Meeting with the Chief Minister : गणेश वाल्मीकि को न्याय दिलाने के लिए रावाधस प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री से मुलाकात

- राष्ट्रीय वाल्मीकि धर्म समाज (रावाधस) रजि. के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष वीर दिलबाग टांक आदिवासी जी तथा राष्ट्रीय मुख्य संचालक संगम कुमार वाल्मीकि जी ने सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी से उनके आवास पर मुलाक़ात की। यह मुलाकात हिसार निवासी गणेश वाल्मीकि की संदिग्ध मृत्यु से संबंधित मामले में न्याय की मांग को लेकर की गई थी। गणेश वाल्मीकि की दुखद मौत ने वाल्मीकि समाज में आक्रोश की लहर पैदा कर दी थी, जिसके बाद रावाधस ने इसे सामाजिक और मानवीय मुद्दा बनाकर शासन-प्रशासन तक पहुंचाने का संकल्प लिया।
- मुख्यमंत्री ने जताई सहानुभूति, दिया त्वरित कार्रवाई का आश्वासन
मुख्यमंत्री नायब सैनी जी ने प्रतिनिधिमंडल की बातें गंभीरता से सुनीं और मृतक गणेश वाल्मीकि के परिवार के प्रति गहरी सहानुभूति व्यक्त की। उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले की निष्पक्ष और शीघ्र जांच के लिए वे न केवल अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों बल्कि हिसार जिला प्रशासन को भी स्पष्ट निर्देश देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित जाति वर्ग के किसी भी नागरिक के साथ अन्याय नहीं होने देगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि पीड़ित परिवार को त्वरित राहत पहुंचाई जाए और मामले में न्याय सुनिश्चित किया जाए।Meeting with the Chief Minister : गणेश वाल्मीकि को न्याय दिलाने के लिए रावाधस प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री से मुलाकात - सामाजिक एकजुटता का उदाहरण बना रावाधस का प्रतिनिधिमंडल
इस मुलाकात के दौरान रावाधस के कई समर्पित कार्यकर्ता भी शामिल हुए जिन्होंने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए पीड़ित परिवार के साथ खड़े रहने का संदेश दिया। मुख्य रूप से मुकेश चनालिया, धूम सिंह चनालिया, और राजकुमार परखी जी की उपस्थिति ने इस संवाद को और भी प्रभावशाली बना दिया। रावाधस के नेताओं ने यह स्पष्ट किया कि समाज के किसी भी सदस्य के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यदि प्रशासन से अपेक्षित कार्रवाई नहीं हुई तो संगठन जनआंदोलन के माध्यम से दबाव बनाने में पीछे नहीं हटेगा। - न्याय के लिए जारी रहेगा संघर्ष, समाज की एकता ही सबसे बड़ी ताकत
वीर दिलबाग टांक जी और संगम वाल्मीकि जी ने इस अवसर पर समाज को संबोधित करते हुए कहा कि गणेश वाल्मीकि को न्याय दिलाना केवल एक व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे वाल्मीकि समाज की आत्मसम्मान की लड़ाई है। उन्होंने सभी संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे राजनीतिक या क्षेत्रीय भिन्नताओं को भूलकर इस लड़ाई में एकजुट रहें। उनका कहना था कि सरकार को यह स्पष्ट संदेश जाना चाहिए कि समाज अब जागरूक है और वह अपने हक और न्याय के लिए पीछे हटने वाला नहीं है। - इस मुलाकात ने न केवल प्रशासनिक स्तर पर मामले को गंभीरता दिलाई बल्कि समाज के भीतर जागरूकता और एकजुटता की भावना को भी सशक्त किया। रावाधस के प्रयासों ने साबित किया कि जब समाज के प्रतिनिधि ईमानदारी से अपनी भूमिका निभाते हैं, तो बदलाव की संभावना भी मजबूत होती है। अब समाज को उम्मीद है कि गणेश वाल्मीकि को जल्द न्याय मिलेगा और यह मामला अन्याय के खिलाफ लड़ाई की मिसाल बनेगा।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)