Demand for action : अनूठी टिप्पणी पर सपा सांसद इकरा हसन की प्रतिक्रिया मौलाना साजिद रशीदी पर कड़ी कार्रवाई की मांग

उत्तर प्रदेश की सपा सांसद इकरा हसन
- उत्तर प्रदेश की सपा सांसद इकरा हसन ने मौलाना साजिद रशीदी द्वारा समाजवादी पार्टी की सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव पर दी गई टिप्पणी को अत्यंत निंदनीय बताया है। इकरा हसन ने कहा कि एक महिला जनप्रतिनिधि, जो स्थानीय सबसे बड़े पंचायत की सदस्य भी हैं, उस पर इस तरह की टिप्पणी करना बेहद शर्मनाक है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, उनका समाज से बहिष्कार होना चाहिए, क्योंकि वे कोई धर्मगुरु नहीं हैं।
विवादास्पद टिप्पणी और कानूनी प्रक्रिया
- घटना की शुरुआत तब हुई, जब डिंपल यादव के साथ एक मस्जिद में सपा की बैठक के दौरान ली गयी तस्वीरों को टीवी डिबेट में दिखाते हुए, मौलाना साजिद रशीदी ने उनकी पोशाक को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि संसद क्षेत्र की मस्जिद के अंदर डिंपल यादव पूरी तरह से निहंग बैठी थीं, जबकि सपा सांसद इकरा हसन ने अपना सर ढका हुआ रखा। इस बयान को महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुँचाने वाला और साम्प्रदायिक दृष्टिकोण वाला बताया जा रहा है ।
- इसके बाद, लखनऊ के विभूतिखंड थाने में प्रवेश यादव की तहरीर पर FIR संख्या 290/25 दर्ज की गई। मौलाना साजिद रशीदी पर बंस (BNS) की कई धाराओं — धारा 79 (महिला की शील का अपमान), 196 (दलीय या धार्मिक समूहों में वैमनस्य फैलाना), 299 (धार्मिक भावनाओं को आहत करना), 352-353 (गैरकानूनी बल प्रयोग, धमकाना) — और IT एक्ट की धारा 67 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है ।
राजनीति से संसद तक: विरोध की लहर
- डिंपल यादव पर टिप्पणी का विवाद संसद तक पहुँच गया। NDA के कई सांसदों ने संसद के बाहर प्रदर्शन कर इसे महिला सांसद की गरिमा का अपमान बताया और कार्रवाई की मांग की। बीजेपी के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने बयान देते हुए कहा कि “महिला सांसद का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा”।
- सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी और स्पष्ट कहा, “हम वही पहनेंगे जो संसद में पहनते हैं, इसमें आपत्ति क्यों?” उन्होंने मौलाना की सोच को दार्शनिक दृष्टिकोण के बजाय अपमानजनक बताया । उसी समय सपा नेता कौसर जमील, मुस्ते हसन, दीपक अन्ना यादव आदि कोतवाली में एफआईआर की मांग की तहरीर देने पहुँचे। साथ ही अखिल भारत हिंदू महासभा ने भी इस मुद्दे पर मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी दी ।
इकरा हसन का बयान: माफी से ज़्यादा कार्रवाई ज़रूरी
- सपा सांसद इकरा हसन ने कहा कि मौलाना ने न केवल एक चुनी हुई सांसद की छवि को नुकसान पहुँचाया, बल्कि समूचे महिला समाज को ही अपमानित किया है। उन्होंने उल्लेख किया कि 80% कथा श्रोताओं महिलाएं होती हैं, और उस मंच से इस तरह की टिप्पणी करना निर्मम और अभद्र है। उन्होंने स्पष्ट किया कि माफी मांगना समाधान नहीं, बल्कि ऐसे व्यक्तियों पर कार्रवाई होनी चाहिए और उनका सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए—क्योंकि वे कोई पवित्र धर्मगुरु नहीं हैं बल्कि कटुता फैलाने वाले वक्ता हैं।
निष्कर्ष: सोशल मीडिया से संसद तक प्रतिक्रिया, अब कार्रवाई का समय
- यह मामला सिर्फ एक विवादास्पद टिप्पणी नहीं, बल्कि नीति, नैतिकता और कानून की ओर संकेत करता है। मौलाना साजिद रशीदी जैसे सार्वजनिक व्यक्ति को यह समझने की ज़िम्मेदारी बनती है कि एक महिला सांसद पर टिप्पणी करना केवल व्यक्तिगत अपमान नहीं, बल्कि धार्मिक और समाजिक सौहार्द को भी चुनौती है।
- लखनऊ पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है। अब देखना होगा कि न्याय व्यवस्था कितनी त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई करती है, जिससे समाज में महिलाओं की गरिमा की सुरक्षा हो सके। इकरा हसन जैसे नेताओं की आवाज़ ने स्पष्ट कर दिया है कि महिलाओं की गरिमा, सम्मान और सार्वजनिक जिम्मेदारी को संरक्षित रखना हम सभी की साझा जिम्मेदारी है।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)