Patriotism : शहीद मेजर अप्रांत रौनक सिंह देशभक्ति, साहस और बलिदान की अमर गाथा

वाराणसी/प्रतापगढ़/बारामूला, 21 सितंबर 2025 –
- कश्मीर के बारामूला जिले में तैनात भारतीय सेना के बहादुर अधिकारी मेजर अप्रांत रौनक सिंह शुक्रवार को ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद के निवासी मेजर रौनक की शहादत की खबर जैसे ही सामने आई, पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। 34 वर्षीय मेजर अप्रांत सिंह की दो साल पहले ही शादी हुई थी, और वह एक शांत, साहसी तथा निष्ठावान सैनिक के रूप में जाने जाते थे।
सेना ने दी शस्त्र सलामी, देश ने किया नमन
- शनिवार की शाम शहीद मेजर का पार्थिव शरीर वाराणसी लाया गया, जहाँ सेना के वरिष्ठ अधिकारियों, जवानों और आम जनमानस ने उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की। सेना की ओर से मेजर रौनक सिंह को गन सैल्यूट (शस्त्र सलामी) दी गई। उनके सम्मान में पूरा कैंट क्षेत्र गूंज उठा – “अमर रहे – मेजर रौनक सिंह” के नारों से।
- पार्थिव शरीर को सैन्य वाहन के माध्यम से अत्यंत सम्मान के साथ ले जाया गया। सेना, पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों की उपस्थिति में उन्हें पूरे सैनिक सम्मान के साथ विदाई दी गई। रविवार को वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा, जिसमें हजारों की संख्या में आम नागरिकों, सेना के जवानों और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों के शामिल होने की संभावना है।
मेजर रौनक सिंह – वीरता और नेतृत्व का प्रतीक
- मेजर अप्रांत रौनक सिंह की बहादुरी के किस्से उनके साथी अधिकारियों और जवानों की जुबान पर हैं। उन्होंने साल 2021 में कश्मीर के कुलगाम जिले में हुए एक महत्वपूर्ण आतंक विरोधी ऑपरेशन में दो बड़े आतंकवादियों को ढेर करने में मुख्य भूमिका निभाई थी। उस ऑपरेशन में उनकी रणनीतिक सूझबूझ और लीडरशिप के कारण सेना को बड़ी सफलता मिली थी।
- उनकी इस वीरता के लिए वर्ष 2023 में उन्हें “सेना मेडल” (Gallantry) से सम्मानित किया गया था। यह सम्मान उन गिने-चुने अधिकारियों को ही मिलता है, जो अत्यंत जोखिम वाले अभियानों में असाधारण साहस दिखाते हैं।
- सेना की रिपोर्ट के अनुसार, बारामूला जिले के नियंत्रण रेखा (LoC) के पास संदिग्ध गतिविधियों की सूचना के बाद, मेजर रौनक सिंह अपने दल के साथ तलाशी अभियान में निकले थे। इसी दौरान आतंकियों की घात लगाकर की गई गोलीबारी में वे गंभीर रूप से घायल हो गए और वीरगति को प्राप्त हुए।
परिवार पर टूटा दुख का पहाड़
- मेजर रौनक सिंह की शहादत की खबर जैसे ही उनके प्रतापगढ़ स्थित घर पहुँची, पूरे परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा। माता-पिता, पत्नी और छोटे भाई-बहनों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। दो साल पहले ही विवाह बंधन में बंधे मेजर रौनक के पीछे उनकी पत्नी श्वेता और वृद्ध माता-पिता हैं, जिनकी आँखों में बेटे के प्रति गर्व है लेकिन दिल में असीम पीड़ा भी।
- पड़ोसियों और रिश्तेदारों के अनुसार, मेजर रौनक बचपन से ही राष्ट्रभक्ति की भावना से ओतप्रोत थे। उन्हें सेना में जाना और देश के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा शुरू से ही थी। पढ़ाई के दौरान वे बेहद मेधावी और अनुशासित छात्र रहे। उनके पिता ने बताया कि, “रौनक को जब पहली बार सेना में चयन की सूचना मिली थी, तो घर में उत्सव का माहौल था। आज वही बेटा तिरंगे में लिपटकर घर लौट रहा है। यह गर्व की बात है, लेकिन दिल बहुत भारी है।”
सेना की प्रतिबद्धता – परिवार को मिलेगा हर संभव सहयोग
- भारतीय सेना ने मेजर रौनक सिंह की वीरगति पर गहरा दुख व्यक्त किया है और उनके परिवार के प्रति संवेदना जताई है। सेना ने बयान जारी कर कहा कि “मेजर रौनक सिंह जैसे वीर योद्धा हमारे लिए प्रेरणा हैं। उनकी शहादत को हम कभी नहीं भूल सकते। सेना उनके परिवार के कल्याण के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
- सेना की ओर से शहीद के परिजनों को वित्तीय सहायता, पेंशन, बच्चों की शिक्षा और अन्य मूलभूत जरूरतों में सहयोग सुनिश्चित किया जाएगा। सेना की वेलफेयर विंग ने पहले ही परिवार से संपर्क कर लिया है और उन्हें आश्वस्त किया है कि “रौनक अब अकेले आपके नहीं, पूरे देश के बेटे हैं।”
Patriotism : शहीद मेजर अप्रांत रौनक सिंह देशभक्ति, साहस और बलिदान की अमर गाथा ?
राजनीतिक और प्रशासनिक प्रतिनिधियों ने जताया दुख
- शहीद मेजर रौनक सिंह की शहादत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डीएम प्रतापगढ़, तथा वाराणसी मंडल के आयुक्त सहित कई नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर लिखा, “मेजर रौनक सिंह की शहादत को शत-शत नमन। वह देश के लिए अमर बलिदानी बन गए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार उनके परिवार को हरसंभव मदद प्रदान करेगी।”
- सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार की ओर से शहीद के परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता, पत्नी को सरकारी नौकरी और उनके गांव में एक शहीद स्मारक बनाए जाने की योजना पर विचार किया जा रहा है।
गांव में पसरा सन्नाटा, लेकिन गर्व की भावना भी
- प्रतापगढ़ जिले के जिस गांव से मेजर रौनक सिंह ताल्लुक रखते थे, वहाँ अत्यंत शोक और गर्व का मिला-जुला वातावरण देखा गया। गाँव की गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ है, लेकिन हर चेहरे पर रौनक के बलिदान पर गर्व की झलक है। युवाओं ने मेजर रौनक को अपना आदर्श बताया और कहा कि वे भी देश सेवा के लिए तत्पर हैं। गांव के बुजुर्गों ने कहा कि “रौनक ने पूरे गांव का नाम रोशन किया है। हम सबको उन पर गर्व है। उनकी स्मृति को गांव में हमेशा जीवित रखा जाएगा।”
नमन उस अमर शहीद को
- मेजर रौनक सिंह का बलिदान भारत माता के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने न केवल अपनी जान की आहुति दी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति, साहस और समर्पण का अद्वितीय उदाहरण भी दिया है। उनकी वीरता, अनुशासन, नेतृत्व क्षमता और राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव को युगों-युगों तक याद किया जाएगा।
News Editor- (Jyoti Parjapati)
सभी समाचार देखें सिर्फ अनदेखी खबर सबसे पहले सच के सिवा कुछ नहीं ब्यूरो रिपोर्टर :- अनदेखी खबर ।
YouTube Official Channel Link:
https://youtube.com/@atozcrimenews?si=_4uXQacRQ9FrwN7q
YouTube Official Channel Link:
https://www.youtube.com/@AndekhiKhabarNews
Facebook Official Page Link:
https://www.facebook.com/share/1AaUFqCbZ4/
Whatsapp Group Join Link:
https://chat.whatsapp.com/KuOsD1zOkG94Qn5T7Tus5E?mode=r_c
अनदेखी खबर न्यूज़ पेपर भारत का सर्वश्रेष्ठ पेपर और चैनल है न्यूज चैनल राजनीति, मनोरंजन, बॉलीवुड, व्यापार और खेल में नवीनतम समाचारों को शामिल करता है। अनदेखी खबर न्यूज चैनल की लाइव खबरें एवं ब्रेकिंग न्यूज के लिए हमारे चैनल को Subscribe, like, share करे।
आवश्यकता :- विशेष सूचना
(प्रदेश प्रभारी)
(मंडल प्रभारी)
(जिला ब्यूरो प्रमुख)
(जिला संवाददाता)
(जिला क्राइम रिपोर्टर)
(जिला मीडिया प्रभारी जिला)
(विज्ञापन प्रतिनिधि)
(तहसील ब्यूरो)
(प्रमुख तहसील संवाददाता