Inhuman tragedy : रूस के अमूर क्षेत्र में विमान हादसा: एंगारा एयरलाइंस की प्यास बनी अमानवीय त्रासदी

विमान लापता, संपर्क टूटने पर मची घबराहट
24 जुलाई 2025 को गुरुवार को एक रूसी Antonov An‑24 यात्री विमान लापता हो गया था। यह एंगारा एयरलाइंस का विमान ब्लागोवेश्चेन्शेन्क से होकर टिंडा (Amur क्षेत्र, चीन सीमा के निकट) की उड़ान भर रहा था। स्थानीय समयानुसार दोपहर में विमान ने अपना पहला लैंडिंग प्रयास किया, लेकिन खराब मौसम और कम दृश्यता के कारण संपर्क टूट गया। इस दौरान विमान का रडार संपर्क अगले लैंडिंग प्रयास के दौरान टूट गया
मलबा मिला, कोई जीवित निशान नहीं
घटना के करीब तीन घंटे बाद, एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने रूसी इमरजेंसी सर्विस के साथ मिलकर Mi-8 हेलीकॉप्टर के जरिए विमान के मलबे का पता लगाया। यह मलबा टिंडा से लगभग 16 किलोमीटर दक्षिण में एक पहाड़ी ढलान पर मिला, जहाँ विमान धुएँ में जला हुआ पाया गया
रूसी मीडिया और सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया कि विमान के धुआँ उड़ते धातु के टुकड़े जंगल में फैले हुए थे और संदेह है कि इस हादसे में कोई जीवित बचे नहीं
मुद्दे: खराब मौसम, संभावित चालक त्रुटि और पुरानी मशीनरी
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि खराब मौसम की वजह से दृश्यता बेहद कम थी, जिससे लैंडिंग की जटिलताएँ बढ़ गईं। इसके साथ ही यह विमान लगभग 50 वर्ष पुराना था—यह मॉडल 1976 में निर्मित हुआ और इसे 2021 तक उड़ान की मंज़ूरी दी गई थी
स्थानीय अधिकारियों ने संकेत दिया कि पायलट द्वारा खराब मौसम में दूसरी बार लैंडिंग प्रयास में कोई गलती हो सकती है, जबकि तकनीकी खराबी की भी आशंका है
जनादेश: बचाव अभियान और उच्च स्तरीय जांच
रुसी सरकार ने इस हादसे की गंभीरता को देखते हुए तुरंत एक उच्च स्तरीय आयोग का गठन किया है, जिसमें परिवहन मंत्रालय, इमरजेंसी सर्विस और अपराध जांच एजेंसियाँ सम्मिलित हैं
इसके अतिरिक्त, एक क्रिमिनल केस* जन फौजदारी संहिता (Article 263) के तहत शुरू किया गया है, ताकि विमान की उड़ान सुरक्षा नियमों की संभावित उल्लंघन की जांच की जा सके
निष्कर्ष: रूस की कमजोर वायु सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय भरोसे की चुनौती
यह हादसा रूस की बढ़ती विमान सुरक्षा चुनौतियों को सामने लाता है। विशेषकर पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण पुरानी मशीनरी में सीमित तकनीकी सहायता और अप्रयुक्त पुर्जों की कमी से समस्या गहरी होती जा रही है
टिंडा जैसे दूरदराज़ एवं मौसम के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों में पुरानी वायुयान संरचना और खराब मौसम का मध्यजुड़े इस घटना की मुख्य दक्ष देन बनता है। यह हादसा संकेत देता है कि यदि सही समय पर विमानन क्षेत्र में सुधारात्मक कदम न उठाये गए, तो भविष्य में ऐसे और हादसों की आशंका बनी रहेगी।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)