Gyansthali School inaugurated : मुख्यमंत्री ने जनपद सिद्धार्थनगर में गुरु गोरक्षनाथ ज्ञानस्थली विद्यालय का उद्घाटन किया ?

Gyansthali School inaugurated : मुख्यमंत्री ने जनपद सिद्धार्थनगर में गुरु गोरक्षनाथ ज्ञानस्थली विद्यालय का उद्घाटन किया

Gyansthali School inaugurated : मुख्यमंत्री ने जनपद सिद्धार्थनगर में गुरु गोरक्षनाथ ज्ञानस्थली विद्यालय का उद्घाटन किया ?
Gyansthali School inaugurated : मुख्यमंत्री ने जनपद सिद्धार्थनगर में गुरु गोरक्षनाथ ज्ञानस्थली विद्यालय का उद्घाटन किया ?
मुख्यमंत्री ने जनपद सिद्धार्थनगर में गुरु गोरक्षनाथ ज्ञानस्थली विद्यालय
का उद्घाटन किया, गुरु गोरक्षनाथ की मूर्ति का अनावरण किया
प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और निवेश सहित 
जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हमें व्यापक परिवर्तन देखने को मिले : मुख्यमंत्री
विगत 10 वर्षों में विरासत और विकास में समन्वय से देश एक नए रूप में आगे बढ़ा
नए भारत ने अपने सामर्थ्य, सौहार्द और सद्भाव की ताकत का एहसास कराया
हमारे उपनिषद् ज्ञान के अथाह भण्डार, इन पर शोध कार्य किए जाने की आवश्यकता
ज्ञान की समृद्ध परम्परा को आगे बढ़ाने के लिए प्री-प्राइमरी से लेकर 
उच्च शिक्षा तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, 
अब मातृ भाषा प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक मिलनी प्रारम्भ हुई
महात्मा बुद्ध ने भारत के ज्ञान की परम्परा के बल पर दुनिया 
को अपनी ओर आकर्षित किया और उन्हें अपना अनुयायी बनाया
रजिस्टर्ड श्रमिकों के बच्चों के लिए अटल आवासीय विद्यालय बनाए 
गए, 17 ऐसे विद्यालय स्वयं के भवनों में संचालित हो रहे, 18वें अटल 
आवासीय विद्यालय का बहुत शीघ्र उद्घाटन होने वाला 
57 जनपदों में मुख्यमंत्री कम्पोजिट विद्यालय में नर्सरी से लेकर 12वीं तक
की शिक्षा दिए जाने की दिशा में सरकार प्रभावी रूप से आगे बढ़ रही
लखनऊ :-
  • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि सिद्धार्थनगर दुनिया में करुणा और मैत्री का संदेश देने वाली पावन धरा है। राजकुमार सिद्धार्थ के नाम पर सिद्धार्थनगर जनपद का नाम पड़ा है। आज बासंतीय नवरात्रि की सप्तमी तिथि है। यह महाकाली को समर्पित है। सनातन धर्म की परम्परा ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ से प्रारम्भ होती है। आज जीवन का अन्धकार मिटाने के लिए महाकाली की आराधना की तिथि है। इस अवसर पर भारत भारी, डुमरियागंज में गुरु गोरक्षनाथ ज्ञानस्थली का लोकार्पण कार्यक्रम सम्पन्न हो रहा है।
  • मुख्यमंत्री जी आज जनपद सिद्धार्थनगर की नगर पंचायत भारत भारी के वृन्दावन में गुरु गोरक्षनाथ ज्ञानस्थली विद्यालय का उद्घाटन करने के उपरान्त आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने गुरु गोरक्षनाथ की मूर्ति का अनावरण किया। मुख्यमंत्री जी ने सभी को श्रीराम नवमी और नवरात्रि की बधाई दी।
  • मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत की परम्परा ने सदैव से ज्ञान की आराधना की है। भारतीय मनीषा ने यह कहा है कि ‘आ नो भद्राः कृत्वो यन्तु विश्वतः’। अर्थात ज्ञान के आने के लिए सभी ओर से द्वार खुले रखो। जहां से भी ज्ञान आप तक पहुंचे, उसका स्वागत किया जाना चाहिए। ज्ञान ही जीवन में प्रगति के मार्ग प्रशस्त करता है। श्रीमद्भगवद्गीता भी यह कहती है कि ‘नहि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते’। अर्थात जीवन में किसी को ज्ञानवान बनाने से बढ़कर कुछ भी पवित्र नहीं हो सकता है।
  • मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारे पूर्वज हमेशा यही मानते थे कि शिक्षा के लिए जितना भी कार्य किया जाए, वह कम है। हमारा भी यह मानना है कि शिक्षा में किया जाने वाला कोई भी निवेश व्यर्थ नहीं जाता। वह हमारे जीवन को आगे बढ़ाने में ही अपना योगदान देगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और निवेश सहित जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हमें व्यापक परिवर्तन देखने को मिले हैं। आपने पिछले 10 वर्षों में बदलते हुए भारत को देखा है। विरासत और विकास में समन्वय से देश एक नए रूप में आगे बढ़ा है। यह भारत दुनिया के पीछे नहीं चलता, बल्कि भारत अपने पुरुषार्थ से दुनिया को अपने पीछे चलने के लिए मजबूर कर रहा है। नए भारत को सभी लोग कौतूहल से देख रहे हैं।
    Gyansthali School inaugurated : मुख्यमंत्री ने जनपद सिद्धार्थनगर में गुरु गोरक्षनाथ ज्ञानस्थली विद्यालय का उद्घाटन किया ?
    Gyansthali School inaugurated : मुख्यमंत्री ने जनपद सिद्धार्थनगर में गुरु गोरक्षनाथ ज्ञानस्थली विद्यालय का उद्घाटन किया ?
  • मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कभी भारत के सामने पहचान का संकट था, आज हमें एक नए भारत के दर्शन हो रहे हैं। यह भारत एक भी है और श्रेष्ठ भी है। यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। आने वाले 02 वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा, इसमें हमें कोई संदेह नहीं है।
  • मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जब पूरा देश अपने नेतृत्व के साथ खड़े होकर एक स्वर में बोलता है, तो 500 वर्षों की दासता की बेड़ियां टूटती हैं और अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर भव्य स्वरूप लेता हुआ दिखाई देता है। जब पूरा देश अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति करता है, तो महाकुम्भ प्रयागराज में देश और दुनिया के 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आकर भारत के सनातन धर्म की ताकत को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने में सफल होते हैं। इस नए भारत ने अपने सामर्थ्य, सौहार्द और सद्भाव की ताकत का एहसास भी कराया है। भारत ने दुनिया को यह संदेश भी दिया है कि बल, बुद्धि और वैभव में भले ही हम कितने भी मजबूत क्यों ना हो, लेकिन हम बलपूर्वक किसी पर आधिपत्य स्थापित नहीं करेंगे और न ही आधिपत्य स्वीकार करेंगे।
  • मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इतिहास साक्षी है कि किसी भी कालखंड में भारत ने तलवार के बल पर किसी पर शासन नहीं किया। माता सीता को ढूंढते हुए भगवान श्रीराम ने अपनी सेना के साथ लंका पर चढ़ाई की और विजय प्राप्त की। लेकिन श्रीराम ने लंका के राज्य पर विभीषण का अभिषेक किया, स्वयं वहां नहीं रुके। लक्ष्मण जी ने भगवान श्रीराम से लंका में रुकने के लिए कहा। लेकिन भगवान श्रीराम ने कहा कि ‘अपि स्वर्णमयी लंका न मे लक्ष्मण रोचते। जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी‘ अर्थात हे लक्ष्मण, यह लंका कितनी भी वैभवशाली क्यों ना हो, लेकिन यह मेरे लिए रुचिकर नहीं है। हमारे संस्कार कहते हैं कि जन्म देने वाली माँ और जन्म भूमि से बढ़कर कुछ भी नहीं हो सकता है। भगवान श्रीराम ने लंका से अयोध्या की ओर प्रस्थान किया।
  • मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भगवान श्रीराम ने किष्किंधा में बाली को मारा लेकिन राज्याभिषेक सुग्रीव का किया। भगवान श्रीराम ने अपने वनवास काल में ऋषि-मुनियों को अभय प्रदान किया। उन्होंने पूरे दण्डकारण्य को समृद्धि का एहसास कराया। आज भी दण्डकारण्य पूरे भारत का सबसे समृद्ध खनिज और वन सम्पदा क्षेत्र है।
  • मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बौद्ध परम्परा भारत से ही दुनिया में पहुंची। राजकुमार सिद्धार्थ का बचपन सिद्धार्थनगर और लुम्बिनी में व्यतीत हुआ था। ज्ञान प्राप्त करने के बाद वह बुद्ध कहलाए और गौतमबुद्ध के रूप में उनकी ख्याति हुई। उन्होंने अपने सर्वाधिक चातुर्मास श्रावस्ती में व्यतीत किये। संन्यास प्राप्त करने के बाद वह कुछ समय के लिए लुम्बिनी आए और यहां की व्यवस्थाओं को देखा। उनके अनुयायियों ने दुनिया में बौद्ध धर्म के करुणा और मैत्री के संदेश का प्रचार-प्रसार किया तथा उन्हें सभ्यता और शिष्टाचार सिखाया।
  • आज भी जापान, कोरिया और लाओस सहित अनेक बड़े देश बौद्ध देश के रूप में दुनिया में अपनी पहचान रखते हैं और महात्मा बुद्ध के प्रति समर्पण का भाव रखते हैं। महात्मा बुद्ध ने भी तलवार के बल पर नहीं, बल्कि भारत के ज्ञान की परम्परा के बल पर दुनिया को अपनी ओर आकर्षित किया और उन्हें अपना अनुयायी बनाया।
    Gyansthali School inaugurated : मुख्यमंत्री ने जनपद सिद्धार्थनगर में गुरु गोरक्षनाथ ज्ञानस्थली विद्यालय का उद्घाटन किया ?
    Gyansthali School inaugurated : मुख्यमंत्री ने जनपद सिद्धार्थनगर में गुरु गोरक्षनाथ ज्ञानस्थली विद्यालय का उद्घाटन किया ?
  • मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत के ज्ञान की समृद्ध परम्परा के साथ जुड़ने का सौभाग्य हमें प्राप्त हुआ है। जब विरासत और विकास का बेहतर समन्वय होगा, तो हमारा जीवन कल्याणकारी होगा। भारत ने इसी कल्याण के मार्ग को प्रशस्त किया है। वर्ष 2014 के बाद एक बदले हुए परिवेश में प्रधानमंत्री जी ने विरासत और विकास के बेहतर समन्वय के माध्यम से जब भारत को आगे बढ़ाना प्रारम्भ किया, तो अयोध्या में श्रीराम मन्दिर का निर्माण भी हुआ, काशी में श्रीकाशी विश्वनाथ मन्दिर का भव्य स्वरूप भी देखने को मिला और प्रयागराज में दिव्य और भव्य महाकुम्भ के दर्शन भी देश और दुनिया को हुए हैं। मथुरा और वृन्दावन भी सज-संवर रहे हैं।
  • मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अगर हमें अपनी विरासत और ज्ञान की परम्परा के बारे में जानना है, तो हमें वेदों की ओर देखना होगा। हमारे उपनिषद् ज्ञान के अथाह भण्डार हैं। दुनिया में विज्ञान जहां तक नहीं पहुंच पाया है, वहां हमारे उपनिषद् उनका मार्गदर्शन कर सकते हैं। आज उपनिषदों पर शोध कार्य किए जाने की आवश्यकता है।
  • मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जब दुनिया कोरोना महामारी से त्रस्त थी, तब भारत में कोरोना प्रबन्धन के साथ-साथ प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जा रही थी। ज्ञान की समृद्ध परम्परा को आगे बढ़ाने के लिए प्री-प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक वर्तमान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रभावी रूप से लागू करने का परिणाम है कि अब मातृ भाषा प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक मिलनी प्रारम्भ हुई है। लोग भारत की विभिन्न विधाओं और प्राचीन परम्पराओं की जानकारी ले सकते हैं। इन्जीनियरिंग, मेडिकल, विज्ञान-प्रौद्योगिकी या मानवीकि सहित प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ने की संभावनाएं बनी हैं।
  • मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पी0एम0 श्री विद्यालय, मुख्यमंत्री कम्पोजिट विद्यालय, ऑपरेशन कायाकल्प तथा युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए हर जनपद में अभ्युदय योजना के अन्तर्गत कोचिंग की नवीनतम व्यवस्था, यह सभी कार्य आज बहुत अच्छे ढंग से आगे बढ़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में रजिस्टर्ड श्रमिकों के बच्चों के लिए अटल आवासीय विद्यालय बनाए गए हैं। 17 ऐसे विद्यालय स्वयं के भवनों में संचालित हो रहे हैं। 18वें अटल आवासीय विद्यालय का बहुत शीघ्र उद्घाटन होने वाला है। 57 जनपदों में मुख्यमंत्री कम्पोजिट विद्यालय, जिसमें एक ही इण्टीग्रेटेड कैम्पस में नर्सरी से लेकर 12वीं तक की शिक्षा दिए जाने की दिशा में सरकार प्रभावी रूप से आगे बढ़ रही है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को अपग्रेड करने का कार्य किया गया है।
  • मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में निजी निवेश करते हुए श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह, श्री प्रवीण पाण्डेय, श्री प्रदीप सिंह और श्री आकाश सिंह ने साथ मिलकर गुरु गोरक्षनाथ ज्ञानस्थली विद्यालय का शुभारम्भ भारत भारी में किया है। विद्यालय राष्ट्रीयता से ओतप्रोत, अपने संस्कारों से जुड़ा और अपनी मातृभूमि की परम्परा का पालन करने वाला होना चाहिए। इनमें भाषा का विभेद न हो और इनमें अपनी संस्कृति से विचलन नहीं होना चाहिए। इस भाव के साथ हमें आगे बढ़ने के लिए तैयार होना है। डेढ़ सौ छात्रों द्वारा यहां अपना पंजीकरण भी कर लिया है। भारत और भारतीयता के प्रतीक भारत भारी की परम्परा के अनुरूप बासंतीय नवरात्रि के अवसर पर प्रारम्भ हो रहा शिक्षा का यह केन्द्र इस पूरे क्षेत्र को आलोकित करने का कार्य करेगा।
  • मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश में सरस्वती शिशु मन्दिर शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़ा संगठन है। जब वर्ष 1952 में गोरखपुर में पहला सरस्वती शिशु मन्दिर प्रारम्भ हुआ था, उसमें केवल पांच छात्र थे। आज लाखों छात्र-छात्राएं विद्या भारती द्वारा संचालित संस्थानों तथा सरस्वती शिशु मन्दिर में अध्ययन कर रहे हैं।
  • श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री अनिल राजभर ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बना है। उनकी प्राथमिकता है कि सभी को शिक्षा मिले। ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत परिषदीय विद्यालयों में सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं। इनमें स्मार्ट क्लास भी चल रही है।
  • इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षक तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।

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