Questions raised about quality : बांग्लादेश वायुसेना का ट्रेनिंग प्लेन दुर्घटनाग्रस्त: चीन निर्मित विमान की गुणवत्ता पर उठे सवाल ?

Questions raised about quality : बांग्लादेश वायुसेना का ट्रेनिंग प्लेन दुर्घटनाग्रस्त: चीन निर्मित विमान की गुणवत्ता पर उठे सवाल

Questions raised about quality : बांग्लादेश वायुसेना का ट्रेनिंग प्लेन दुर्घटनाग्रस्त: चीन निर्मित विमान की गुणवत्ता पर उठे सवाल ?
Questions raised about quality : बांग्लादेश वायुसेना का ट्रेनिंग प्लेन दुर्घटनाग्रस्त: चीन निर्मित विमान की गुणवत्ता पर उठे सवाल ?

 

  • हाल ही में बांग्लादेश वायुसेना:- के एक ट्रेनिंग विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से देश में शोक की लहर दौड़ गई। इस दुर्घटना में 16 छात्र पायलट समेत कुल 19 लोग मारे गए और सौ से अधिक घायल हुए हैं। हादसा चीन में बने विमान के सुरक्षा मानकों और उसकी गुणवत्ता को लेकर नई बहस छेड़ गया है। दुर्घटनाग्रस्त विमान चीन की कंपनी द्वारा निर्मित चेंगदू J-7 था, जो बांग्लादेश के वायुसेना में ट्रेनिंग और लड़ाकू मिशनों के लिए इस्तेमाल होता है। इस घटना ने यूज एंड थ्रो नीति, यानी कम लागत पर विमान खरीदने और उपयोग के बाद जल्दी बदलने की रणनीति पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं।

चीन निर्मित विमान और गुणवत्ता की बहस

  • बांग्लादेश वायुसेना द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला J-7 जेट विमान चीन में बनाया गया है। यह विमान चीन की चेंगदू एविएशन कॉर्पोरेशन द्वारा विकसित और निर्मित है। पिछले कुछ वर्षों में चीन ने कई देशों को अपने सस्ते और सामरिक विमान निर्यात किए हैं, लेकिन उनकी गुणवत्ता को लेकर कई बार संदेह भी जताया गया है। बांग्लादेश में हुए इस दुर्घटना ने एक बार फिर चीन निर्मित विमानों की सुरक्षा और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। चीन के विमान जहां सस्ते और उपलब्धता में तेजी से उपलब्ध होते हैं, वहीं उनके रखरखाव और उड़ान सुरक्षा मानकों पर कई बार आलोचना भी हुई है। विश्वसनीयता और लंबी अवधि तक टिकाऊपन के मामले में चीन के ये विमान पश्चिमी देशों के निर्मित विमानों की तुलना में कमजोर साबित हो सकते हैं। इस दुर्घटना ने उन तमाम सवालों को फिर से हवा दी है कि क्या चीन के विमान बांग्लादेश जैसे देशों की सुरक्षा जरूरतों को सही तरीके से पूरा कर पा रहे हैं।

बांग्लादेश की यूज एंड थ्रो नीति का प्रभाव

  • यह दुर्घटना बांग्लादेश की उस नीति पर भी सवाल उठाती है जिसके तहत देश सीमित बजट में सस्ते, कम उम्र के विमान खरीदता है, जिनका ज्यादा लंबे समय तक उपयोग नहीं होता। यूज एंड थ्रो नीति के तहत छोटे वायुसेना बल ऐसे विमानों को ट्रेनिंग और सीमित कार्यों के लिए खरीदते हैं, जिनका जीवनकाल कम होता है। इस नीति के तहत विमानों की सुरक्षा और रखरखाव पर अक्सर कम ध्यान दिया जाता है, जिससे दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। चीन निर्मित सस्ते विमान बांग्लादेश जैसे विकासशील देशों के लिए आर्थिक रूप से आकर्षक होते हैं, लेकिन उनकी गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों में छूट दुर्घटना की संभावनाओं को बढ़ा देती है। इस नीति के तहत खरीदे गए विमानों के प्रशिक्षण में संक्षिप्तता और मरम्मत के लिए अपर्याप्त संसाधनों के कारण हादसों का जोखिम बढ़ता है।

दुर्घटना की घटनाक्रम और इसके बाद की प्रतिक्रिया

  • हालिया दुर्घटना में एक ट्रेनिंग जेट विमान उड़ान के दौरान नियंत्रण खो बैठा और दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस विमान में कुल 16 छात्र पायलट सवार थे, जिनमें से 19 की मृत्यु हो गई, जबकि सौ से अधिक लोग घायल हुए हैं। हादसे की तुरंत बाद बांग्लादेश सरकार और वायुसेना ने आपातकालीन प्रतिक्रिया शुरू की, लेकिन स्थानीय अस्पतालों में घायलों के लिए संसाधनों की कमी ने राहत कार्यों को प्रभावित किया। इस दुर्घटना के बाद बांग्लादेश सरकार ने चीन से विमान की गुणवत्ता जांचने और वायुसेना की सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार के लिए कदम उठाने को कहा है। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेश को अपनी वायुसेना की तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण के लिए विविध स्त्रोतों से विमानों का आयात करना चाहिए, जिससे किसी एक देश के उत्पादों पर पूरी तरह निर्भरता कम हो।

भविष्य की चुनौतियाँ और सुधार की राह

  • बांग्लादेश के लिए यह हादसा एक गंभीर चेतावनी है कि वायुसेना के लिए विमान खरीदने और रखरखाव की नीति में सुधार की जरूरत है। यूज एंड थ्रो नीति पर पुनर्विचार कर, विमान की गुणवत्ता, सुरक्षा मानकों और लंबी अवधि के रखरखाव को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसके साथ ही, चीन से आयातित विमानों की कठोर जांच और परीक्षण होना आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।इसके अतिरिक्त, बांग्लादेश को अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सुधार करना होगा, खासकर छात्र पायलटों की सुरक्षा और उड़ान अभ्यास के लिए अधिक विश्वसनीय विमान सुनिश्चित करने होंगे। सैन्य साझेदारी बढ़ाकर और तकनीकी सहयोग से भी बांग्लादेश अपनी वायुसेना की क्षमता बढ़ा सकता है।इस दुर्घटना ने वैश्विक स्तर पर भी उन देशों की चुनौतियों को उजागर किया है जो सीमित संसाधनों में उच्च गुणवत्ता वाले सैन्य उपकरणों का आयात करते हैं। इसके समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और तकनीकी मानकों को बढ़ावा देना आवश्यक है।

निष्कर्षतः, बांग्लादेश वायुसेना का दुर्घटनाग्रस्त हुआ ट्रेनिंग प्लेन सिर्फ एक हादसा नहीं बल्कि चीन निर्मित विमान की गुणवत्ता और यूज एंड थ्रो नीति की गंभीर कमजोरियों का संकेत है। इसके प्रभाव को देखते हुए बांग्लादेश को अपनी वायुसेना की रणनीतियों और उपकरणों की गुणवत्ता में सुधार करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।

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News Editor- (Jyoti Parjapati)

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