Increased risk : सहारनपुर गंगोह के गुलाम ओलिया में जलभराव से बीमारियों का खतरा बढ़ा ?

Increased risk : सहारनपुर गंगोह के गुलाम ओलिया में जलभराव से बीमारियों का खतरा बढ़ा

Increased risk : सहारनपुर गंगोह के गुलाम ओलिया में जलभराव से बीमारियों का खतरा बढ़ा ?
Increased risk : सहारनपुर गंगोह के गुलाम ओलिया में जलभराव से बीमारियों का खतरा बढ़ा ?

सहारनपुर जिले:- के गंगोह कस्बे का मोहल्ला गुलाम ओलिया इन दिनों भारी जलभराव और गंदे पानी की समस्या से जूझ रहा है। बारिश के मौसम में यहां की स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि स्थानीय लोग अपने ही घरों में कैद होकर रह जाते हैं। सड़कें तालाब जैसी नजर आती हैं, और घरों में गंदा पानी घुस जाने से लोगों को स्वास्थ्य, स्वच्छता और आवागमन संबंधी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

स्थानीय निवासियों के अनुसार, वर्षों से यह समस्या जस की तस बनी हुई है। मोहल्ले में जल निकासी की कोई उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण बरसात के दिनों में पानी की निकासी नहीं हो पाती और सड़कों पर दो से तीन फुट तक पानी भर जाता है। यह स्थिति कई दिनों तक बनी रहती है, जिससे सड़कें पूरी तरह से बंद हो जाती हैं और लोगों को अपने जरूरी कामों के लिए भी बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है।

गंदा पानी बन रहा बीमारियों का घर

  • स्थानीय लोग बताते हैं कि गंदा पानी सड़कों पर जमा होने के कारण मच्छरों और कीड़ों की भरमार हो गई है। इससे डेंगू, मलेरिया और त्वचा संबंधी बीमारियों का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। कई परिवारों के बच्चों और बुजुर्गों की तबीयत खराब रहने लगी है, लेकिन हालात सुधारने की दिशा में कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। मोहल्ले के कई हिस्सों में दुर्गंध फैल चुकी है, जिससे रहना भी मुश्किल हो गया है।

जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से कई बार लगाई गुहार

  • मोहल्ले के लोगों का कहना है कि वे कई बार नगर पालिका, स्थानीय सभासदों और अन्य विभागीय अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं। समस्या के समाधान के लिए आवेदन भी दिए गए, लेकिन अभी तक किसी भी स्तर पर कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हुई है। हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन देकर टाल दिया जाता है।
  • स्थानीय नागरिकों का कहना है कि बरसात से पहले जल निकासी की सफाई और नालियों की मरम्मत कर दी जाए, तो यह समस्या काफी हद तक कम हो सकती है। लेकिन अफसोस की बात है कि संबंधित विभाग केवल कागजों पर ही योजनाएं चलाते हैं और जमीनी हकीकत से मुंह फेर लेते हैं।

स्थानीय प्रतिनिधि भी रहे मौके पर मौजूद

  • इस गंभीर मुद्दे पर स्थानीय समाजसेवियों और प्रतिनिधियों ने भी चिंता जाहिर की। सभासद भूरा मंसूरी, फैसल सभासद, समीर कुरैशी, अकरम मलिक, सरवर और इकराम मौके पर मौजूद रहे और उन्होंने भी इस समस्या को लेकर नाराजगी जताई। इन लोगों का कहना था कि यदि जल्द से जल्द जल निकासी की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं की गई तो यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
  • उन्होंने प्रशासन और नगर पालिका से अपील की कि इस समस्या को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाए। मोहल्ले के लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया, तो वे धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

सड़कें बनी तालाब, बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित

  • मोहल्ले की महिलाएं बताती हैं कि जब गंदा पानी घरों तक पहुंच जाता है तो उन्हें खाना बनाने, बच्चों को स्कूल भेजने और अन्य दैनिक कार्यों में भारी परेशानी होती है। बच्चे कई दिनों तक स्कूल नहीं जा पाते, जिससे उनकी पढ़ाई पर भी असर पड़ता है। वहीं बुजुर्गों और बीमार लोगों का अस्पताल तक पहुंच पाना भी मुश्किल हो जाता है।

प्रशासन को चाहिए ठोस पहल

  • मोहल्ला गुलाम ओलिया की यह स्थिति प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है। शहरों में स्मार्ट सिटी और स्वच्छ भारत अभियान जैसे बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन जब बुनियादी सुविधाएं ही नहीं मिलतीं, तो उन दावों की हकीकत सामने आ जाती है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए।

नालियों की सफाई और सड़क निर्माण हो प्राथमिकता

  • स्थानीय निवासियों की मांग है कि क्षेत्र में नई नालियों का निर्माण किया जाए या पुरानी नालियों की मरम्मत की जाए। साथ ही सड़क की ऊंचाई और ढलान इस तरह से बनाई जाए कि बरसात के पानी की निकासी आसानी से हो सके। यदि यह कार्य समय रहते नहीं किया गया, तो भविष्य में यह समस्या एक बड़े संकट का रूप ले सकती है।

निष्कर्ष

  • गंगोह के मोहल्ला गुलाम ओलिया में जलभराव और गंदे पानी की समस्या सिर्फ स्थानीय निवासियों की नहीं, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था की विफलता का प्रमाण है। यह एक ऐसा मामला है जिसे गंभीरता से लेकर तुरंत कार्यवाही की जरूरत है। यदि समय रहते समस्या का समाधान नहीं हुआ तो यह न केवल जनस्वास्थ्य के लिए खतरा बनेगा, बल्कि स्थानीय प्रशासन की साख को भी प्रभावित करेगा।
  • स्थानीय लोग अब भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उनकी आवाजें सुनी जाएंगी और उन्हें गंदे पानी से निजात दिलाने के लिए कारगर कदम उठाए जाएंगे। वरना मजबूर होकर उन्हें सड़कों पर उतरकर अपनी बात मनवानी पड़ेगी।

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News Editor- (Jyoti Parjapati)

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