Game ower : भारत में रियल मनी गेमिंग इंडस्ट्री को कैसे मिला बूम, क्या बिल से हो जाएगा गेम ओवर ?

Game ower : भारत में रियल मनी गेमिंग इंडस्ट्री को कैसे मिला बूम, क्या बिल से हो जाएगा गेम ओवर

Game ower : भारत में रियल मनी गेमिंग इंडस्ट्री को कैसे मिला बूम, क्या बिल से हो जाएगा गेम ओवर ?
Game ower : भारत में रियल मनी गेमिंग इंडस्ट्री को कैसे मिला बूम, क्या बिल से हो जाएगा गेम ओवर ?

नई दिल्ली। सस्ते इंटरनेट और किफायती स्मार्टफोन के बदौलत भारत ने न सिर्फ ‘डिजिटल इंडिया’ तक का सफर तय किया। बल्कि इसके साथ-साथ ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग और बेटिंग जैसी इंडस्ट्री भी फलने-फूलने लगी। हालांकि, ऐसा नहीं है कि भारत में खेल में पैसा लगाने की शुरुआत इस तरह के खेलों से शुरू हुई। लंबे समय से भारत में खेलों में पैसा लगाया जाता है। इसे रोकने के लिए ही ‘जुआ खेलना’ को कानून के दायरे में रखा गया। डिजिटल होती दुनिया में इसे नया नाम रियल मनी गेमिंग (RMG) मिला।

रियल मनी गेमिंग पर रोक लगाने के लिए सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग बिल (प्रोत्साहन और नियमावली) को हाल में सदन में पेश किया। यह बिल लोकसभा और राज्यसभा दोनों से पास हो चुका है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा। यहां हम आपको भारत में ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग के शुरुआत और इस बिल के बाद इस तरह के प्लेटफॉर्म पर रोक तक की पूरी कहानी बता रहे हैं।

ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग की शुरुआत

भारत में ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग की शुरुआत किफायती इंटरनेट और स्मार्टफोन के साथ ही शुरु हुआ। इंटरनेट और मोबाइल फोन ने इसका आधार बनाया और लोगों के बीच में तेजी से पॉपुलर किया। साल 2006 से 2010 के बीच में भारतीय मोबाइल यूजर्स के बीच Ace2Three और RummyCircle जैसे शुरुआती प्लेटफॉर्म्स ने ऑनलाइन रम्मी गेम्स को बढ़ावा दिया।

2008 में Dream11 की शुरुआत हुई, जिसने 2012 से रियल मनी फैंटेसी क्रिकेट पेश किया। इस गेम के विनर्स से ऐसी माउथ पब्लिसिटी मिली कि देश में लगभग हर तीसरे क्रिकेट फैन के फोन में यह ऐप या ऐसी ही दूसरी ऐप मिल जाएगी।

2017 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने Dream11 के फॉर्मेट को ‘गेम ऑफ स्किल’ करार दिया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा। इससे पहले रम्मी को भी स्किल-बेस्ड गेम करार दिया जा चुका था।

सुप्रीम कोर्ट के इन फैसलों के बाद भारत में रियल मनी गेमिंग को कुछ हद तक कानूनी मान्यता मिली और भारत में गेमिंग इंडस्ट्री को तेजी मिली।

Game ower : भारत में रियल मनी गेमिंग इंडस्ट्री को कैसे मिला बूम, क्या बिल से हो जाएगा गेम ओवर ?
Game ower : भारत में रियल मनी गेमिंग इंडस्ट्री को कैसे मिला बूम, क्या बिल से हो जाएगा गेम ओवर ?

सस्ता इंटरनेट और निवेश

साल 2016 में भारत Jio की एंट्री हुई। जियो ने मोबाइल इंटरनेट के टैरिफ में क्रांतिकारी परिवर्तन किए। जहां पहले टेलीकॉम कंपनियां पूरे महीने के लिए 1 से 2 जीबी डेटा ऑफर करती थी, जियो ने इस लिमिट के डेली कर दिया और मोबाइल इंटरनेट को काफी हद तक किफायती कर दिया। इससे मोबाइल गेमिंग के यूजर्स में काफी बढ़ोत्तरी हुई।

जैसा कि हमने बताया कि किफायती इंटरनेट ने डिजिटल इंडिया को भी बढ़ावा मिला। UPI ने न सिर्फ डिजिटल पेमेंट्स को आसान बनाया बल्कि रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म से ट्रांजैक्शन को भी आसान बना दिया। अब लोग आसानी से इन प्लेटफॉर्म में रुपये लगा सकते थे और जीतने पर आसानी से निकाल भी सकते थे।

कोविड-19 के चलते लगे लॉकडाउन में लाखों यूजर्स ने मनोरंजन के लिए इस तरह के गेमिंग प्लेटफॉर्म का रुख किया। वहीं इस बीच इस तरह के गेमिंग प्लेटफॉर्म को घरेलू निवेशकों के साथ-साथ जमकर FDI भी मिले। अकेले 2018 से 21 के बीच में ऑनलाइन गेमिंग को 700 मिलियन डॉलर से ज्यादा का विदेशी निवेश मिला और Dream11, MPL, Games24x7 जैसे स्टार्टअप देखते-देखते यूनिकॉर्न बन गए।

भारत के ऑनलाइन गेमिंग को मिले बूम के चलते 2023 तक भारत में इसका मार्केट साइज 3.7 अरब डॉलर का हो चुका था। इसके साथ ही 2029 तक इसके 9.1 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान था। इन गेम्स को बूम मिलने का सबसे बड़ा कारण था कि इनका करीब 86 प्रतिशत रेवेन्यू रियल मनी फॉरमेंट से आता है।

ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग पर लगाम लगाने और ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने Promotion & Regulation of Online Gaming Bill, 2025 संसद में पेश किया। यह बिल दोनों सदनों से पास हो चुका और इसे कानून बनने के लिए अब राष्ट्रपति से मंजूरी की जरूरत है।

बिल के प्रावधान

  • इस बिल ने रियल मनी आधारित गेमिंग प्लेटफॉर्म चाहे वह गेम ऑफ स्किल हो या वह गेम ऑफ चांस हो दोनों पर बैन लगाने की बात कही गई है।
  • इसके साथ ही बैंक और पेमेंट गेटवे को रियल मनी गेम से जुड़े ट्रांजेक्शन प्रोसेस ब्लॉक करने को कहा गया है।
  • इसके साथ ही रियल मनी आधारित गेम के विज्ञापनों पर भी बैन रहेगा।
  • इस बिल में फ्री-टू-प्ले और सब्सक्रिप्शन गेम को छूट मिलेगी।
  • नियमों का उल्लंघन करने पर तीन साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान है।

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News Editor- (Jyoti Parjapati)

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