Growing net : ग्राम समाज की जमीनों पर अवैध प्लाटिंग का बढ़ता जाल ?

Growing net : ग्राम समाज की जमीनों पर अवैध प्लाटिंग का बढ़ता जाल

 

Growing net : ग्राम समाज की जमीनों पर अवैध प्लाटिंग का बढ़ता जाल
Growing net : ग्राम समाज की जमीनों पर अवैध प्लाटिंग का बढ़ता जाल

गत डेढ़ दशक में ग्राम समाज और सरकारी जमीनों

  • पर अवैध प्लाटिंग का धंधा पूरे क्षेत्र में तेजी से पनपता चला गया है। जमीनों की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी ने भू-माफियाओं को इतना प्रोत्साहित किया कि उन्होंने ग्राम पंचायतों की अनदेखी और प्रशासनिक लापरवाही का फायदा उठाकर सरकारी जमीनों पर कब्जा जमाना शुरू कर दिया। विशेषकर ग्राम पंचायत सिमरिया, ता0 महाराजपुर की गाटा संख्या-174 पर बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग की गई है। स्थानीय लोगों और कुछ जागरूक सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस बाबत शिकायतें भी दर्ज कराई हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

औने-पौने दामों में बेच दी गईं कीमती सरकारी ज़मीनें

अवैध कॉलोनाइज़र न केवल सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं, बल्कि उन्हें औने-पौने दामों में बेचकर मोटा मुनाफा भी कमा रहे हैं। खरीदारों को यह झांसा दिया जाता है कि जमीन वैध है या भविष्य में वैध करवा दी जाएगी। अधिकतर मामले उन परिवारों से जुड़े हैं जो शहरों में आकर बसना चाहते हैं और कम कीमत पर जमीन खरीदने की चाह रखते हैं। परिणामस्वरूप, ग्राम समाज की जमीनों पर बनीं ये अवैध कॉलोनियाँ ना तो नगर निकाय की योजना का हिस्सा होती हैं और ना ही इनके पास कोई विधिक अनुमति होती है। फिर भी इन्हें खुलेआम बेचा और खरीदा जा रहा है, जो प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाता है।

कई क्षेत्रों में शमशान व खलिहान तक की जमीन नहीं बची

  • पूरनपुर तहसील क्षेत्र के ब्लॉक रोड, बंडा रोड, नारायन जंक्शन, चांट फिरोजपुर, आसाम हाईवे, गैरतपुर जप्ती, माधोटांडा रोड, मुझा रोड, शेरपुर रोड और तहसील कलीनगर तक फैले इस अवैध प्लाटिंग रैकेट में भू-माफियाओं ने ग्राम समाज की जमीनों के अलावा खलिहान, चरागाह और यहां तक कि शमशान भूमि तक को नहीं बख्शा। रिपोर्ट के अनुसार इन जगहों पर भी अवैध निर्माण और बिक्री की गतिविधियां चल रही हैं। आम चर्चा है कि यदि प्रशासन ने समय रहते इन क्षेत्रों की सरकारी भूमि की सुरक्षा नहीं की, तो आने वाले समय में पूरी तरह से ये कॉलोनाइज़र लाखों-करोड़ों का मुनाफा कमा लेंगे और सरकार को करोड़ों की संपत्ति गंवानी पड़ेगी।

ईमानदारी से जांच हुई तो खुलेंगे कई घोटाले

  • स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों की मानें तो यदि ईमानदारी से तहकीकात की जाए तो कई नामी कॉलोनाइज़र बेनकाब हो सकते हैं, जिन्होंने भूमाफियाओं की मिलीभगत से सरकारी जमीनें खुर्द-बुर्द की हैं। ऐसे घोटालों की जड़ें न केवल भू-माफियाओं तक जाती हैं, बल्कि कई मामलों में स्थानीय अधिकारियों और संबंधित विभागों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि यदि जिला प्रशासन और राजस्व विभाग ठोस कदम उठाएं, तो सरकारी जमीनों को वापस पाया जा सकता है और दोषियों पर सख्त कार्यवाही कर इस गैरकानूनी नेटवर्क को तोड़ा जा सकता है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस गंभीर मामले पर कितना संज्ञान लेता है।

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News Editor- (Jyoti Parjapati)

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