Grand event : नाग पंचमी पर्व पर मध्यरात्रि में भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए पट खुले , उज्जैन में भव्य आयोजन
नाग पंचमी के पावन अवसर पर भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के दर्शन
- उज्जैन, 29 जुलाई 2025:- हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नाग पंचमी के पावन अवसर पर भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए मध्यरात्रि को मंदिर के पटों का शुभ मुहूर्त में उद्घाटन हुआ। यह अत्यंत धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व रखता है, क्योंकि यह अवसर भक्तों के लिए साल में केवल एक बार प्राप्त होता है। इस बार भी उज्जैन के प्रसिद्ध मंदिर में गंगा जैसे निरंतर बहते श्रद्धा-सुमन, विधि-विधान से सम्पन्न पूजा-अर्चना और प्रशासनिक सुरक्षा व्यवस्था के बीच यह अनुष्ठान संपन्न हुआ।
भगवान श्री नागचंद्रेश्वर का पावन उद्घाटन
- रात्रि 12 बजे, जो कि अत्यंत शुभ मुहूर्त माना जाता है, मंदिर के मुख्य पट को सावधानीपूर्वक खोला गया। इस अवसर की गरिमा और पवित्रता बनाए रखने के लिए मंदिर परिसर में व्यापक व्यवस्था की गई थी। श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा, जो कि महाकालेश्वर मंदिर के साथ ही उज्जैन की धार्मिक व्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग है, के प्रमुख महंत श्री विनीतगिरी महाराज ने विधि विधान से भगवान श्री नागचंद्रेश्वर की पूजा-अर्चना की।
Grand event : नाग पंचमी पर्व पर मध्यरात्रि में भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए पट खुले , उज्जैन में भव्य आयोजन ?
पूजन और अभिषेक का विधिवत क्रम
- पट खोलने के तुरंत बाद महंत विनीतगिरी महाराज ने सबसे पहले भगवान नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा का पूजन किया। तत्पश्चात शिवलिंग का अभिषेक एवं पूजन किया गया, जो इस मंदिर की परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। इस पूजन में तिलक, पुष्प, जलाभिषेक, धूप-दीप, मंत्रोच्चार और अन्य धार्मिक अनुष्ठान विधिवत संपन्न हुए।
- भगवान नागचंद्रेश्वर को नाग देवताओं का प्रतीक माना जाता है, और उनका पूजन नाग पंचमी के दिन विशेष रूप से किया जाता है। मान्यता है कि नाग देवता संसार की सभी भय और बाधाओं को दूर करते हैं तथा समृद्धि और सौभाग्य लाते हैं। इसलिए इस दिन लाखों श्रद्धालु मंदिर की परिक्रमा कर दर्शन करते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की प्रार्थना करते हैं।
उज्जैन में श्रद्धालुओं की भीड़ और प्रशासनिक व्यवस्था
- भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के अवसर पर मंदिर परिसर में भारी संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए। रात्रि के इस अनुष्ठान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु प्रभारी मंत्री श्री गौतम टेटवाल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती सम्पतिया उइके समेत कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
- मंदिर परिसर में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष प्रबंध किए गए थे ताकि दर्शनार्थियों को शांति और सुव्यवस्था के साथ भगवान के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हो सके। साफ-सफाई, सैनिटेशन, चिकित्सा व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस और प्रशासन की टीम ने पूरी तैयारी की थी।
धार्मिक और सामाजिक महत्त्व
- नाग पंचमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो विशेष रूप से नाग देवताओं को समर्पित होता है। नाग देवता हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण स्वरूप हैं, जिनकी पूजा अर्ध्य, मंत्र, दीपक जलाकर, और फूल चढ़ाकर की जाती है। नागों को प्रकृति का अभिन्न हिस्सा माना गया है, जो भूमि की उर्वरता, जल का संचय, और जीवन के चक्र से जुड़े हैं।
- भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन से जुड़ी परंपरा उज्जैन के धार्मिक इतिहास में विशेष स्थान रखती है। यहां के नाग मंदिर की स्थापना और संचालन प्राचीन काल से ही नाग पंचमी के अवसर पर पट खोलने की परंपरा को जीवित रखता है। यह न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने का माध्यम भी है।
Grand event : नाग पंचमी पर्व पर मध्यरात्रि में भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए पट खुले , उज्जैन में भव्य आयोजन ?
आगामी योजनाएं और विकास
- इस बार के आयोजन में स्थानीय प्रशासन ने मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण, भव्य प्रकाश व्यवस्था, और पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया। उज्जैन नगर निगम ने सुनिश्चित किया कि मंदिर के आसपास यातायात व्यवस्था बेहतर रहे और भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
- साथ ही, स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना जैसी बीमारियों से बचाव के लिए आवश्यक एहतियात बरती गई, जिससे सभी श्रद्धालु सुरक्षित महसूस कर सकें। प्रशासन ने इस धार्मिक आयोजन को सुरक्षित और सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए।
भक्तों की अनुभूतियां और आस्था
- भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के बाद भक्तों ने अपनी गहरी श्रद्धा और संतोष व्यक्त किया। कई लोगों ने बताया कि इस वर्ष भी वे अपने पूरे परिवार के साथ इस पुण्य स्थल पर आए हैं और यहां की शांति और पवित्रता ने उन्हें आध्यात्मिक शांति प्रदान की है।
- कई युवाओं ने भी इस धार्मिक परंपरा में भाग लेकर अपनी सांस्कृतिक विरासत से जुड़ाव महसूस किया। यह आयोजन केवल धार्मिक दृष्टि से नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी युवाओं को प्रेरित करने वाला साबित हुआ।
निष्कर्ष
- नाग पंचमी के इस पावन अवसर पर भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के मध्यरात्रि में पट खुलने का यह उत्सव उज्जैन के धार्मिक जीवन का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। इस आयोजन ने एक बार फिर यह प्रमाणित किया कि हमारी धार्मिक परंपराएं और सांस्कृतिक विरासत आज भी जीवंत हैं और इनसे आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा प्राप्त करती हैं।
- भगवान नागचंद्रेश्वर के पूजन-अर्चन के साथ-साथ प्रशासनिक सतर्कता और भक्तों की श्रद्धा ने मिलकर इस पर्व को सफल और सुरक्षित बनाया। उज्जैन में हर वर्ष इस तरह के आयोजनों के माध्यम से हमारी सांस्कृतिक धरोहर को नई ऊर्जा मिलती है, जो न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक समरसता और भाईचारे का संदेश भी देती है।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)
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