Sub Inspectors : उत्तर प्रदेश में 2015 सेवा नियमावली के तहत उप निरीक्षकों की निरीक्षक पद पर पदोन्नति

उत्तर प्रदेश उप निरीक्षक और निरीक्षक
- उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में लंबे समय से प्रतीक्षित पदोन्नति प्रक्रिया को लेकर एक अहम निर्णय सामने आया है। उत्तर प्रदेश उप निरीक्षक और निरीक्षक (नागरिक पुलिस) सेवा नियमावली-2015, यथा संशोधित के अंतर्गत पुलिस महानिदेशक कार्यालय द्वारा अधिसूचना जारी करते हुए उप निरीक्षक (नागरिक पुलिस) को निरीक्षक (नागरिक पुलिस) के पद पर पदोन्नत करने की घोषणा की गई है।
- इस आदेश में स्पष्ट किया गया है कि पात्रता की शर्तों और प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं को पूर्ण करते हुए, प्राधिकृत पदोन्नति बोर्ड द्वारा उप निरीक्षकों का मूल्यांकन किया गया। इस मूल्यांकन के दौरान ऐसे अधिकारियों को अस्वीकार कर दिया गया जो अनुपयुक्त पाए गए, जबकि अन्य को ज्येष्ठता के आधार पर उपयुक्त मानते हुए निरीक्षक पद पर पदोन्नति दी गई।
नियमावली-2015 और प्रक्रिया की पारदर्शिता
- उत्तर प्रदेश उप निरीक्षक एवं निरीक्षक सेवा नियमावली-2015 के अनुसार पदोन्नति की प्रक्रिया में निम्नलिखित चरणों का पालन किया गया:
- सेवा अनुभव एवं वरिष्ठता का मूल्यांकन:
पदोन्नति के लिए पात्र उप निरीक्षकों की वरिष्ठता सूची तैयार की गई, जिसमें सेवा काल, कार्य निष्पादन, अनुशासनात्मक रिकॉर्ड आदि प्रमुख बिंदु रहे। - पदोन्नति बोर्ड की बैठक:
संबंधित मंडलों/परिक्षेत्रों/जनपदों के अधिकारियों के रिकॉर्ड की समीक्षा प्राधिकृत बोर्ड द्वारा की गई। जिन अधिकारियों का आचरण, सेवा अभिलेख एवं कार्य प्रदर्शन संतोषजनक पाया गया, उन्हें उपयुक्त घोषित किया गया। - अनुपयुक्त अधिकारियों का बहिष्कार:
समीक्षा के दौरान जिन अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित थी या जिनका सेवा रिकॉर्ड मानक के अनुरूप नहीं पाया गया, उन्हें इस प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया। - महानिदेशक, पुलिस का अनुमोदन:
बोर्ड द्वारा चयनित अधिकारियों की सूची को अंतिम स्वीकृति के लिए पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश को भेजा गया, जिन्होंने अनुमोदन प्रदान करते हुए पदोन्नति आदेश पारित किए।
पदोन्नत अधिकारियों को अपने वर्तमान नियुक्ति स्थल पर कार्यभार ग्रहण का निर्देश
- पुलिस महानिदेशक कार्यालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार सभी पदोन्नत उप निरीक्षकों को यह निर्देशित किया गया है कि वे अपने मौजूदा जनपद/इकाई पर ही कार्यभार ग्रहण करें, जिससे विभागीय संरचना और कार्यप्रणाली में कोई बाधा उत्पन्न न हो।
- यह कदम पुलिस बल की कार्यक्षमता और निरंतरता बनाए रखने के दृष्टिकोण से उठाया गया है।
निम्नलिखित अधिकारियों को मिली पदोन्नति
(यहाँ उदाहरण के लिए कुछ नाम प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जबकि पूर्ण सूची आधिकारिक अधिसूचना में शामिल है।)
क्रम संख्या | नाम अधिकारी | वर्तमान तैनाती | पदोन्नति तिथि | नई पद |
---|---|---|---|---|
1 | समयपाल अत्री | शामली जनपद | 25 जुलाई 2025 | निरीक्षक |
2 | अजय सिंह | कानपुर नगर | 25 जुलाई 2025 | निरीक्षक |
3 | दीपक यादव | प्रयागराज | 25 जुलाई 2025 | निरीक्षक |
4 | राजेश कुमार | लखनऊ | 25 जुलाई 2025 | निरीक्षक |
नोट: सभी अधिकारियों को उनके संबंधित जनपद के पुलिस अधीक्षक/वरिष्ठ अधीक्षक द्वारा कार्यभार ग्रहण कराने का निर्देश दिया गया है।
विभागीय सराहना और प्रेरणादायक पहल
- यह पदोन्नति केवल सेवा वृद्धि नहीं है, बल्कि विभाग द्वारा कर्तव्यनिष्ठ, अनुशासित और निष्ठावान अधिकारियों के कार्यों की सार्वजनिक मान्यता भी है। पदोन्नति प्राप्त करने वाले अधिकारियों को बधाई देते हुए कई जिलों के पुलिस अधीक्षकों और वरिष्ठ अधिकारियों ने इसे “मेहनत और ईमानदारी का प्रतिफल” बताया है।
- उदाहरण के तौर पर, शामली जनपद में पदस्थ समयपाल अत्री को निरीक्षक बनाए जाने की खबर से विभाग में हर्ष का माहौल देखा गया। अत्री की छवि एक ईमानदार, निष्पक्ष और जनता के लिए समर्पित अधिकारी के रूप में रही है। उनकी पदोन्नति को युवा पुलिसकर्मियों के लिए एक प्रेरणा के रूप में देखा जा रहा है।
क्या कहते हैं विभागीय अधिकारी?
- पुलिस महानिदेशक कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा: “यह पदोन्नति प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी एवं नियमावली-2015 के प्रावधानों के अनुरूप की गई है। विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि हर कर्मठ और पात्र अधिकारी को समय पर सम्मान और अवसर मिले।”
पदोन्नति से विभाग को क्या लाभ?
- नए नेतृत्व का विकास: निरीक्षक के पद पर पदोन्नत अधिकारी अब थाना या सर्किल स्तर पर प्रमुख जिम्मेदारियाँ निभाएंगे, जिससे विभाग को अनुभवी नेतृत्व मिलेगा।
- मनोरथ को मिलेगी गति: लंबे समय से पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे कर्मियों को प्रोत्साहन मिला है, जिससे कार्यक्षमता में वृद्धि होगी।
- संविधानिक और प्रशासनिक पारदर्शिता का संकेत: नियमों का पालन कर की गई यह पदोन्नति प्रक्रिया प्रशासनिक ईमानदारी का प्रतीक है।
निष्कर्ष
- उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग ने नियमावली-2015 के तहत एक महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम उठाते हुए चयनित उप निरीक्षकों को निरीक्षक पद पर पदोन्नत किया है। यह निर्णय न केवल योग्य अधिकारियों को मान्यता देने का कार्य करता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि प्रशासनिक प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो। इस प्रकार की कार्यवाही से पुलिस बल में नई ऊर्जा का संचार होता है और नागरिकों का भरोसा बढ़ता है।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)
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