया. क्योंकि, उसी लिस्ट में आपका नाम, आपके पिताजी का नाम, लोकसभा क्षेत्र, विधानसभा क्षेत्र, भाग संख्या और उस समय आपकी उम्र लिखी रहती है.
किसी किसी वोटर लिस्ट में तो उस समय आपके अथवा आपके पिताजी का EPIC NO. भी लिखा रहता है (फ़ोटो नहीं होता है).वैसे, फॉर्म भरते समय 2002-2003 के epic नंबर बहुत जरूरी भी नहीं हैं क्योंकि फॉर्म में सिर्फ आप 2002-2003 के वोटर लिस्ट का डिटेल डालकर उसकी एक फोटोकॉपी लगा दें..
यही बहुत है.
ऐसे में आपको अलग से कोई डॉक्यूमेंट नहीं देना होगा.खास बात ये है कि इस फॉर्म को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरह से भर सकते हैं.जिसमें कि, ऑफलाइन फॉर्म आप BLO के माध्यम से तथा ऑनलाइन फॉर्म आप खुद से ही भर सकते हैं जिसमें मुश्किल से 5 मिनट लगना है. लेकिन, ऑनलाइन फॉर्म वही भर सकते हैं कि जिनका वोटर कार्ड उनके मोबाइल नंबर से लिंक है क्योंकि ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए आपको अपने मोबाइल नंबर से वेबसाइट पर लॉगिन करना होगा.

इसीलिए, अगर आपका मोबाइल नंबर वोटर कार्ड से लिंक नहीं है तो फिर आप उसी साइट से अपने वोटर कार्ड से मोबाइल नंबर तुरत लिंक कर सकते हैं जो मुश्किल से 2 मिनट का काम है.और हाँ… ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए सबसे महत्वपूर्ण शर्त है कि आपके आधार कार्ड और वोटर कार्ड में नाम बिल्कुल सेम होना चाहिए.अगर एक भी जगह स्पेलिंग में अंतर हुआ तो शायद कम्प्यूटर उसे एक्सेप्ट नहीं करेगा.
लेकिन, यदि आप पहले से जागरूक हैं और आपका सबकुछ अपडेट है तो फिर आपके लिए ये SIR मुश्किल से 5-7 मिनट का काम है.इन सबके बीच सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि… कृपया अभी हो रहे इस SIR को #गंभीरता से लें क्योंकि वोटर id कार्ड और अभी 2025 के SIR के बाद के वोटर लिस्ट में मौजूद नाम का भविष्य में बहुत प्रभाव पड़ने वाला है (जैसे कि अभी अचानक से 2002-2003 के वोटर लिस्ट में नाम बहुत महत्वपूर्ण हो गया है).
इसीलिए, अभी 2025 के SIR के बाद आने वाले वोटर लिस्ट में मौजूद नाम न सिर्फ आपको बल्कि आपके आने वाले बाल-बच्चों को भी ढेर सारी परशानी से बचा लेगा.और हाँ… कुछ मित्रों का कहना है कि अरे अभी के SIR में 2003 का लिस्ट काहे मांग रहे हैं..
1955-60 का मांगते तो छाले सारे घुसपैठिये साफ हो जाते.
बात तो मित्रों की एकदम सही है कि उससे सारे घुसपैठिये साफ हो जाते लेकिन मुसीबत ये है कि अगर 1955-60 का वोटर लिस्ट मांगते तो उसे जुटाने में हमलोगों को भी पसीना आ जाता क्योंकि फिर यही स्थापित करना मुश्किल हो जाता कि वोटर लिस्ट में मौजूद फलाने आदमी हमारे दादा–परदादा या लकड़दादा थे.
उस समय के बाद की ऑथेंटिकेट वंशावली बनाना हम सबके लिए एक चुनौती हो जाती क्योंकि मुँह के बोलने से सरकारी तौर पर कुछ स्थापित नहीं होता है और सरकार को हर चीज का प्रमाण चाहिए होता है.
वैसे, 2002-2003 भी कम नहीं है क्योंकि जाहिर सी बात है कि अगर कोई 2002-2003 के वोटर लिस्ट में है तो उस समय वो कम से कम 18 साल का तो जरूर ही रहा होगा.कहने का मतलब कि सरकार एक नजर में भले ही 2002-2003 का वोटर लिस्ट मांग रही है लेकिन वास्तव में वो 1984 या उससे पहले का डॉक्यूमेंट मांग रही है.
अन्तर सिर्फ ये है कि सरकार सीधे-सीधे 1984 या उससे पहले का जन्म प्रमाणपत्र न मांग कर उसके 18 साल बाद का वोटर लिस्ट मांग रही है..!
इसमें सबसे मजेदार है कि…. सरकार SIR में सिर्फ आपको, आपके माता-पिता एवं आपके दादा-दादी को ही रिश्तेदार के तौर पर मान्यता देती है न कि सास-ससुर अथवा मामा-नाना को.इसका मतलब हुआ कि… अगर कोई बांग्लादेश या म्यांमार से आकर यहाँ के किसी लड़के-लड़की से शादी कर लिया और उसके बाद अपने पति-पत्नी या सास-ससुर अथवा नाने-नानी को वोटर लिस्ट में दिखा कर अपना नाम भी वोटर लिस्ट में जुड़वा लिया है.
अब वैसे सभी नाम हटाये जाएँगे.
इसीलिए, एक बार फिर से सभी मित्रों से निवेदन है कि कृपया इस SIR को गंभीरता से लें और ये सुनिश्चित करें कि इस SIR के वोटर लिस्ट में आपका, आपकी पत्नी और आपके बाल-बच्चों का नाम जरूर जुड़ा रहे क्योंकि आगे बहुत कुछ है.और, अभी के SIR के बाद के वोटर लिस्ट में मौजूद नाम आपकी नागरिकता का पक्का प्रमाण हो जाएगा जिसकी गवाह सरकार खुद होगी..!
News Editor- (Jyoti Parjapati)
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