Currency recovered : महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में नकली नोटों के बड़े गिरोह का भंडाफोड़, एक करोड़ की नकली करेंसी बरामद ?

Currency recovered : महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में नकली नोटों के बड़े गिरोह का भंडाफोड़, एक करोड़ की नकली करेंसी बरामद

Currency recovered : महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में नकली नोटों के बड़े गिरोह का भंडाफोड़, एक करोड़ की नकली करेंसी बरामद ?
Currency recovered : महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में नकली नोटों के बड़े गिरोह का भंडाफोड़, एक करोड़ की नकली करेंसी बरामद ?

अहिल्यानगर। महाराष्ट्र के अहिल्यानगर क्षेत्र में नकली नोटों के अवैध कारोबार को लेकर एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है। स्थानीय अपराध शाखा (लोकल क्राइम ब्रांच) ने एक गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए एक सक्रिय गिरोह के तीन सदस्यों को धर दबोचा है। इस कार्रवाई में पुलिस ने लगभग एक करोड़ रुपये मूल्य के नकली नोट बरामद किए हैं, जिससे शहर के आर्थिक और सुरक्षा ढांचे पर पड़ रहे दबाव को कुछ हद तक कम करने में मदद मिली है।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान और गिरोह की कार्यशैली

  • गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम इंद्रजीत पवार, दीपक भंडारकर और शरद शिंदे हैं। पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार ये तीनों लंबे समय से नकली नोटों के कारोबार से जुड़े हुए थे और संगठित तरीके से शहर के विभिन्न इलाकों में अपना नेटवर्क चला रहे थे। इनका मुख्य उद्देश्य नकली नोटों को असली नोट बताकर बाजार में चलाना और भोले-भाले लोगों को ठगना था।
  • पुलिस को एक विश्वसनीय गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि कायनेटिक चौक इलाके में एक गिरोह नकली नोटों की सौदेबाजी करने वाला है। इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए अपराध शाखा ने त्वरित कार्रवाई की योजना बनाई और मौके पर पहुंचकर तीनों आरोपियों को रंगे हाथों दबोच लिया। पुलिस ने जब उनकी तलाशी ली, तो उनके पास से भारी मात्रा में नकली नोट बरामद हुए, जिनकी कुल अनुमानित कीमत ₹1,00,00,000 (एक करोड़ रुपये) बताई जा रही है।

कैसे करते थे ठगी?

  • पुलिस की पूछताछ में यह बात सामने आई है कि यह गिरोह एक दोहरी ठगी योजना पर काम कर रहा था। वे न केवल नकली नोट बनाकर उसे लोगों को बेचते थे, बल्कि उससे भी आगे बढ़कर, इन नोटों के बदले असली नोट हासिल करते थे। यानी, वे नकली नोट को असली बता कर लोगों से असली पैसा लेते, फिर उन असली पैसों का उपयोग दूसरे अपराधों या अवैध लेनदेन में करते। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गिरोह अत्यधिक चतुराई से काम करता था और आम लोगों को इस बात का अंदेशा तक नहीं होता था कि वे नकली करेंसी का शिकार हो चुके हैं। गिरोह के सदस्य नकली नोट इतने उच्च गुणवत्ता वाले कागज और प्रिंटिंग तकनीक से तैयार करते थे कि पहली नजर में उन्हें पहचानना बेहद मुश्किल था।

नकली नोटों की छपाई और नेटवर्क की गहराई

  • पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि ये नकली नोट कहां छपते थे, और इस गिरोह का संबंध क्या किसी बड़े अंतरराज्यीय या अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से तो नहीं है। प्रारंभिक जांच के आधार पर पुलिस को संदेह है कि इन आरोपियों के पीछे एक बड़ा सिंडिकेट कार्य कर रहा है, जो अलग-अलग राज्यों में नकली नोटों की आपूर्ति करता है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गिरोह ने नकली नोटों को बाजार में उतारने के लिए शहर के व्यापारिक इलाकों, ट्रांसपोर्ट हब, और ग्रामीण बाजारों को चुना था, जहां नकदी का लेनदेन अधिक होता है और नोटों की जांच में लापरवाही बरती जाती है।
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पुलिस की अगली कार्रवाई और जनता को चेतावनी

  • पुलिस ने गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों से गहन पूछताछ शुरू कर दी है। इस पूछताछ के माध्यम से यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है। पुलिस की टीमें गिरोह के अन्य संभावित सदस्यों की तलाश में विभिन्न इलाकों में छापेमारी कर रही हैं। इसके अलावा यह भी जांच की जा रही है कि अब तक इस गिरोह ने कितने लोगों को ठगा है और किस प्रकार के लेन-देन में इन नकली नोटों का उपयोग किया गया है। शहर के नागरिकों को आगाह करते हुए पुलिस ने अपील की है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति से नकद लेनदेन करते समय सतर्क रहें। विशेष रूप से बड़ी रकम का लेन-देन करते समय नोटों की जांच करें और संदिग्ध मामलों की तत्काल सूचना नजदीकी पुलिस स्टेशन को दें।

सुरक्षा एजेंसियों को भी सतर्क किया गया

  • इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य और केंद्र की सुरक्षा एजेंसियों को भी सूचना दे दी गई है। नकली नोटों का यह मामला आर्थिक अपराध के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है, क्योंकि यदि नकली करेंसी का प्रसार बढ़ता है, तो इससे अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।

जनता का भरोसा बना रहे, पुलिस की प्राथमिकता

  • स्थानीय अपराध शाखा ने यह स्पष्ट किया है कि उनका मुख्य उद्देश्य अपराधियों को पकड़ने के साथ-साथ जनता में भरोसा बनाए रखना है। नकली नोटों से जुड़े मामलों में कई बार लोग पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने से हिचकिचाते हैं, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि हर सूचना पर तत्परता से कार्रवाई की जाएगी और नागरिकों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

निष्कर्ष: एक बड़ी कामयाबी

  • अहिल्यानगर पुलिस की इस कार्रवाई को एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है, जिसने न सिर्फ शहर को एक बड़े आर्थिक अपराध से बचाया, बल्कि एक संगठित अपराध गिरोह को भी बेनकाब किया है। अब जबकि यह मामला गंभीर रूप ले चुका है, पुलिस और अन्य एजेंसियों की संयुक्त जांच इस बात पर केंद्रित होगी कि देशभर में नकली नोटों के इस नेटवर्क को जड़ से खत्म किया जा सके। इस मामले में आगामी दिनों में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है। पुलिस ने कहा है कि जनता की जागरूकता, सतर्कता और सहयोग इस तरह के अपराधों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

News Editor- (Jyoti Parjapati)

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