Electricity worker burnt : मुरादाबाद पेड़ की टहनी 33 केवी लाइन से टकराई, करंट लगने से तीन बिजली कर्मचारी झुलसे ?

Electricity worker burnt : मुरादाबाद पेड़ की टहनी 33 केवी लाइन से टकराई, करंट लगने से तीन बिजली कर्मचारी झुलसे

Electricity worker burnt : मुरादाबाद पेड़ की टहनी 33 केवी लाइन से टकराई, करंट लगने से तीन बिजली कर्मचारी झुलसे ?
Electricity worker burnt : मुरादाबाद पेड़ की टहनी 33 केवी लाइन से टकराई, करंट लगने से तीन बिजली कर्मचारी झुलसे ?

मंगलवार दोपहर मुरादाबाद में एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जब विद्युत विभाग के तीन कर्मचारी पेड़ों की छंटाई के दौरान करंट की चपेट में आ गए। यह घटना दिल्ली रोड स्थित गांगन बिजली घर के अंतर्गत मीरपुर क्षेत्र में उस समय हुई, जब कर्मचारी नियमित कार्य के अंतर्गत पेड़ की टहनियों की कटाई कर रहे थे। यह कार्य मानसरोवर बिजली घर की ओर से किया जा रहा था, ताकि बिजली आपूर्ति बाधित न हो और लाइन पर लटकी टहनियों से कोई दुर्घटना न हो। लेकिन यह प्रयास खुद तीन कर्मचारियों के लिए खतरनाक साबित हुआ।

हादसे के समय मौके पर मौजूद विद्युत विभाग के कर्मचारी – सुरेंद्र सिंह (32 वर्ष, टीजी-2), विक्रम सिंह (45 वर्ष, लाइनमैन), और होम सिंह (35 वर्ष, लाइनमैन) सीढ़ी की मदद से 15 फीट ऊंचाई पर चढ़कर पेड़ की टहनियों की कटाई कर रहे थे। तीनों कर्मचारी संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) पर कार्यरत हैं और उन्हें उस क्षेत्र की विद्युत लाइनों की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। कार्य के दौरान अचानक एक टहनी 33 केवीए की हाई वोल्टेज लाइन से टकरा गई, जिससे पूरे पेड़ में करंट फैल गया। इसके कारण तीनों कर्मचारी करंट की चपेट में आ गए और ऊंचाई से नीचे गिर पड़े।

करंट लगने और ऊंचाई से गिरने के कारण तीनों कर्मचारी गंभीर रूप से झुलस गए। घटना स्थल पर मौजूद स्थानीय लोगों और विद्युत विभाग के अन्य कर्मचारियों ने तुरंत स्थिति को संभाला और बिना देर किए घायलों को पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। घायलों की हालत शुरू में चिंताजनक थी, लेकिन समय पर चिकित्सा मिलने से अब उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है। अस्पताल प्रशासन और विद्युत विभाग दोनों ही कर्मचारियों की देखभाल में लगे हुए हैं।

इस घटना की जानकारी मिलते ही विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता योगेन्द्र कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने पुष्टि की कि तीनों कर्मचारी संविदा पर कार्यरत थे और नियमित कार्य के अंतर्गत पेड़ों की छंटाई कर रहे थे। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद कर्मचारियों को तुरंत निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। उन्होंने यह भी बताया कि कर्मचारियों की स्थिति अब स्थिर है और सुधार के संकेत मिल रहे हैं।

हादसे के बाद कई सवाल भी उठ रहे हैं, जैसे कि पेड़ों की कटाई जैसे खतरनाक कार्य के दौरान पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम क्यों नहीं किए गए थे? क्या बिजली आपूर्ति को पूरी तरह से बंद किया गया था या कार्य करते समय लाइन में करंट प्रवाहित हो रहा था? इन सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, कार्य से पहले बिजली आपूर्ति बंद करने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई थी या कोई लापरवाही हुई, जिसकी वजह से हादसा हुआ।

Electricity worker burnt : मुरादाबाद पेड़ की टहनी 33 केवी लाइन से टकराई, करंट लगने से तीन बिजली कर्मचारी झुलसे ?
Electricity worker burnt : मुरादाबाद पेड़ की टहनी 33 केवी लाइन से टकराई, करंट लगने से तीन बिजली कर्मचारी झुलसे ?

घटना के बाद स्थानीय निवासियों में भी आक्रोश देखा गया। उन्होंने मांग की कि ऐसे कार्यों के दौरान पूरी सावधानी बरती जाए और कर्मचारियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही यह भी मांग उठी कि संविदा पर कार्य कर रहे कर्मचारियों को पूर्ण सुरक्षा उपकरण और प्रशिक्षण प्रदान किया जाए, जिससे इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

इस तरह की घटनाएं न केवल कर्मचारियों के लिए खतरनाक हैं, बल्कि यह बिजली विभाग की लापरवाही को भी उजागर करती हैं। कई बार देखा गया है कि संविदाकर्मियों से कम संसाधनों और बिना पर्याप्त सुरक्षा उपकरणों के कार्य करवाया जाता है, जिससे उनकी जान जोखिम में पड़ती है। यह एक गंभीर मुद्दा है जिस पर विभाग को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

वर्तमान में घायल तीनों कर्मचारियों का इलाज मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। चिकित्सकों की टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है और उनके स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। विद्युत विभाग की ओर से भी आश्वासन दिया गया है कि घायलों के इलाज में किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी और यदि आवश्यकता पड़ी तो उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए किसी अन्य अस्पताल में रेफर भी किया जा सकता है।

इस हादसे के बाद जिला प्रशासन और विद्युत विभाग को एक बार फिर से अपनी सुरक्षा नीतियों और प्रोटोकॉल की समीक्षा करनी चाहिए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि इस प्रकार के जोखिम भरे कार्य करते समय कर्मचारियों को पूरी सुरक्षा मिले और किसी भी स्थिति में उनकी जान खतरे में न पड़े। भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए पूरे सिस्टम को अधिक उत्तरदायी और संवेदनशील बनाने की जरूरत है।

अंततः, यह घटना न केवल तीन कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए एक त्रासदी है, बल्कि यह पूरे विद्युत विभाग के लिए एक चेतावनी भी है। बेहतर सुरक्षा व्यवस्था, समुचित प्रशिक्षण, और कार्यस्थल पर सतर्कता ही ऐसी घटनाओं को रोक सकती है। उम्मीद है कि विभाग इस घटना से सबक लेगा और भविष्य में संविदाकर्मियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देगा। साथ ही प्रशासन भी ऐसी घटनाओं पर कठोर कदम उठाएगा ताकि किसी और परिवार को इस तरह की पीड़ा न झेलनी पड़े।

News Editor- (Jyoti Parjapati)

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