Hope for quick justice : एसएसपी आशीष तिवारी के नेतृत्व में जनसुनवाई से आमजन को त्वरित न्याय की उम्मीद

थानों में रोजाना हो रही जनसुनवाई, आम नागरिकों की समस्याओं का हो रहा समाधान
- सहारनपुर:- जनपद में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आशीष तिवारी के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन द्वारा जनसुनवाई की प्रक्रिया को प्रभावी और जवाबदेह बनाया गया है। एसएसपी के निर्देशानुसार जिले के समस्त थाना प्रभारियों को अपने-अपने थानों में प्रतिदिन आम जनता की शिकायतें सुनने और उसका नियमानुसार एवं समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इस पहल का उद्देश्य पुलिस और जनता के बीच बेहतर संवाद स्थापित करना, आम नागरिकों की शिकायतों को गंभीरता से लेना और थानों के स्तर पर ही अधिकतर समस्याओं का समाधान कर जनता को राहत प्रदान करना है। इस पहल के अंतर्गत प्रत्येक थाना प्रभारी को निर्देशित किया गया है कि वह प्रतिदिन निश्चित समयावधि में थाने पर उपस्थित रहकर शिकायतकर्ताओं की समस्याएं व्यक्तिगत रूप से सुनें और उस पर आवश्यक कार्रवाई करें। इससे न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आई है, बल्कि लोगों का पुलिस विभाग के प्रति विश्वास भी मजबूत हुआ है। विशेष रूप से महिला संबंधित मामलों, पारिवारिक विवादों, भूमि विवाद, साइबर क्राइम, धोखाधड़ी और आपराधिक घटनाओं की शिकायतों पर प्राथमिकता से कार्रवाई की जा रही है।
एसएसपी स्वयं भी कर रहे निगरानी, जवाबदेही तय करने की प्रक्रिया में तेजी
- एसएसपी आशीष तिवारी स्वयं जनसुनवाई व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। वे समय-समय पर थानों का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कहीं कोई थाना प्रभारी जनसुनवाई में लापरवाही तो नहीं बरत रहा। यदि किसी थाने में जनसुनवाई की गुणवत्ता या गंभीरता में कमी पाई जाती है तो संबंधित अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। जनसुनवाई के दौरान प्राप्त शिकायतों की जांच और निस्तारण की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए एसएसपी कार्यालय से एक विशेष मॉनिटरिंग सेल भी सक्रिय है, जो यह देखता है कि प्रत्येक शिकायत को समय पर दर्ज कर उसका निपटारा हुआ है या नहीं। एसएसपी का मानना है कि “जनसुनवाई केवल औपचारिकता नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह एक ऐसा माध्यम होना चाहिए जिससे पीड़ित व्यक्ति को न्याय की पहली सीढ़ी थाने में ही मिल जाए।” उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि गंभीर शिकायतों को लंबित न रखा जाए और यदि मामला थाना स्तर से ऊपर का है, तो उसे सीओ स्तर पर भेजा जाए ताकि जांच निष्पक्ष और त्वरित हो सके। इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी शिकायतकर्ता को किसी पुलिसकर्मी से दुर्व्यवहार की शिकायत है, तो उसकी भी स्वतंत्र जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
सार्वजनिक सहभागिता और विश्वास का निर्माण
- एसएसपी की इस पहल ने एक नई व्यवस्था की नींव रखी है, जिसमें पुलिस अब सिर्फ कानून व्यवस्था संभालने वाली इकाई न होकर एक संवेदनशील और सहयोगी संस्था के रूप में सामने आ रही है। जनता भी अब अधिक विश्वास के साथ थानों में जाकर अपनी समस्या दर्ज करा रही है, क्योंकि उन्हें यह विश्वास हो गया है कि उनकी बात सुनी जाएगी और उस पर ठोस कार्रवाई होगी। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग विशेष रूप से इस व्यवस्था से लाभान्वित हो रहे हैं, क्योंकि पहले थानों तक उनकी पहुंच कठिन थी और कई बार शिकायतों को अनसुना कर दिया जाता था। अब थाना प्रभारी स्वयं सामने बैठकर उनकी शिकायत सुन रहे हैं और तुरंत उस पर निर्देश दे रहे हैं। इस व्यवस्था के अंतर्गत महिला हेल्प डेस्क की भूमिका भी उल्लेखनीय रही है। थानों में महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती से महिलाएं खुलकर अपनी समस्या रख पा रही हैं। महिला संबंधी अपराधों में तेजी से एफआईआर दर्ज हो रही है और कार्रवाई हो रही है।
जनसुनवाई से बढ़ा पुलिस पर विश्वास, अपराध नियंत्रण में भी दिख रहा असर
- जनसुनवाई की इस प्रभावी व्यवस्था का प्रत्यक्ष असर जनपद में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी पड़ा है। शिकायतें थाने के स्तर पर ही निस्तारित हो जाने के कारण अब लोग उच्चाधिकारियों या जनप्रतिनिधियों तक बार-बार जाने की जरूरत नहीं समझते। वहीं थानों में तैनात पुलिसकर्मियों को भी यह संदेश स्पष्ट हो चुका है कि यदि उन्होंने किसी शिकायत को अनदेखा किया, तो उनकी जवाबदेही तय होगी। इससे पुलिस बल में अनुशासन और जवाबदेही की भावना और अधिक मजबूत हुई है। जनसुनवाई में रोजाना बड़ी संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं और अपनी समस्या साझा कर रहे हैं। अधिकतर मामलों में पीड़ित जन अपनी संतुष्टि भी व्यक्त कर रहे हैं। एसएसपी तिवारी की यह पहल केवल प्रशासनिक सुधार नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक परिवर्तन की ओर कदम है, जिसमें पुलिस और जनता दोनों मिलकर जनहित में कार्य कर रहे हैं।
निष्कर्ष: न्याय और विश्वास की नई मिसाल बनी सहारनपुर पुलिस की जनसुनवाई प्रणाली
- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी के नेतृत्व में सहारनपुर पुलिस की जनसुनवाई व्यवस्था न सिर्फ प्रशासनिक दृष्टिकोण से एक सफल प्रयोग बन चुकी है, बल्कि यह जनता के साथ आत्मीय संवाद और विश्वास निर्माण की मिसाल भी बन गई है। प्रतिदिन थानों पर हो रही जनसुनवाई ने आमजन को यह अहसास दिलाया है कि न्याय केवल अदालतों तक सीमित नहीं, बल्कि थाना परिसर में भी उसकी नींव रखी जा सकती है। इस प्रकार की जनसुनवाई व्यवस्था यदि प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसी गंभीरता और पारदर्शिता के साथ लागू की जाए, तो निश्चित ही पुलिस और आम जनता के बीच की दूरी कम होगी और कानून व्यवस्था की स्थिति में व्यापक सुधार देखने को मिलेगा। सहारनपुर पुलिस की यह पहल अपने आप में एक अनुकरणीय उदाहरण बन गई है, जिसे भविष्य में और अधिक प्रभावी और व्यापक रूप देने की आवश्यकता है।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)