Mother’s love: मां तो मां ही होती है ?

- संसार में सबसे अधिक प्रेम करने वाला कोई व्यक्ति है, तो उसे मां कहते हैं। पिता को भी अपने बच्चों से प्रेम होता है, परन्तु इतना नहीं जितना मां को होता है।
Mother’s love: मां तो मां ही होती है ?
- यह नियम केवल मनुष्य जाति में ही नहीं, बल्कि सभी योनियों में देखा जाता है। चाहे गौ की योनि हो, सूअर की हो, कुत्ते बिल्ली शेर भेड़िया चिड़िया आदि कोई भी योनि हो, सब योनियों में उन बच्चों की मां अपने बच्चों से बहुत प्रेम करती है।
- यह ईश्वर की एक व्यवस्था है। क्योंकि यदि मां को बच्चों से इतना प्रेम न हो, तो शायद बच्चे पल भी नहीं पाएंगे। बच्चों के लालन-पालन के लिए मां में इतना प्रेम होना आवश्यक भी है। इसी प्रेम के कारण वह मां बच्चों का लालन पालन वर्षों तक करती है। और सब प्रकार के कष्ट उठाकर भी अपने बच्चों को सुख देती है, और उनकी रक्षा करती है।
Mother’s love: मां तो मां ही होती है ?
- दार्शनिक शास्त्रीय भाषा में इसे “राग” कहते हैं। और साहित्यिक भाषा में इसे “स्नेह” कहते हैं। अस्तु।
- भाषा जो भी हो, यह जो ‘राग’ या ‘स्नेह’ की “भावना” है, यह माता में बच्चों के लिए अद्वितीय होती है। इस भावना को मां ही अनुभव कर सकती है। दूसरे व्यक्ति इसको पूरी तरह से अनुभव नहीं कर सकते, कुछ कुछ मात्रा में कर लेते हैं।परंतु इस भावना की अभिव्यक्ति शब्दों में करना तो असंभव है।जैसे गुड़ का स्वाद शब्दों से व्यक्त करना असंभव है। वह स्वाद तो “अनुभव करने का” विषय है। ऐसे ही जो मां का बच्चों के प्रति राग या स्नेह होता है, वह भी अनुभव करने का ही विषय है। उसका वर्णन शब्दों से नहीं किया जा सकता।
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बच्चों की संवेदनशीलता अक्सर हमें चौंका देती है। इस वीडियो में एक बच्ची ने जिस तरह अपनी माँ को चुपचाप गले लगाकर सांत्वना दी, वो दिल को छू लेने वाला पल है। यह साबित करता है कि बच्चे भी हमारे दुख को गहराई से समझते हैं और हमें चुपचाप सुकून दे जाते हैं।
- कई बार जब हम टूटते हैं, तो शब्दों से ज्यादा असर किसी के चुपचाप गले लगने का होता है। और जब ये गले लगाना एक नन्हे से बच्चे की ओर से हो, तो उसकी मासूमियत और भावनात्मक गहराई हमें अंदर तक झकझोर देती है। ऐसा ही एक खूबसूरत और इमोशनल वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें एक बच्ची अपनी माँ को चुपचाप गले लगाकर उनका दर्द बांटती है।बिना कुछ कहे, बिना सवाल किए – बस एक सच्चा गले लगाना। यह वीडियो (Ref) सिर्फ एक माँ-बेटी का नहीं, बल्कि हर उस रिश्ते का प्रतीक है जहां भावना शब्दों से ज्यादा मजबूत होती है। हमें लगता है कि बच्चे समझ नहीं पाते, लेकिन असल में उनके पास एक अलग ही भावनात्मक बुद्धिमत्ता होती है, जो कई बार बड़ों से भी ज्यादा संवेदनशील होती है।
ये पल हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हम अपनी भावनाएं बच्चों से कैसे साझा करें और बदले में उनकी भी भावनाएं कैसे समझें। इस बच्ची का यह प्यारा स्पर्श एक सबक है – कि सहानुभूति उम्र की मोहताज नहीं होती।
Mother’s love: मां तो मां ही होती है ?
- इसलिए सब लोगों को मां का सम्मान अवश्य करना चाहिए। और केवल अपनी मां का ही नहीं,बल्कि सभी माताओं का सम्मान करना चाहिए। क्योंकि सभी माताएं अपने बच्चों के लिए जितना कष्ट उठाती हैं, उतना कष्ट कोई नहीं उठाता या उठा सकता।
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