Presenting drinking water to Kawadis : नन्हे अथर्व ने शिव भक्त कावड़ियों को पेयजल भेंट कर किया पुण्य कमाना ?

Presenting drinking water to Kawadis : नन्हे अथर्व ने शिव भक्त कावड़ियों को पेयजल भेंट कर किया पुण्य कमाना

Presenting drinking water to Kawadis : नन्हे अथर्व ने शिव भक्त कावड़ियों को पेयजल भेंट कर किया पुण्य कमाना ?
Presenting drinking water to Kawadis : नन्हे अथर्व ने शिव भक्त कावड़ियों को पेयजल भेंट कर किया पुण्य कमाना ?

सहारनपुर में सावन मास के पावन अवसर

पर यूपी जर्नलिस्ट ऐसोसिएशन (उपजा) द्वारा आयोजित शिविर में नन्हे अथर्व वशिष्ठ ने कावड़ियों को पेयजल वितरित कर सेवा का अद्भुत उदाहरण पेश किया। हरिद्वार से गंगाजल लेकर बाबा भोलेनाथ के जलाभिषेक को लौट रहे हजारों कावड़ियों के सम्मान में यह शिविर सहारनपुर स्थित जेल चुंगी पर लगाया गया था। इस दौरान अथर्व अपने मामा देव भारद्वाज के साथ शामिल था, जिन्होंने बताया कि कावड़ियों की सेवा करना और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करना जीवन में एक बड़ा पुण्य है। भीषण गर्मी में पैदल चलने वाले इन भक्तों की सेवा करना कठिन परंतु अत्यंत आवश्यक है। नन्हे अथर्व की यह सेवा भावपूर्ण पहल सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी।

यूपी जर्नलिस्ट ऐसोसिएशन का सामाजिक योगदान और सेवा भावना

यूपी जर्नलिस्ट ऐसोसिएशन (उपजा), सहारनपुर ने इस वर्ष भी शिव भक्त कावड़ियों के सम्मान में अपना महत्वपूर्ण सामाजिक योगदान दिया। शिविर में केवल पेयजल ही नहीं, बल्कि खाद्य सामग्री भी वितरित की गई ताकि कावड़ियों को कठिन यात्रा में राहत मिल सके। उपजा के जिलाध्यक्ष सुशील कपिल और महानगर अध्यक्ष आजम खान ने इस अवसर पर नन्हे अथर्व के साहस और सेवा भावना की सराहना की। उन्होंने कहा कि बच्चों को बचपन से ही ऐसे संस्कार देना चाहिए ताकि वे सामाजिक समरसता और भाईचारे को आगे बढ़ा सकें। उपजा संगठन की यह पहल समाज में एकता और सेवा भाव को बढ़ावा देने में कारगर साबित हो रही है।

सावन मास में सेवा और श्रद्धा का महत्त्व

सावन मास हिंदू धर्म में अत्यंत पावन माना जाता है और इसी दौरान बाबा भोलेनाथ की आराधना विशेष श्रद्धा के साथ की जाती है। हजारों कावड़िये हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने गंतव्य की ओर निकलते हैं, जो न केवल आस्था का प्रतीक है बल्कि सेवा और त्याग की मिसाल भी है। इस कठिन यात्रा में उनके सहयोग और सेवा का काम अन्य श्रद्धालुओं और समाज के लिए भी प्रेरणा स्रोत बनता है। नन्हे अथर्व जैसे बच्चों द्वारा की गई सेवा यह दर्शाती है कि सेवा का भाव उम्र की सीमाओं को नहीं पहचानता। इस प्रकार की सामाजिक गतिविधियां हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों को सशक्त बनाती हैं और एक स्वस्थ, सहिष्णु समाज की स्थापना में योगदान देती हैं।


इस प्रकार, नन्हे अथर्व के माध्यम से समाज में सेवा और श्रद्धा के गुणों का प्रसार हुआ, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्जवल उदाहरण बनकर रहेगा। यूपी जर्नलिस्ट ऐसोसिएशन की यह पहल न केवल कावड़ियों को राहत प्रदान करती है बल्कि सामाजिक सौहार्द और भाईचारे को भी मजबूत बनाती है।

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News Editor- (Jyoti Parjapati)

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