Of attachment : गैंगस्टर मुकेश की ₹1.90 करोड़ की अवैध संपत्ति पुलिस ने कुर्क की

उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ में
गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र में एक बड़ी कार्रवाई के तहत एक शातिर गैंगस्टर की करोड़ों की संपत्ति को कुर्क किए जाने से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक कुंवर ज्ञानेंजय सिंह के नेतृत्व में और मेरठ परिक्षेत्र की डीआईजी श्रीमती कला निधि नैथानी के आदेशों के अनुपालन में की गई। हापुड़ पुलिस की यह कार्यवाही संगठित अपराध के विरुद्ध चलाई जा रही उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत अपराधियों की न केवल गिरफ्तारी की जा रही है, बल्कि उनकी अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को भी कानूनी रूप से जब्त किया जा रहा है।
इस कार्रवाई की पृष्ठभूमि में यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि हापुड़ पुलिस अब केवल परंपरागत गिरफ्तारी तक ही सीमित नहीं रह गई है, बल्कि वह उन अपराधियों की आर्थिक कमर तोड़ने के लिए भी संकल्पित है जो अवैध तरीकों से संपत्ति अर्जित करते हैं और फिर उसका उपयोग अपने अपराधी नेटवर्क को बढ़ाने में करते हैं। गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक नीरज कुमार द्वारा किए गए इस एक्शन में एक ऐसे अपराधी को चिन्हित किया गया जो गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत वांछित था और जिसके विरुद्ध कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह अपराधी, जिसका नाम मुकेश बताया जा रहा है, लंबे समय से संगठित गिरोह बनाकर अवैध रूप से धन अर्जित करने में लिप्त था।
पुलिस जांच में यह सामने आया कि मुकेश ने अपने आर्थिक लाभ के लिए एक संगठित गिरोह का निर्माण किया और इसी गिरोह के माध्यम से अपराध करके अर्जित धन को अचल संपत्ति में बदल लिया। उसने गाजियाबाद जनपद में तीन कीमती प्लॉट और बुलंदशहर जिले में कृषि भूमि खरीदी थी। इन संपत्तियों की कुल अनुमानित कीमत करीब एक करोड़ 90 लाख 03 हजार रुपये बताई गई है। पुलिस ने धारा 14(1) गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत इन संपत्तियों को कुर्क कर दिया है। यह धारा विशेष रूप से उन अपराधियों के विरुद्ध प्रयुक्त की जाती है जिन्होंने अपराध से अर्जित धन का उपयोग करके संपत्ति बनाई हो।
गौरतलब है कि इस कार्यवाही से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि प्रशासन अब अपराधियों को सिर्फ जेल भेजने तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि उनकी अवैध गतिविधियों के माध्यम से अर्जित हर प्रकार की संपत्ति को जब्त कर उन्हें आर्थिक रूप से भी पंगु बनाना चाहता है। यह रणनीति अपराध नियंत्रण में कहीं अधिक प्रभावशाली सिद्ध हो रही है क्योंकि इससे न केवल अपराधियों को बड़ा आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि समाज में एक सख्त संदेश भी जाता है कि अवैध कार्यों के परिणाम केवल सजा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि आर्थिक रूप से भी उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

यह कार्यवाही कानून के दायरे में रहकर पूरी पारदर्शिता के साथ की गई। संबंधित संपत्तियों पर नोटिस चस्पा किए गए और कुर्की की विधिक प्रक्रिया पूरी की गई। पुलिस ने यह सुनिश्चित किया कि इस कार्यवाही में किसी भी प्रकार की कानूनी त्रुटि न हो, जिससे भविष्य में आरोपी इस कार्रवाई को चुनौती दे सके। आम तौर पर देखा गया है कि कई बार संपत्ति कुर्की के मामलों में उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन न करने के कारण न्यायालयों से राहत मिल जाती है, लेकिन इस मामले में पुलिस और प्रशासन ने हर स्तर पर विधिक प्रक्रिया का अनुपालन सुनिश्चित किया है।
शातिर बदमाश मुकेश की यह संपत्ति जब्त करना न केवल कानून व्यवस्था की दृष्टि से एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, बल्कि यह सामाजिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई से आम जनता में यह संदेश जाता है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है और अगर कोई व्यक्ति समाज विरोधी गतिविधियों में लिप्त होता है तो उसे न केवल जेल जाना पड़ेगा बल्कि उसकी संपत्ति भी जब्त हो सकती है। इससे समाज में अपराध के प्रति एक नकारात्मक सोच उत्पन्न होती है और विशेष रूप से युवाओं को यह समझ आता है कि अवैध रास्ते अपनाकर कभी स्थायी लाभ नहीं मिल सकता।
इस प्रकार की कार्यवाहियों का एक बड़ा सामाजिक प्रभाव यह भी होता है कि जनता का पुलिस पर विश्वास बढ़ता है। जब लोग देखते हैं कि पुलिस केवल कागज़ी कार्रवाई नहीं कर रही बल्कि जमीनी स्तर पर ठोस कदम उठा रही है, तो वे कानून व्यवस्था में अधिक भरोसा करने लगते हैं। यही कारण है कि इस कार्रवाई के बाद न केवल गढ़मुक्तेश्वर बल्कि पूरे हापुड़ जनपद में प्रशासन की सराहना की जा रही है। सोशल मीडिया और स्थानीय समाचार माध्यमों में इस कार्रवाई की व्यापक चर्चा हो रही है और लोग इसे एक ऐतिहासिक कदम बता रहे हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार की ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति के अंतर्गत संगठित अपराधों और माफियाओं के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इस अभियान की निगरानी कर रहे हैं और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी प्रकार के माफिया या अपराधी को बख्शा न जाए। इसी नीति के अंतर्गत यह कार्रवाई भी की गई है, जिसमें पुलिस प्रशासन ने एक संगठित अपराधी की अवैध संपत्तियों को जब्त कर एक बड़ी मिसाल पेश की है।
यह भी देखा जा रहा है कि ऐसे मामलों में पुलिस अब तकनीकी सहायता और डाटा विश्लेषण के माध्यम से अपराधियों की संपत्तियों का पता लगा रही है। आयकर विभाग, राजस्व विभाग और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय कर संपत्तियों का सही आकलन किया जा रहा है और जो संपत्तियाँ अवैध धन से खरीदी गई हैं, उन्हें कानून के दायरे में लाकर जब्त किया जा रहा है। यह बहुस्तरीय रणनीति अपराध पर नियंत्रण के लिए एक नई दिशा प्रदान कर रही है।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि हापुड़ जिले में गढ़मुक्तेश्वर पुलिस की यह कार्रवाई प्रशासनिक सख्ती और विधिक अनुशासन का उत्कृष्ट उदाहरण है। इससे न केवल अपराधियों में भय पैदा हुआ है, बल्कि आम जनता को यह विश्वास भी मिला है कि शासन अब अपराध और अपराधियों के विरुद्ध पूरी तरह से मुस्तैद है। यह कार्रवाई आने वाले समय में अन्य जिलों के लिए भी एक मॉडल बन सकती है, जिससे पूरे राज्य में अपराध नियंत्रण की दिशा में एक ठोस पहल हो सकेगी।
News Editor- (Jyoti Parjapati)
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