Price determination : गन्ने का भाव बढ़ाने पर किसान संघ ने जताया प्रदेश सरकार का आभार, अगले सीजन में 500 रुपए प्रति क्विंटल मूल्य निर्धारण की उठाई मांग

तल्हेड़ी बुजुर्ग क्षेत्र में किसानों की आवाज़ को बुलंद करते हुए बुधवार को गांव छाछरेकी में भारतीय किसान संघ द्वारा एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में सैकड़ों किसानों ने भाग लिया और गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी को लेकर चर्चा की। बैठक की अध्यक्षता भारतीय किसान संघ के पूर्व जिला अध्यक्ष राहुल त्यागी ने की। इस अवसर पर किसानों की विभिन्न समस्याओं, बकाया भुगतान, मिलों के संचालन और आगामी गन्ना मूल्य निर्धारण को लेकर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में मुख्य रूप से किसान नेता श्यामवीर त्यागी ने प्रदेश सरकार द्वारा गन्ने का मूल्य 400 रुपए प्रति क्विंटल तय किए जाने पर सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संघ ने लंबे समय से यह मांग की थी कि प्रदेश सरकार गन्ने का मूल्य बढ़ाकर कम से कम 450 रुपए प्रति क्विंटल किया जाए, जिससे किसानों को उनके परिश्रम का उचित प्रतिफल मिल सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किसानों के हित में उठाया गया यह कदम सराहनीय है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बढ़ती महंगाई, खाद, डीजल, बिजली और श्रम लागत को देखते हुए यह मूल्य अभी भी पर्याप्त नहीं है। इसलिए संघ की ओर से यह मांग रखी गई कि अगले सीजन में गन्ने का मूल्य 500 रुपए प्रति क्विंटल किया जाए ताकि किसान वास्तव में आत्मनिर्भर बन सकें और कृषि को एक सशक्त आजीविका का साधन बनाए रख सकें।
श्यामवीर त्यागी ने अपने संबोधन में कहा कि किसानों की मेहनत का उचित मूल्य दिलाना भारतीय किसान संघ का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि आज भी किसान बढ़ती लागत, समय पर भुगतान न मिलने और मिलों की मनमानी के कारण परेशान हैं। प्रदेश सरकार ने भले ही गन्ना मूल्य बढ़ाकर राहत दी है, लेकिन जब तक गन्ना मिलें समय पर भुगतान नहीं करेंगी, तब तक किसानों को वास्तविक लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि गन्ना भुगतान में देरी करने वाली मिलों से किसानों को 16 प्रतिशत ब्याज दर से भुगतान कराया जाए, ताकि किसानों को उनका आर्थिक नुकसान न झेलना पड़े।
इस दौरान बैठक को संबोधित करते हुए राहुल त्यागी ने कहा कि भारतीय किसान संघ प्रदेश सरकार के इस निर्णय का स्वागत करता है, क्योंकि इससे किसानों के मनोबल में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि आगामी गन्ना पेराई सीजन 1 नवंबर से शुरू होने से पहले ही प्रदेश की सभी चीनी मिलों को सुचारू रूप से चालू कराया जाए, ताकि किसानों को अपनी फसल के निपटान में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। राहुल त्यागी ने कहा कि गन्ना किसानों का हित देश की कृषि अर्थव्यवस्था से जुड़ा हुआ है, इसलिए किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाना चाहिए।
बैठक में किसानों ने यह भी कहा कि गन्ने का मूल्य केवल गन्ना उत्पादकों के लिए ही नहीं, बल्कि देश की चीनी उद्योग के स्थायित्व के लिए भी महत्वपूर्ण है। यदि किसानों को उचित मूल्य नहीं मिलेगा, तो गन्ने की पैदावार में गिरावट आ सकती है, जिससे चीनी उत्पादन पर भी असर पड़ेगा। इसलिए सरकार को दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाते हुए किसानों की मांगों पर सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए।
कार्यक्रम में उपस्थित जिला मंत्री मणिकांत भारद्वाज, जिला कार्यकारिणी सदस्य विक्रम सिंह पुंडीर, सत्येंद्र राणा, ब्लॉक नागल अध्यक्ष चौधरी रामस्वरूप, बसेड़ा से ब्लॉक महामंत्री नवनीत त्यागी, जगदेव तस्लीम त्यागी, कुर्बान त्यागी, नकली राम सैनी, चौधरी नरेश पाल और मुकेश प्रधान सहित अनेक किसान नेता शामिल रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि किसान समाज के विकास का आधार हैं और यदि किसान खुशहाल नहीं रहेगा, तो देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत नहीं हो सकेगी।

बैठक में किसानों ने यह भी मांग की कि प्रदेश सरकार किसानों की अन्य समस्याओं जैसे बिजली दरों में छूट, सिंचाई व्यवस्था में सुधार, खाद और बीज की उपलब्धता में पारदर्शिता लाने पर भी विशेष ध्यान दे। किसानों ने यह भी कहा कि चीनी मिलों के बकाया भुगतान को लेकर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि किसानों को न्याय मिल सके।
किसान नेता नवनीत त्यागी ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि यह बैठक केवल गन्ना मूल्य की चर्चा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह किसानों की एकजुटता और उनके हक के लिए संघर्ष का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों को उनकी उपज का पूरा दाम नहीं मिलेगा, तब तक किसान संघ अपनी आवाज़ को उठाता रहेगा।
बैठक के अंत में सभी उपस्थित किसानों ने प्रदेश सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए यह संकल्प लिया कि वे आगे भी अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए एकजुट रहेंगे। उन्होंने कहा कि किसान संघ हमेशा किसानों की आवाज़ बनेगा और सरकार से संवाद के माध्यम से उनकी समस्याओं का समाधान कराने का प्रयास करता रहेगा।
गांव छाछरेकी में हुई यह बैठक न केवल एक संगठनात्मक कार्यक्रम थी, बल्कि यह किसानों की एकता, जागरूकता और संघर्ष की भावना का जीवंत प्रमाण भी रही। गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी की घोषणा ने किसानों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है, लेकिन साथ ही उन्होंने स्पष्ट संकेत दिया है कि अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। किसानों की यह मांग पूरी तरह वाजिब है कि बढ़ती लागत और बाजार की परिस्थितियों को देखते हुए अगले सीजन में गन्ने का मूल्य 500 रुपए प्रति क्विंटल किया जाए। अगर सरकार इस दिशा में कदम उठाती है, तो निश्चित रूप से यह प्रदेश के लाखों किसानों के लिए एक बड़ा राहत कदम साबित होगा और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नई मजबूती प्रदान करेगा।
News Editor- (Jyoti Parjapati)
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