No one will save : ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का बड़ा हमला , अब रामजी की तरह तीर छोड़ूंगा, कोई नहीं बचाएगा

- उत्तर प्रदेश:- के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का गुस्सा अब सातवें आसमान पर है। लंबे समय से बिजली विभाग के अफसरों की उदासीनता और ढीली कार्यप्रणाली को लेकर ऊर्जा मंत्री ने अब सीधी चेतावनी दे डाली है। मंत्री ने कहा, “मैंने तीन साल तक समझाया, अब समय निकल गया है। अगर अफसरों को लगता है कि मंत्री ट्रांसफर या सस्पेंड नहीं कर सकता, तो ये गलतफहमी अब दूर कर लो।” मंत्री यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, “अगर मैंने रामजी की तरह तीर छोड़ दिया, तो राष्ट्रपति भवन तक कोई नहीं बचा पाएगा।”
- उनका यह तीखा बयान लखनऊ में हुई एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के बाद आया, जहां बिजली आपूर्ति, ट्रिपिंग, बिलिंग और उपभोक्ताओं की शिकायतों को लेकर एक बार फिर अफसरों की ढिलाई सामने आई। बैठक में भी उन्होंने अफसरों की जमकर क्लास लगाई थी, लेकिन सार्वजनिक रूप से इस तरह बयान देना इस बात का संकेत है कि मंत्री अब किसी भी स्तर की लापरवाही को बर्दाश्त करने को तैयार नहीं हैं।
तीन साल की मोहलत के बाद अब ‘एक्शन का वक्त’
- ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि अब तक उन्होंने संयम और संवाद के जरिए विभाग में सुधार लाने की कोशिश की, लेकिन जब लगातार चेतावनियों के बावजूद कोई सुधार नहीं हो रहा, तो अब कार्रवाई तय है। उन्होंने कहा कि अब वो समय निकल चुका है जब समझाने-बुझाने से काम चलता था। अब जो भी अधिकारी या कर्मचारी उपेक्षा और भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ सीधे कार्रवाई होगी।
- मंत्री के बयान का लहजा बताता है कि वे अब ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर आगे बढ़ना चाहते हैं। ट्रांसफर, सस्पेंशन या यहां तक कि विभागीय जांच जैसी कार्रवाई अब किसी भी स्तर के अधिकारी के खिलाफ हो सकती है। यह बयान उन वरिष्ठ अधिकारियों के लिए भी बड़ा संदेश है जो अब तक अपने पद और पहुंच के दम पर जवाबदेही से बचते रहे हैं।
बिजली विभाग की बेशर्मी से मंत्री भी दुखी, जनता बेहाल
- मंत्री एके शर्मा की नाराजगी सिर्फ इसलिए नहीं है कि अफसर आदेश नहीं मान रहे, बल्कि इसलिए भी है कि आम जनता बिजली संकट, ओवरलोडिंग, ट्रिपिंग और बिलिंग जैसी समस्याओं से जूझ रही है और शिकायतों पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही। अफसरों की निष्क्रियता का आलम यह है कि ऊर्जा मंत्री तक को सार्वजनिक मंच से यह कहना पड़ रहा है कि अब उनका धैर्य जवाब दे चुका है।
- बिजली विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारियों की कार्यशैली में सुधार नहीं होने से मंत्री खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। उन्होंने संकेत दिए हैं कि अगर जरूरत पड़ी, तो वह सीएम से लेकर दिल्ली तक बात करेंगे, लेकिन अब विभाग को सुधारना ही होगा।
मंत्री के मुताबिक, जब सरकार हर जिले और कस्बे तक 24 घंटे बिजली पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है, ऐसे में विभाग की लापरवाही पूरी व्यवस्था को कलंकित कर रही है।
निष्कर्ष: ऊर्जा मंत्री की हुंकार, अब केवल परिणाम दिखेंगे
- ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का यह बयान न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को झकझोरने वाला है, बल्कि यह उस जनाक्रोश का भी प्रतिबिंब है जो बिजली समस्याओं को लेकर प्रदेश में बढ़ता जा रहा है। जब राज्य का एक वरिष्ठ मंत्री खुले मंच से कहे कि अब “रामजी की तरह तीर छोड़ने का वक्त आ गया है”, तो यह संदेश साफ है — अब शब्द नहीं, सिर्फ कार्रवाई होगी।
- अब देखना होगा कि ऊर्जा मंत्री की यह चेतावनी विभागीय अधिकारियों पर कितना असर डालती है। क्या अब सच में लापरवाह अफसरों पर गाज गिरेगी या यह बयान भी सिर्फ एक सियासी संदेश बनकर रह जाएगा? जनता और शासन—दोनों की निगाहें अब आने वाले दिनों की कार्रवाई पर टिकी हैं।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)