Painful death of a teenager : नदी में डूबने से किशोरी की दर्दनाक मौत, बकरी चराते समय हुआ हादसा

जौनपुर। केराकत।
- जनपद जौनपुर के केराकत कोतवाली क्षेत्र के कुसरना महादेवा जोखुआन घाट पर मंगलवार की दोपहर एक दर्दनाक हादसे में 16 वर्षीय किशोरी की नदी में डूबने से मौत हो गई। मृतका की पहचान सेजल यादव पुत्री स्वर्गीय केदार यादव, निवासी कुसरना गांव के रूप में हुई है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र को गमगीन कर दिया है। मासूम बेटी की मौत से परिवार और ग्रामीणों में कोहराम मचा हुआ है।
घटना का विवरण
- स्थानीय लोगों के अनुसार, मंगलवार की दोपहर करीब तीन बजे सेजल यादव अपनी रोजमर्रा की तरह गांव के बाहर नदी किनारे बकरियाँ चराने गई थी। उस समय मौसम साफ था और नदी में जलस्तर सामान्य था। सेजल अक्सर उसी रास्ते से बकरियाँ चराने जाती थी, जिससे उसे उस क्षेत्र की पूरी जानकारी थी। ग्रामीण बताते हैं कि जब वह बकरियों को घाट के पास पानी पिलाने ले गई, तभी अचानक उसे मिर्गी का दौरा पड़ गया।
- मिर्गी का दौरा पड़ने से वह अपना संतुलन खो बैठी और सीधे नदी में जा गिरी। चूंकि घटना अचानक हुई, इसलिए आस-पास मौजूद अन्य लोगों को उसे बचाने का मौका नहीं मिल सका। देखते ही देखते किशोरी नदी की गहराई में समा गई। आसपास के लोगों ने शोर मचाया, लेकिन जब तक लोग मौके पर पहुँचे, तब तक वह पानी में डूब चुकी थी।
स्थानीय लोगों का प्रयास और पुलिस को सूचना
- घटना के बाद ग्रामीणों ने तुरंत शोर मचाकर आस-पास के लोगों को इकट्ठा किया। कई युवकों ने बिना देर किए नदी में उतरकर उसे खोजने का प्रयास किया, लेकिन गहराई और तेज बहाव के कारण सफलता नहीं मिल पाई। इसके बाद लोगों ने तुरंत केराकत कोतवाली पुलिस को सूचना दी।
- थानाध्यक्ष केराकत के निर्देश पर पुलिस टीम मौके पर पहुँची। पुलिस ने स्थानीय गोताखोरों और बचाव दल की मदद से किशोरी की तलाश शुरू कराई। घटना स्थल पर भीड़ उमड़ पड़ी, परंतु देर शाम तक किशोरी का शव बरामद नहीं किया जा सका था। पुलिस ने बताया कि रात अधिक हो जाने के कारण तलाशी अभियान अस्थायी रूप से रोकना पड़ा, जिसे सुबह पुनः शुरू किया जाएगा।

परिवार में कोहराम, पिता पहले ही नहीं रहे
- सेजल यादव के पिता स्वर्गीय केदार यादव का कुछ वर्ष पूर्व ही निधन हो गया था। घर में माँ और दो छोटे भाई हैं। परिवार आर्थिक रूप से बहुत साधारण स्थिति में है। पिता की मृत्यु के बाद सेजल ने ही घर के कई कार्यों की जिम्मेदारी संभाल ली थी। वह पढ़ाई के साथ-साथ परिवार की मदद भी करती थी।
- ग्रामीणों ने बताया कि सेजल बहुत ही सरल और मेहनती स्वभाव की थी। वह स्थानीय स्कूल में आठवीं कक्षा पास कर चुकी थी और आगे की पढ़ाई के लिए परिवार से आग्रह कर रही थी। उसकी अचानक हुई मौत ने पूरे गांव को शोक में डूबो दिया है। माँ का रो-रोकर बुरा हाल है। उनका कहना है कि “बेटी रोज बकरियाँ चराने जाती थी, लेकिन आज किसे पता था कि वह वापस नहीं आएगी।”
गांव में मातम का माहौल
- घटना की खबर पूरे इलाके में फैल गई। गांव के लोग बड़ी संख्या में मृतका के घर पहुँचने लगे। हर कोई परिवार को सांत्वना देने की कोशिश कर रहा था, लेकिन परिवार के दुख को शब्दों में बयाँ करना मुश्किल था। लोगों की आँखों में आँसू थे और माहौल पूरी तरह गमगीन था।
- महिलाएँ मृतका की माँ को ढांढस बंधाने की कोशिश कर रही थीं, परन्तु माँ बार-बार बेहोश हो जा रही थी। सेजल के छोटे भाई अपनी बहन की तस्वीर देखकर बार-बार उसे पुकार रहे थे। पूरा गांव इस दर्दनाक घटना से स्तब्ध था।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
- पुलिस ने स्थानीय गोताखोरों और जल पुलिस की मदद से सघन तलाशी अभियान चलाया। मौके पर सीओ केराकत ने भी पहुंचकर राहत एवं खोजबीन कार्यों की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि नदी के बहाव और गहराई को देखते हुए खोज अभियान को सावधानीपूर्वक चलाया जा रहा है।
- फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मामला केवल हादसा ही है और इसमें कोई अन्य कारण या संदेह की गुंजाइश न रहे। पुलिस का कहना है कि अब तक की जांच में किसी तरह की आपराधिक गतिविधि के प्रमाण नहीं मिले हैं। घटना मिर्गी के दौरे के कारण हुई प्रतीत होती है।
मिर्गी और दुर्घटनाओं का संबंध
- डॉक्टरों का कहना है कि मिर्गी के मरीजों के लिए नदी, कुएँ, तालाब या किसी भी गहरे पानी वाले स्थान पर अकेले जाना बेहद खतरनाक होता है। जब मिर्गी का दौरा पड़ता है, तो व्यक्ति कुछ सेकंड या मिनट के लिए बेहोश होकर अपना संतुलन खो देता है। ऐसे में पानी के पास होने पर डूबने का खतरा बढ़ जाता है।
- सेजल की मौत इस बात की ओर संकेत करती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मिर्गी जैसी बीमारियों को लेकर जागरूकता अभी भी बहुत कम है। परिवारों को यह जानना आवश्यक है कि ऐसे रोगियों को कभी अकेले नदी या तालाब के पास न भेजें।
सामाजिक और मानवीय दृष्टिकोण
- यह घटना न केवल एक परिवार की व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि एक सामाजिक चेतावनी भी है। ग्रामीण इलाकों में आज भी चिकित्सा सुविधाओं की कमी और स्वास्थ्य जागरूकता की कमी के कारण इस तरह की घटनाएँ घटित हो रही हैं। यदि परिवार को यह जानकारी होती कि मिर्गी के दौरे के समय क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए, तो शायद यह हादसा टाला जा सकता था।
- स्थानीय समाजसेवियों और शिक्षकों ने प्रशासन से मांग की है कि गांवों में स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाए जाएँ ताकि लोग इस तरह की बीमारियों के प्रति सतर्क रहें।
निष्कर्ष
- केराकत के कुसरना महादेवा घाट पर घटी यह दर्दनाक घटना एक मासूम किशोरी की जान ले गई। सेजल यादव, जिसने अभी जीवन की शुरुआत ही की थी, अपने परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए एक सामान्य दिन पर मौत की शिकार बन गई। उसकी यह असमय मृत्यु न केवल उसके परिवार के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए असहनीय दुख बन गई है।
- पुलिस और प्रशासन की कोशिशें जारी हैं कि जल्द से जल्द उसका शव बरामद किया जा सके ताकि परिवार अंतिम संस्कार कर सके। यह घटना एक गहरी सीख छोड़ जाती है कि बीमारियों, विशेषकर मिर्गी जैसे रोगों को हल्के में लेना कितना घातक साबित हो सकता है।
News Editor- (Jyoti Parjapati)
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