Electricity non-fossil : भारत ने 50% बिजली गैर-जीवाश्म ईंधन से उत्पादन किया

भारत ने रचा इतिहास
देश में 50% बिजली अब गैर-जीवाश्म ईंधन से, पीएम मोदी बोले- भारत ने 2030 से पहले ही हासिल की बड़ी सफलता पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार की योजनाओं से सौर, पवन, हाइड्रो और न्यूक्लियर ऊर्जा में निवेश बढ़ा, जिससे भारत पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है. भारत ने 2030 के लक्ष्य से पांच साल पहले 50.08% गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता हासिल कर हरित ऊर्जा में बड़ी उपलब्धि हासिल की है.
- बिजली क्षमता का ब्योरा
- थर्मल पावर: 242.04 गीगावाट (49.92%)
- रिन्यूएबल एनर्जी: 184.62 गीगावाट (38.08%)
- बड़े हाइड्रो प्रोजेक्ट्स: 49.38 गीगावाट (10.19%)
- न्यूक्लियर पावर: 8.78 गीगावाट (1.81%)
- कुल 484.82 गीगावाट में से 242.78 गीगावाट साफ ऊर्जा से आता है.
Electricity non-fossil : भारत ने 50% बिजली गैर-जीवाश्म ईंधन से उत्पादन किया ? - भारत ने पर्यावरण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. देश ने 30 जून 2025 तक अपनी कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता का 50.08 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से हासिल कर लिया है.
- यह लक्ष्य भारत ने पेरिस समझौते के तहत अपनी राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDCs) में 2030 तक हासिल करने का वादा किया था, लेकिन इसे पांच साल पहले ही पूरा कर लिया गया है. यह भारत की हरित ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्धता और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है.
- इसमें से 242.78 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से आता है. इसमें रिन्यूएबल एनर्जी (184.62 गीगावाट), बड़े हाइड्रो प्रोजेक्ट्स (49.38 गीगावाट), और न्यूक्लियर पावर (8.78 गीगावाट) शामिल हैं.
- वहीं, जीवाश्म आधारित थर्मल पावर का हिस्सा 242.04 गीगावाट है. यानी अब देश की आधी बिजली साफ-सुथरी ऊर्जा से बन रही है.
- इस उपलब्धि का श्रेय केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को दिया है. पीएम-कुसुम योजना, पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना, सोलर पार्क योजनाएं, नेशनल विंड-सोलर हाइब्रिड पॉलिसी, और बायोएनर्जी में बढ़ते निवेश ने इस लक्ष्य को हासिल करने में अहम भूमिका निभाई है. खास तौर पर, प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) ने सोलर पंप और एग्रोवोल्टिक्स को बढ़ावा दिया है.
- इसके अलावा, रूफटॉप सोलर योजना के तहत करीब एक करोड़ घरों तक सौर ऊर्जा पहुंच चुकी है.
- बता दें यह उपलब्धि सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि भारत के पर्यावरण के प्रति गंभीर रवैये का प्रतीक है. 2047 तक भारत को पूरी तरह आत्मनिर्भर और पर्यावरण के अनुकूल बनाने का सपना अब और करीब नजर आ रहा है. सौर, पवन, हाइड्रो, और न्यूक्लियर ऊर्जा के क्षेत्र में हो रहे नवाचार और निवेश भारत को वैश्विक स्तर पर एक मिसाल बना रहे हैं.
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News Editor- (Jyoti Parjapati)