India’s head held high with pride : सुहानी शाह को ‘जादू के ओलंपिक’ में मिला सबसे प्रतिष्ठित सम्मान – भारत का सिर गर्व से ऊँचा

भारत की जानी-मानी मेंटलिस्ट और मैजिशियन सुहानी शाह ने एक बार फिर देश को गर्व का एहसास कराया है। इटली में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ मैजिक (FISM Italy 2025) में उन्हें ‘बेस्ट मैजिक क्रिएटर’ का अवॉर्ड मिला है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मैजिक की दुनिया का सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है। इस गौरवपूर्ण जीत के साथ सुहानी शाह न केवल व्यक्तिगत स्तर पर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने में सफल रहीं, बल्कि उन्होंने भारत को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान भी दिलाई।
1. FISM – जादू की दुनिया का ओलंपिक
FISM (Fédération Internationale des Sociétés Magiques) को जादू की दुनिया में ओलंपिक के बराबर माना जाता है। यह हर तीन साल में आयोजित होता है, जिसमें दुनियाभर से हजारों प्रतिष्ठित और उभरते मैजिशियन भाग लेते हैं। इस वर्ष यह आयोजन इटली के ट्यूरिन शहर में हुआ, जहां 50 से अधिक देशों के कलाकारों ने अपने जादुई हुनर का प्रदर्शन किया।
इस भव्य आयोजन में कई श्रेणियों में अवॉर्ड दिए जाते हैं, लेकिन ‘बेस्ट मैजिक क्रिएटर’ का सम्मान सबसे प्रतिष्ठित माना जाता है। यह पुरस्कार उस कलाकार को दिया जाता है जिसने जादू को नई दिशा दी हो, नए आइडियाज़ और क्रिएटिव थिंकिंग से दुनिया को चौंका दिया हो।
सुहानी शाह इस अवॉर्ड को जीतने वाली पहली भारतीय महिला मैजिशियन बन गई हैं, और इस उपलब्धि के साथ भारत ने मैजिक की दुनिया में एक नया इतिहास रच दिया है।
2. सुहानी शाह: बचपन से मंच तक का प्रेरणादायक सफर
सुहानी शाह का नाम भारत में जादू और मेंटलिज़्म के क्षेत्र में एक चर्चित और विश्वसनीय पहचान बन चुका है। उन्होंने महज़ 7 साल की उम्र में मंच पर अपनी पहली मैजिक परफॉर्मेंस दी थी और तब से लेकर अब तक वे हजारों शो कर चुकी हैं।
लेकिन सुहानी का जादू केवल हाथ की सफाई तक सीमित नहीं है। वे मेंटलिज़्म, साइकोलॉजिकल इल्युजन और ह्यूमन बिहेवियर की समझ के लिए भी जानी जाती हैं। यही वजह है कि वे सिर्फ मैजिशियन नहीं, बल्कि एक प्रभावशाली वक्ता और मोटिवेशनल आइकन भी बन चुकी हैं।
उनकी परफॉर्मेंस में मनोविज्ञान, ह्यूमन माइंड और क्रिएटिव विजुअल्स का बेहतरीन मेल होता है। FISM जैसे प्लेटफॉर्म पर उनके इनोवेटिव आइडियाज़ और अनोखे प्रेज़ेंटेशन को अंतरराष्ट्रीय जजों ने सराहा, और उन्हें इस अवॉर्ड के लिए चुना।
पुरस्कार मिलने के बाद उन्होंने कहा – “हम जीत गए। ये सिर्फ मेरी नहीं, पूरे भारत की जीत है।” उनकी इस बात से स्पष्ट है कि वह इस उपलब्धि को व्यक्तिगत नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सम्मान के रूप में देखती हैं।
3. भारत को मिला ग्लोबल मंच पर नया सम्मान
FISM 2025 में सुहानी शाह की जीत से भारत को अंतरराष्ट्रीय मैजिक कम्युनिटी में एक नई और सशक्त पहचान मिली है। इससे पहले भारत के जादूगरों को अधिकतर घरेलू स्तर पर ही पहचान मिलती थी, लेकिन अब भारतीय मैजिक को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीरता से लिया जा रहा है।
यह उपलब्धि उन हजारों युवा भारतीयों के लिए प्रेरणा है जो जादू, क्रिएटिव आर्ट्स और मानसिक कौशल के क्षेत्र में कुछ बड़ा करना चाहते हैं। सुहानी ने दिखा दिया है कि जुनून, लगन और मेहनत से कोई भी कलाकार वैश्विक मंच पर चमक सकता है।
इसके साथ ही भारत में अब मैजिक को केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि एक सीरियस और इंटेलेक्चुअल आर्ट फॉर्म के रूप में देखा जाने लगा है। सुहानी शाह जैसी कलाकार इस बदलाव की सबसे बड़ी उदाहरण हैं।
निष्कर्ष
सुहानी शाह की यह ऐतिहासिक जीत न सिर्फ उनके करियर का मील का पत्थर है, बल्कि भारत के लिए एक गर्व का क्षण है। उन्होंने न सिर्फ FISM जैसे प्रतिष्ठित मंच पर खुद को साबित किया, बल्कि भारतीय प्रतिभा की शक्ति को भी दुनिया के सामने रखा। उनकी यह उपलब्धि आने वाले वर्षों में भारत को मैजिक और क्रिएटिव आर्ट्स के ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक अहम कदम है।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)