Gruesome murder : बोटी-बोटी किया, 3 दिनों तक भट्टी में जलाया 7 साल पहले अमेरिकी पत्रकार की सऊदी एजेंटों ने की थी खौफनाक हत्या

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने व्हाइट हाउस में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान आए हुए थे. यहां दोनों नेताओं ने सऊदी को F-35 फाइटर जेट बेचने के समझौते को औपचारिक रूप दिया. सउदी अमेरिका से लगभग 300 टैंक भी खरीदेगा. दोनों देशों के बीच नागरिक परमाणु ऊर्जा समझौते पर भी हस्ताक्षर हुआ. लेकिन दुनिया भर में चर्चा हुई आज से 7 साल तुर्की में हुई एक पत्रकार की हत्या की. यह हत्या सऊदी अरब ने कराई थी और अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने खुद पाया था कि हत्या का ऑर्डर क्राउन प्रिंस ने ही दिया था. ट्रंप आज उन्हीं के साथ व्हाइट हाउस में बैठे थे, ट्रंप ने उन्हें क्लीन चिट भी दे दी. एक तरफ उस पत्रकार की विधवा इस दौरे को अत्यधिक दर्दनाक बता रही थी, तो दूसरी तरफ ट्रंप अपनी ही खुफिया एजेंसी के उलट बात कर रहे थे.
चलिए आपको बताते हैं कि 2018 में कैसे सऊदी नागरिक और अमेरिका के वर्जीनिया निवासी जमाल खशोगी की हत्या को अंजाम दिया गया. साथ ही बताएंगे कि अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने हत्या के पीछे किसकी साजिश का पर्दाफाश किया था.
2 अक्टूबर 2018 की तारीख और सऊदी की चाल
वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी नागरिक को सऊदी अरब के थे लेकिन रहते अमेरिका के वर्जीनिया में थे. उन्हें सऊदी के शासक वर्ग का बड़ा आलोचक माना जाता था. एक प्रमुख सऊदी पत्रकार के रूप में, उन्होंने विभिन्न सऊदी समाचार संगठनों के लिए अफगानिस्तान पर सोवियत आक्रमण और अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन के उदय जैसी बड़ी खबरों को कवर किया था.
खशोगी पहली बार 28 सितंबर 2018 को एक सऊदी के डॉक्यूमेंट लेने के लिए तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास गए थे. उन्हें तलाक के कागजात चाहिए थे ताकि वह अपनी तुर्की मंगेतर हैटिस सेंगिज़ से शादी कर सकें. लेकिन उन्हें बताया गया कि डॉक्यूमेंट लेने के लिए उन्हें 2 अक्टूबर को वापस आना होगा. यह एक चाल थी. 2 अक्टूबर को खशोगी के साथ उनकी मंगेतर भी वाणिज्य दूतावास के गेट तक गई थीं. खशोगी ने अंदर जाने से पहले अपनी मंगेतर को दो मोबाइल फोन दिए और उससे कहा कि अगर वह वापस नहीं आते हैं तो वह तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन के सलाहकार को फोन करें.