Private School : मोदी-योगी सरकार में प्राइवेट स्कूल संचालको के आए अच्छे दिन ?

- मोदी-योगी सरकार में प्राइवेट स्कूल संचालको के आए अच्छे दिन,लूट खसोट का सिलसिला जोरदार तरीके से हुआ शुरू
मनमानी के चलते किताबें,ड्रेस शूज,बैग व स्टेशनरी सहित अन्य चीजों से अभिभावकों से होगी खुल्लम-खुल्ला लूट खसोट
बेहट क्षेत्र में चुनिंदा दुकानों पर ही मिलता है निजी स्कूलों का कोर्स व अन्य सामान
निजी स्कूल संचालकों के करीब 60% कमीशन के बोझ तले कर्ज में डूब रहे अभिभावक
बाल श्रम अपराध को आखिर कौन दे रहा बढ़ावा,निजी स्कूल संचालक,किताब विक्रेता या गरीबी
तहसील बेहट क्षेत्र में मोदी-योगी सरकार में प्राइवेट स्कूल संचालको के आए अच्छे दिन,लूट खसोट का सिलसिला जोरदार तरीके से शुरू हो चुका है।मनमानी के चलते किताबें,ड्रेस शूज,बैग व स्टेशनरी सहित अन्य चीजों से अभिभावकों से अब खुल्लम-खुल्ला लूट खसोट का सिलसिला जारी हो चुका है।
जिसके चलते अभिभावक निजी स्कूल संचालकों के करीब 60% कमीशन के बोझ तले कर्ज में डूब रहे है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बेहट क्षेत्र में निजी स्कूलों का कोर्स व अन्य सामान
चुनिंदा दुकानों पर ही मिलता है!
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बाल श्रम अपराध को आखिर कौन दे रहा बढ़ावा,निजी स्कूल संचालक,किताब विक्रेता या गरीबी……???
भारी भरकम महंगाई स्कूल फीस एवं अन्य खर्चों से तंग हुए अभिभावक अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढाने में समर्थ नहीं है। जो अपने बच्चों को कुछ दिन ही शिक्षा दिला पाते हैं उसके बाद उन्हें होटल,रेस्टोरेंट एवं अन्य दुकानों पर मजदूरी करने के लिए बाध्य होना पड़ता है। पढ़ने की उम्र में अधिकतर बच्चे काम करते नजर आते हैं इसका सीधा सा कारण अभिभावकों पर गिरने वाली महंगाई की मार है। या इसका सीधा सा कारण है कि निजी स्कूल संचालकों के द्वारा अभिभावकों से मनमानी फीस वसूली, महंगी किताबें या फिर गरीबों को कहा जा सकता है। हालांकि श्रम विभाग के द्वारा बाल उम्र में काम करने वाले अभिभावको, एवं दुकानदारों के विरुद्ध ठोस कार्यवाही अमल में लाई जाती है लेकिन निजी स्कूल संचालकों के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं की जाती, इतना ही नहीं कमीशन खोरी के चक्कर में अभिभावकों से लूट-खसोट करने वाले दुकानदारों के ऊपर भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती।
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अधिकतर निजी स्कूल मानकों को ताक पर रखकर कर रहे अभिभावकों का शोषण….
मिली जानकारी के अनुसार तहसील बेहट क्षेत्र में अधिकतर निजी स्कूल मानकों को ताक पर रखकर अभिभावकों का शोषण करने में लगे हुए हैं। इतना ही नहीं अधिकतर निजी स्कूल मानको के विपरीत संचालित हैं जिनमे न तो पर्याप्त कमरों की व्यवस्था,पंखे,पेयजल व फर्नीचर की व्यवस्था इतना ही नही स्कूल संचालक का रजिस्ट्रेशन करते समय कुछ प्रतिशत कोटा निर्धन गरीब व असहाय व्यक्तियों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने के लिए निर्धारित किया जाता है। जिसका पालन क्षेत्र के किसी भी निजी स्कूल में नहीं किया जाता यदि निजी विद्यालयों की गंभीरता से जांच की जाए तो न जाने कितनी खामियां निकल कर सामने आ सकती है।
जिलाधिकारी मनीष बंसल ने लिया मामले पर पूरा संज्ञान….
जिलाधिकारी मनीष बंसल के सख्त निर्देशों के अनुपालन में अब उन स्कूलों पर कार्रवाई की तैयारी है जो अभिभावकों को यूनिफार्म एवं किताबें केवल निर्धारित दुकानों से खरीदने के लिए विवश कर रहे हैं।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया नियमों के खिलाफ है और यदि कोई भी स्कूल इस प्रकार का दबाव बनाता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में शिकायत करने वाले अभिभावक 17 अप्रैल 2025 को शाम 6:30 बजे जिला शुल्क एवं नियामक समिति के समक्ष साक्ष्य सहित अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
प्रशासन की इस पहल को लेकर अभिभावकों में राहत की भावना देखी जा रही है, वहीं अब स्कूल प्रबंधन के लिए भी यह एक स्पष्ट संकेत है कि नियमों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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