Red Cross shares the joy : दीपावली पर जरूरतमंदों को सामग्री वितरण कर रेडक्रॉस ने खुशियाँ साझा कीं

दीपावली, जिसे रोशनी और खुशियों का पर्व कहा जाता है, केवल घरों को सजाने और मिठाइयाँ बाँटने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह त्यौहार उस भावना का प्रतीक है जो हमें समाज के हर वर्ग, विशेषकर जरूरतमंद, दिव्यांग व वृद्धजनों के साथ अपनी खुशियाँ साझा करने की प्रेरणा देता है। इसी भावना को साकार करते हुए 14 अक्टूबर 2025 को प्रातः 8 बजे एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में तथा डॉ. सत्यनारायण सेवा फाउंडेशन के संयोजन में किया गया। यह कार्यक्रम हृदयस्पर्शी और प्रेरणादायक पहल के रूप में सामने आया, जिसमें समाज के अतिजरूरतमंद वर्ग के 18 परिवारों को दीपावली की खुशियाँ वितरित की गईं।
कार्यक्रम का नेतृत्व इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी, उत्तर प्रदेश के चेयरमैन व कार्यकारिणी सदस्य डॉ. अनुराग श्रीवास्तव द्वारा किया गया। उनके निर्देशन में इस आयोजन को सफलतापूर्वक सम्पन्न किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य गढ़ीवा वार्ड के 6, कलक्टरगंज वार्ड के 7 और अरबपुर वार्ड के 5 चिन्हित जरूरतमंद, दिव्यांग व वृद्धजनों तक दीपावली की खुशियाँ पहुँचाना था। इन तीनों वार्डों से कुल 18 अतिजरूरतमंद परिवारों का चयन किया गया, जो वाकई इस प्रकार की सहायता के वास्तविक पात्र थे।
इस आयोजन में डॉ. अनुराग श्रीवास्तव द्वारा इन सभी परिवारों को खाद्य सामग्री के रूप में लाई, गट्टा, पट्टी, मिठाई और साथ ही मोमबत्ती आदि वितरित किए गए, ताकि वे भी दीपावली के पर्व को उल्लास और गरिमा के साथ मना सकें। वितरण के समय सभी लाभार्थियों के चेहरे पर जो मुस्कान और संतोष की भावना देखने को मिली, वह इस आयोजन की सफलता का सबसे बड़ा प्रमाण थी। हर एक व्यक्ति जो वहाँ उपस्थित था, उसने इस भाव को महसूस किया कि दीपावली सच में तब पूरी होती है जब हम अपने साथ-साथ किसी और के घर में भी रौशनी ले जाने का माध्यम बनते हैं।
कार्यक्रम के दौरान लाभार्थियों ने अत्यंत भावुक होकर डॉ. अनुराग श्रीवास्तव एवं उनकी टीम का आभार प्रकट किया। कई वृद्धजन और दिव्यांगजन ऐसे थे, जो लंबे समय से त्यौहारों में उपेक्षित महसूस करते थे, लेकिन इस पहल ने उनके जीवन में आशा और खुशी का संचार किया। कुछ लोगों की आँखों में आँसू थे, तो कुछ ने हाथ जोड़कर इस स्नेह के लिए आशीर्वाद दिया। यह आयोजन केवल राहत सामग्री वितरण नहीं था, बल्कि यह मानवीय संवेदना और सामाजिक जिम्मेदारी का जीवंत उदाहरण था।

इस पुनीत अवसर पर प्रमुख सहयोगी के रूप में चैतन्य कुमार, संयोजक, दिव्यांग प्रकोष्ठ, इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी, तथा आजीवन सदस्य श्री अभिनव श्रीवास्तव की विशेष उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही। दोनों ने मिलकर वितरण कार्य को सुचारू रूप से संचालित किया और लाभार्थियों से आत्मीय संवाद भी किया, जिससे उन्हें यह महसूस हो कि समाज में कोई है जो उनकी तकलीफों को समझता है और उनके साथ खड़ा है।
इस अवसर पर डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि “दीपावली सिर्फ हमारे घरों को रोशन करने का पर्व नहीं है, यह पर्व हमें यह सिखाता है कि हम समाज के उन लोगों के जीवन में भी रौशनी भरें जो किसी कारणवश इस रोशनी से वंचित रह जाते हैं। हमारी संस्था का प्रयास यही है कि दीपावली जैसे त्यौहार सभी के लिए समान रूप से हर्ष और उल्लास लेकर आए।” उन्होंने यह भी कहा कि इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी सदैव समाज के वंचित वर्ग के लिए काम करती रही है और आगे भी करती रहेगी।
इस प्रकार के आयोजनों की आज समाज को सबसे अधिक आवश्यकता है। जहाँ एक ओर दीपावली जैसे त्यौहारों को महंगे उपहारों और दिखावे के जरिए मनाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर डॉ. अनुराग श्रीवास्तव और उनकी टीम जैसे लोग समाज में मानवीयता और करुणा की भावना को जीवंत बनाए हुए हैं। इनकी यह सोच प्रेरणा देती है कि यदि हम सभी अपने-अपने स्तर पर जरूरतमंदों की मदद करने का संकल्प लें, तो समाज में असमानता की खाई को पाटा जा सकता है।
इस कार्यक्रम का आयोजन न केवल एक सामाजिक सेवा का कार्य था, बल्कि यह एक सामाजिक संदेश भी था — कि दीपावली तब तक अधूरी है जब तक उसका उजाला समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक नहीं पहुँचता। जरूरतमंदों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने और उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन जीने की भावना देने वाला यह कार्य एक अनुकरणीय प्रयास है, जिसकी सराहना हर स्तर पर की जानी चाहिए।
समाप्ति पर सभी लाभार्थियों ने संस्था और आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि इस दीपावली उनके घर में भी रौशनी आई है, जिससे उन्हें यह महसूस हुआ कि वे भी समाज का हिस्सा हैं। वास्तव में, इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि जब सेवा भावना के साथ कार्य किया जाए, तो वह केवल सहायता नहीं बल्कि उम्मीद और अपनत्व का संदेश भी लेकर आता है।
निष्कर्षतः, डॉ. अनुराग श्रीवास्तव, इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी और डॉ. सत्यनारायण सेवा फाउंडेशन द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम न केवल दीपावली की खुशियों को साझा करने का एक माध्यम बना, बल्कि यह सामाजिक उत्तरदायित्व, मानवता और सहानुभूति का जीवंत उदाहरण भी सिद्ध हुआ। ऐसी पहलें न केवल समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित करती हैं कि वे भी अपने जीवन के खास पलों को जरूरतमंदों के साथ साझा करें। यही सच्चे अर्थों में दीपावली का संदेश है – अंधकार से प्रकाश की ओर, दुख से सुख की ओर, और उपेक्षा से अपनत्व की ओर।