Survey of rivers : गांवों में दिख रहे ड्रोन से न घबराएं, नदियों का सर्वेक्षण किया जा रहा है ?

Survey of rivers : गांवों में दिख रहे ड्रोन से न घबराएं, नदियों का सर्वेक्षण किया जा रहा है

Survey of rivers : गांवों में दिख रहे ड्रोन से न घबराएं, नदियों का सर्वेक्षण किया जा रहा है ?
Survey of rivers : गांवों में दिख रहे ड्रोन से न घबराएं, नदियों का सर्वेक्षण किया जा रहा है ?

गांवों में उड़ते ड्रोन से दहशत, पर असलियत कुछ और निकली

  • हाल ही में मेरठ, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर जिलों के कई गांवों में रात के समय उड़ते हुए ड्रोन देखे गए, जिससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई। लोगों को डर था कि ये ड्रोन जासूसी या किसी आपराधिक गतिविधि से जुड़े हो सकते हैं। कुछ ग्रामीणों ने पुलिस को सूचित किया और सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर अफवाहें फैलने लगीं। लगातार ड्रोन की आवाज़ और उसकी लाइट्स ने लोगों को भ्रमित कर दिया, जिससे डर का माहौल बन गया। लेकिन अब इस पूरे मामले की सच्चाई सामने आ गई है और लोगों को घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है।

नदियों का डिजिटल सर्वेक्षण कर रहे हैं ड्रोन

  • उत्तर प्रदेश भू-स्थानिक निदेशालय की ओर से स्पष्ट किया गया है कि यह ड्रोन गतिविधि किसी संदिग्ध मकसद से नहीं, बल्कि नदियों के सर्वेक्षण के लिए की जा रही है। यह सर्वेक्षण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश पर कराया जा रहा है, जिसके तहत राज्य की सभी नदियों का डिजिटल एलिवेशन मॉड्यूल (DEM) तैयार किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के तहत ड्रोन की मदद से नदियों की ऊंचाई, चौड़ाई, बहाव और फ्लड प्लेन ज़ोन का वैज्ञानिक रूप से अध्ययन किया जा रहा है। विशेष रूप से हिंडन नदी के फ्लड प्लेन जोन को चिन्हित करने के लिए यह सर्वेक्षण महत्वपूर्ण है। इस कार्य को अंजाम देने के लिए अत्याधुनिक ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जो बेहद सटीक और विस्तृत डेटा एकत्र करती है। इससे राज्य सरकार को भविष्य में बाढ़ नियंत्रण, जल प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े निर्णय लेने में आसानी होगी।

अधिकारियों को सूचित किया गया, ग्रामीणों से अपील – न घबराएं

  • इस विषय में उत्तर प्रदेश भू-स्थानिक निदेशालय के निदेशक ने मेरठ रेंज और सहारनपुर रेंज के डीआईजी, साथ ही सभी जिलाधिकारियों को एक चिट्ठी भेजी है। इस चिट्ठी में बताया गया है कि यह ड्रोन सर्वेक्षण पूरी तरह से अधिकृत है और इसमें कोई संदेह की बात नहीं है। पत्र के माध्यम से पुलिस और प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वे ग्रामीणों को इस प्रक्रिया की जानकारी दें और उन्हें डर या भ्रम से बाहर निकालें। यह सर्वेक्षण रात में भी किया जा रहा है, क्योंकि कुछ इलाकों में दिन के समय ड्रोन उड़ाने में तकनीकी दिक्कतें आती हैं। प्रशासन ने अब सभी संबंधित गांवों में मुनादी और प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है ताकि लोग समझ सकें कि यह प्रक्रिया उनके हित में है, न कि उनके खिलाफ।

निष्कर्षतः, अब यह पूरी तरह स्पष्ट हो चुका है कि गांवों में उड़ते ड्रोन किसी खतरनाक मंशा से नहीं, बल्कि सरकार की ओर से किए जा रहे एक वैज्ञानिक कार्य का हिस्सा हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे इस प्रक्रिया में सहयोग करें और किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें। यह सर्वेक्षण आने वाले समय में प्रदेश की नदियों की रक्षा और बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने में अहम भूमिका निभाएगा।

 

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News Editor- (Jyoti Parjapati)

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