Rozka Meow : रोजका मेव में किसानों का हल्ला बोल टिकैत की चेतावनी सीएम से मुलाकात तक नहीं चलेगा निर्माण

नूंह: नूंह जिले के आईएमटी रोजका मेव में जमीन अधिग्रहण और मुआवजे को लेकर किसान संगठनों ने विशाल धरना-प्रदर्शन किया, जिसमें हजारों किसान शामिल हुए. प्रदर्शन का नेतृत्व वरिष्ठ किसान नेता राकेश टिकैत ने किया. उन्होंने सरकार पर जमकर निशाना साधा. टिकैत ने कहा कि, “सरकार किसानों की जमीन धोखे से छीन रही है.”
घंटों चला प्रदर्शन: गुरुवार को सुबह से शुरू हुआ यह प्रदर्शन करीब छह घंटे तक चला. प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री से उनकी प्रतिनिधि टीम की सीधी मुलाकात नहीं होगी, तब तक आईएमटी रोजका मेव में एक इंच भी निर्माण कार्य नहीं होने दिया जाएगा. प्रशासन ने स्थिति को काबू में रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस और एसटीएफ जवानों की तैनाती की, हालांकि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा.
सरकार पर जमीन हड़पने का आरोप: प्रदर्शन के दौरान टिकैत ने कहा, “यह सरकार किसानों की जमीन धोखे से हड़पना चाहती है.शब्दों के हेरफेर में किसानों से हस्ताक्षर करवा लिए गए और महंगी जमीन सस्ते दामों में छीन ली गई. यह बड़ा षड्यंत्र है, इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. जब तक मुख्यमंत्री खुद हमसे नहीं मिलेंगे, तब तक एक ईंट भी नहीं लगने देंगे. पहले जमीन 5-6 लाख रुपये एकड़ की थी, अब 5 करोड़ तक पहुंच गई है। जो किसान जमीन बेच देता है, वह दोबारा खरीद नहीं सकता। हम यह लड़ाई अंत तक लड़ेंगे.”
सीएम से मुलाकात पर अड़े: इस मामले में किसान संगठनों की संयुक्त कमेटी ने कहा कि “स्थानीय स्तर पर कोई फैसला स्वीकार नहीं किया जाएगा. हमें सीधे मुख्यमंत्री से बात करनी है. जब तक मुलाकात तय नहीं होती, निर्माण कार्य पूरी तरह रुका रहेगा.” वहीं, कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने कहा कि “किसानों की मांगें पूरी तरह जायज हैं. हम उनके साथ हैं और जब तक न्याय नहीं मिलता, यह समर्थन जारी रहेगा.”

“सरकार किसानों को कमजोर समझ रही”: इनेलो नेता ताहिर हुसैन ने इस बारे में कहा कि “सरकार किसानों को कमजोर समझ रही है, लेकिन रोजका मेव ने दिखा दिया कि किसान एकजुट हैं. यह आंदोलन अब रुकने वाला नहीं है.” वहीं, क्षेत्रीय नेता तैयब हुसैन घासेडिया ने कहा कि, “जमीन किसानों की है, सरकार इसे किसी भी तरह से नहीं छीन सकती. हम किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं.” साथ ही हिदायत कमांडो ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि “यह सिर्फ जमीन की लड़ाई नहीं, किसानों के अस्तित्व की लड़ाई है. अगर सरकार नहीं मानी तो आंदोलन और तेज होगा.”
सीएम से मुलाकात का मिला आश्वासन: वहीं, किसान संगठनों की ओर से नौ सदस्यीय कमेटी गठित की गई, जिसने जिला मुख्यालय पर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की. कमेटी ने स्पष्ट किया कि अब कोई भी निर्णय स्थानीय स्तर पर स्वीकार नहीं किया जाएगा. किसानों की इस दृढ़ता को देखते हुए प्रशासन ने देर शाम मुख्यमंत्री से शीघ्र मुलाकात कराने का आश्वासन दिया. तब तक सभी निर्माण कार्यों को अस्थायी रूप से रोकने पर सहमति जताई.
फिलहाल प्रशासन और किसानों के बीच बनी यह सहमति केवल अस्थायी राहत है. अगला कदम मुख्यमंत्री की मुलाकात पर निर्भर करेगा. किसानों ने साफ चेतावनी दी है कि अगर बातचीत से समाधान नहीं निकला तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा.
News Editor- (Jyoti Parjapati)
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