Question on administration : पीलीभीत में कृषि अधिकारी से मारपीट, प्रशासन पर सवाल

- पीलीभीत: कृषि अधिकारी की पिटाई के बाद विकास भवन कर्मियों की कलमबंद हड़ताल, पुलिसिया कार्रवाई सवालों के घेरे में
1. जिला पंचायत में अधिकारी के साथ मारपीट, बैठक में बिगड़े हालात
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में जिला पंचायत सभागार में एक गंभीर घटना ने प्रशासनिक तंत्र को हिलाकर रख दिया है। बैठक के दौरान कृषि विभाग के अधिकारी के साथ हुई पिटाई ने सरकारी सिस्टम की गरिमा और सुरक्षा पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। घटना के अनुसार, जिला पंचायत की बैठक के दौरान एक स्थानीय भाजपा नेता नितिन और उसके एक साथी ने कृषि अधिकारी से बहस करते हुए हाथापाई शुरू कर दी। देखते ही देखते बात इतनी बढ़ गई कि अधिकारी के साथ सरेआम मारपीट की गई, जिससे सभागार में हड़कंप मच गया। बैठक में अन्य अधिकारी और प्रतिनिधि भी मौजूद थे, लेकिन हमलावरों की गुंडागर्दी के सामने सब असहाय नजर आए।
2. विकास भवन कर्मियों का विरोध, कलमबंद हड़ताल का ऐलान
इस घटना के विरोध में विकास भवन सहित समस्त विभागों के कर्मचारी एकजुट हो गए हैं। कृषि अधिकारी के साथ हुई मारपीट को लेकर अधिकारियों और कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। उन्होंने तत्काल प्रभाव से कलमबंद हड़ताल की घोषणा कर दी है और जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि यदि प्रशासनिक अधिकारियों की सुरक्षा तक सुनिश्चित नहीं की जा सकती, तो वे कार्य कैसे करें? हड़ताल की वजह से जिले के कई जरूरी कार्य अटक गए हैं और आम जनता को भी इसका असर झेलना पड़ रहा है। कर्मचारियों ने दोषियों की जल्द गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई की मांग की है, नहीं तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है।

3. डीएम का हस्तक्षेप, मामला दर्ज लेकिन गिरफ्तारी नहीं
घटना के बाद मामला गंभीर होता देख खुद जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र कुमार को हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने पीड़ित कृषि अधिकारी से मुलाकात की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। डीएम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि घटना को लेकर भाजपा नेता नितिन समेत दो लोगों पर मामला दर्ज किया गया है और जल्द ही गिरफ्तारी भी की जाएगी। हालाँकि, पुलिस अब तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इस कारण प्रशासन पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगने लगा है। डीएम ने स्पष्ट किया कि कानून से ऊपर कोई नहीं है और पुलिस को निर्देश दे दिए गए हैं कि वह तेजी से कार्रवाई करे।
4. दोनों आरोपी फरार, पुलिस खाली हाथ, सवालों के घेरे में कानून व्यवस्था
फिलहाल, नामजद आरोपी भाजपा नेता नितिन और उसका साथी फरार हैं और पुलिस की पकड़ से दूर हैं। घटना को 24 घंटे से अधिक समय बीत चुका है लेकिन कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है। इससे स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। यह भी आरोप लग रहा है कि राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस टालमटोल कर रही है और आरोपियों को पकड़ने में गंभीरता नहीं दिखा रही है। जिले में अफसरों और कर्मचारियों के बीच भय और असंतोष का माहौल बन गया है। विकास भवन कर्मियों ने यह भी कहा कि यदि जल्द न्याय नहीं मिला, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।
निष्कर्ष:
यह घटना न सिर्फ एक अधिकारी के अपमान का मामला है, बल्कि पूरे प्रशासनिक सिस्टम पर हमला है। यदि समय रहते दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया गया और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई, तो यह मामला बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है। यह जरूरी है कि कानून व्यवस्था का सम्मान बना रहे और दोषी चाहे जिस भी दल या पद से हों, उनके खिलाफ निष्पक्ष और सख्त कार्रवाई की जाए।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)