Illegal possession : चक मार्ग से अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई , ग्रामीणों को मिली बड़ी राहत

पत्रकार: मानवेन्द्र उपाध्याय (रिंकू)
- खुटहन (जौनपुर): हाईकोर्ट के आदेश के बाद खुटहन क्षेत्र के लवायन गांव में एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्रवाई को अंजाम दिया गया। गांव के अहिरखेतार मजरे से गुलरा ठेसूर ताल तक जाने वाले चक मार्ग को कब्जेदारों से मुक्त कराया गया। इस कार्रवाई में ग्राम प्रधान के पुत्र सुनील यादव की अहम भूमिका रही, जिन्होंने राजस्व टीम और पुलिस बल के साथ मिलकर यह कार्रवाई सफलतापूर्वक कराई।
चक मार्ग पर था वर्षों से अवैध कब्जा
- जानकारी के अनुसार, उक्त चक मार्ग पर गांव के कई लोगों ने अवैध रूप से कब्जा जमा लिया था और उसे अपनी निजी चकों में मिला लिया था। इसके कारण यह सार्वजनिक रास्ता पूरी तरह बाधित हो गया था। किसानों को अपने खेतों तक पहुंचने और कृषि उपकरणों तथा उपज को लाने-ले जाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। ट्रैक्टर, बैलगाड़ी या अन्य वाहनों से खेतों तक जाना लगभग असंभव हो गया था।
हाईकोर्ट के आदेश पर हुई सख्त कार्रवाई
- लंबे समय से इस मुद्दे पर ग्रामीणों द्वारा शिकायतें की जा रही थीं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा था। अंततः मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा, जहां से चक मार्ग को कब्जा मुक्त कराने का स्पष्ट आदेश जारी हुआ। आदेश मिलते ही राजस्व विभाग की टीम, पुलिस बल और स्थानीय प्रशासन ने ग्राम प्रधान पुत्र सुनील यादव के नेतृत्व में मौके पर पहुंचकर कब्जेदारों को हटाया।
कब्जा हटते ही मची अफरा-तफरी
- जैसे ही प्रशासनिक टीम पहुंची और रास्ता खाली कराने की प्रक्रिया शुरू हुई, कब्जेदारों में अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोगों ने विरोध करने की भी कोशिश की, लेकिन पुलिस की मौजूदगी और कड़े रुख के चलते सभी को पीछे हटना पड़ा। जल्द ही पूरा चक मार्ग साफ कर दिया गया।
अब खेतों तक होगी सुगम पहुंच
- चक मार्ग के पुनः चालू हो जाने से ग्रामीणों में भारी उत्साह है। अब उन्हें अपने खेतों तक आसानी से वाहन ले जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी। कृषि कार्यों के साथ-साथ आपात स्थितियों में भी यह मार्ग अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। ग्रामीणों ने इस कार्य के लिए सुनील यादव की जमकर सराहना की है।
ग्रामवासियों ने जताया आभार
- गांव के किसानों का कहना है कि रास्ता हमारे लिए जीवन रेखा जैसा है। वर्षों बाद हमें अपनी जमीन तक सही रास्ता मिला है। हम प्रधान जी और उनके बेटे सुनील यादव के आभारी हैं। वहीं महिलाओं ने भी कहा कि अब बच्चों को स्कूल छोड़ने व खेती के कामों में सुविधा मिलेगी।
- यह कार्रवाई न केवल प्रशासनिक इच्छाशक्ति का प्रमाण है, बल्कि स्थानीय नेतृत्व की जागरूकता और ग्रामीणों की एकजुटता का परिणाम भी है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह मार्ग कितनी जल्दी पक्की सड़क में परिवर्तित होता है ताकि वर्षा के मौसम में भी आवागमन बाधित न हो।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)