Just Sindh River : गांदरबल हादसा, ITBP जवानों की बस सिंध नदी में गिरी, रेस्क्यू जारी

1. दुर्घटना का विवरण
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स्थान और समय: यह भयंकर दुर्घटना जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के कुल्लान (Kullan) क्षेत्र में मंगलवार 30 जुलाई 2025 की सुबह भारी बारिश के दौरान घटित हुई ।
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क्या हुआ: भारत‑तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवानों को ले जा रही एक बस अचानक सड़क से फिसल कर सिंध नदी में जा गिरी। भारी बारिश और फिसलन के कारण नियंत्रण खो गया और वाहन पुल से नीचे नदी में गिर गया ।
2. रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत
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तुरंत प्रतिक्रिया: हादसे की सूचना मिलने पर स्थानीय प्रशासन, ITBP टीमों, एसडीआरएफ व पुलिस बल मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
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खोज जारी: अधिकारी अब तक किसी भी ITBP जवान को नदी से नहीं निकल पाए हैं; रेस्क्यू जारी है और नदी में व्यापक तलाशी अभियान चल रहा है
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ड्राइवर घायल: ड्राइवर को चोट लगी है, जिसे अस्पताल में उपचार हेतु भर्ती कराया गया है ।
3. जवानों की संख्या और हालत
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बस में सवार लोग: अनुमानित रूप से 35–40 जवान बस में सवार थे, हालांकि अधिकारियों द्वारा सटीक संख्या की पुष्टि अभी नहीं की गई है। कोई अभी तक नहीं मिला है, इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि कई जवान अभी नदी में हो सकते हैं।
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हथियार लापता: सनद रहे, बस में कुछ हथियार सवार थे, जो वर्तमान में पूरी तरह से लापता बताए जा रहे हैं; यह मामले की गंभीरता को और बढ़ाता है ।
4. कारण और परिस्थिति
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मौसम की भूमिका: हादसा तब हुआ जब क्षेत्र में मूसलाधार बारिश हो रही थी, जिससे सड़कें अत्यधिक फिसलन सामग्री से ढकी हुई थीं और दृश्यता भी कम थी
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संभावित तकनीकी दोष: प्रारंभिक रिपोर्टों में बताया गया है कि ब्रेक सिस्टम फेल हो गया था, जिससे वाहन चालक नियंत्रण खो बैठा और बस पुल से किनारे फिसलकर नदी में गिर गई ।
5. प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था की प्रतिक्रिया
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प्रशासन कार्यवाही: जम्मू‑कश्मीर पुलिस और ITBP मुख्यालय ने खोज एवं बचाव अभियानों को तुरंत तेज करने के निर्देश दिए। संबंधित जिलाधिकारी, पुलिस अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों का नेतृत्व रेस्क्यू ऑपरेशन में सक्रिय हैअस्पतालों में अलर्ट: पास के अस्पतालों—श्रीनगर आर्मी अस्पताल, अनंतनाग जिला अस्पताल, GMC अनंतनाग—में इमरजेंसी अलर्ट जारी किया गया है और इंज्यूर्ड जवानों के लिए अस्पताल तैयार रखे गए हैं ।
6. इसे पहले हुए हादसों से तुलना
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यह दुर्घटना साल 2022 में पहलगाम क्षेत्र में हुई ITBP बस हादसे से मिलती-जुलती है, जिसमें तकनीकी दोष — जैसे ब्रेक फेल होना — के कारण सात जवानों की मौत हुई थी और 30 से अधिक घायल हुए थे।
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दोनों घटनाएं दर्शाती हैं कि चुनौतीपूर्ण इलाके, खराब मौसम और वाहन तकनीकी खामियों से कितनी जल्दी जानलेवा हादसे हो सकते हैं।
7. आपातकालीन कार्रवाई और संभावित कदम
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अंतिम स्थान चिह्नित करना: रेस्क्यू टीम सिंध नदी के तेज प्रवाह और गहराई के बीच जवानों की लाशों की खोज व संभावित जीवित लोगों की लाइव स्थिति का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
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पुलिस व ITBP सहयोग: ITBP और जिला पुलिस ने एक संयुक्त समिति बनाई है ताकि तलाशी अभियान तेजी से आगे बढ़ाया जा सके।
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पारिवारिक सहायता: संबंधित जवानों के परिजनों को अस्पतालों और प्रशासन द्वारा तुरंत सहायता एवं जानकारी दी जा रही है।
8. भावनात्मक और मानवीय दृष्टिकोण
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यह हादसा सिर्फ एक तकनीकी दुर्घटना नहीं है; यह जवानों की जीवन रक्षा और परिवारों की भावनात्मक व्यथा से जुड़ा हुआ मामला है।
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प्रशासन और रक्षा अधिकारियों का मुख्य उद्देश्य न केवल बचाव करना है, बल्कि परिवारों को सीधा संवाद, समर्थन और मानवीय सहायता प्रदान करना भी है।
9. निष्कर्ष: एक जत्थे का प्रतीक, जिम्मेदारी की कसौटी
गांदरबल हादसा इस बात की ओर स्पष्ट संकेत है कि संकट की स्थिति में वक्त रहते तैयारी, वाहन तकनीकी सुरक्षा और मौसम आधारित जोखिम प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ITBP की सुरक्षा व्यवस्था और राज्य प्रशासन का दायित्व बनता है कि वे ऐसी दुर्घटनाओं से सीख लें और भविष्य में बेहतर ट्रांसपोर्ट सुरक्षा को सुनिश्चित करें।
इस घोर पानी और जोखिमपूर्ण इलाके में जब एक बस सड़क से फिसलकर नदी में गिरती है, तब उस बस में सवार जवानों की जान छिन सकती है। वर्तमान में जो काम चल रहा है, वह हमारी मानवीयता और देश की सुरक्षा मशीनरी की परीक्षा है।
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रेस्क्यू ऑपरेशन का त्वरित प्रभाव
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घायल मजदूरों को तुरंत अस्पताल पहुंचाना
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हथियारों की खोज
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तकनीकी जांच और अदालत-आदेश (court of inquiry)
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आदि कदम आने वाले समय में प्रभावी ढंग से उठाए जाने चाहिए।
जो खोज अभियान अभी चल रहा है, वह ITBP जवानों की याद, परिवारों की भावना और जनमानस की उम्मीद से जुड़ा हुआ है—कि हर संभव प्रयास से घायल जान बचाई जाए, और अगर किसी जवान का हाथ नहीं बचता, तो उसका अंतिम सम्मान सुनिश्चित किया जाए।
सारांश बिंदु:
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घटना: ITBP की बस नदी में गिरी
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कारण: भारी बारिश, ब्रेक फेल होना
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परिणाम: कोई जवान नहीं मिला, ड्राइवर घायल, हथियार लापता
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प्रतिक्रिया: रेस्क्यू जारी, अस्पतालों को अलर्ट, प्रशासन सक्रिय
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परंपरागत संदर्भ: पहलगाम हादसे जैसा पहले का उदाहरण
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भावना: जवानों के प्रति सम्मान, परिवारों की चिंता
अगर आप चाहें, तो मैं इस हादसे पर मानवीय चिंतन, आपातकालीन प्रतिक्रिया मॉडल, या यातायात सुरक्षा पर सुझाव भी विस्तार से प्रदान कर सकता हूँ।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)
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