Tharoor said : थरूर बोले: राजनीति नेहरू-गांधी परिवार की जागीर नहीं, वंशवाद छोड़कर योग्यता को प्राथमिकता दें ?

Tharoor said : थरूर बोले: राजनीति नेहरू-गांधी परिवार की जागीर नहीं, वंशवाद छोड़कर योग्यता को प्राथमिकता दें

Tharoor said : थरूर बोले: राजनीति नेहरू-गांधी परिवार की जागीर नहीं, वंशवाद छोड़कर योग्यता को प्राथमिकता दें ?
Tharoor said : थरूर बोले: राजनीति नेहरू-गांधी परिवार की जागीर नहीं, वंशवाद छोड़कर योग्यता को प्राथमिकता दें ?

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भारत की वंशवादी राजनीति की आलोचना की है। थरूर ने एक अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन प्रोजेक्ट सिंडिकेट में लिखे अपने लेख में कहा- भारत में राजनीति फैमिली बिजनेस बन गई है। जब तक राजनीति परिवारों के इर्द-गिर्द घूमती रहेगी, तब तक लोकतांत्रिक सरकार का असली मतलब पूरा नहीं हो सकेगा।

थरूर ने ‘Indian Politics Are a Family Business’ लेख में लिखा- यह समय है, जब भारत को वंशवाद (परिवारवाद) छोड़कर योग्यता आधारित व्यवस्था अपनानी चाहिए। इसके लिए कानूनी रूप से तय कार्यकाल, आंतरिक पार्टी चुनाव और मतदाताओं को जागरूक करने जैसे मूलभूत सुधार जरूरी हैं।

थरूर ने अपने लेख में नेहरू-गांधी परिवार को भारत का सबसे प्रभावशाली राजनीतिक परिवार बताया। उन्होंने लिखा कि इस परिवार की विरासत आजादी के आंदोलन से जुड़ी है, लेकिन इसी कारण लोगों में यह सोच भी बढ़ी है कि राजनीति कुछ परिवारों का जन्मसिद्ध अधिकार है।

थरूर ने देशभर के कई राजनीतिक परिवारों का उदाहरण दिया

थरूर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवारों ने भी पीढ़ियों तक सत्ता संभाली है। इसके साथ उन्होंने देशभर की कई राजनीतिक परिवारों का उदाहरण दिया।

थरूर ने लेख में ओडिशा में नवीन पटनायक, महाराष्ट्र में उद्धव और आदित्य ठाकरे, उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह और अखिलेश यादव, बिहार में रामविलास और चिराग पासवान, पंजाब में प्रकाश सिंह और सुखबीर बादल, तेलंगाना में केसीआर के बेटे और बेटी के बीच उत्तराधिकार की लड़ाई के साथ ही तमिलनाडु में करुणानिधि और उनके बेटे एमके स्टालिन के परिवार का जिक्र किया।

Tharoor said : थरूर बोले: राजनीति नेहरू-गांधी परिवार की जागीर नहीं, वंशवाद छोड़कर योग्यता को प्राथमिकता दें ?
Tharoor said : थरूर बोले: राजनीति नेहरू-गांधी परिवार की जागीर नहीं, वंशवाद छोड़कर योग्यता को प्राथमिकता दें ?

भाजपा बोली- कांग्रेस के भविष्य को लेकर निराशा

भाजपा ने इसे राहुल गांधी और कांग्रेस नेतृत्व पर ‘असंतोष का संकेत’ बताया। भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि थरूर की यह टिप्पणी कांग्रेस के भविष्य को लेकर उनकी ‘निराशा’ दिखाती है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने थरूर के लेख को ‘बेहद सूझबूझ भरा’ बताया।

उन्होंने कहा- थरूर ने सही लिखा है कि गांधी परिवार ने भारतीय राजनीति को पारिवारिक व्यवसाय बना दिया है। थरूर अब खतरों के खिलाड़ी बन गए हैं, जिन्होंने अपने ही दल के नेपो किड राहुल गांधी पर सीधा हमला किया है।

कांग्रेस बोली- परिवारवाद सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं

कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि परिवारवाद सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा, “डॉक्टर, व्यापारी और अभिनेता भी अपने परिवार की राह पर चलते हैं।” उदित राज ने आगे कहा कि असली समस्या यह है कि अवसर कुछ परिवारों तक सीमित रह जाते हैं, जिससे बाकी लोगों के लिए आगे बढ़ने के मौके कम हो जाते हैं।

वहीं, कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने भी कहा कि परिवारवाद सिर्फ राजनीति में नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में देखने को मिलता है। उन्होंने कहा- लोकतंत्र में फैसला जनता करती है। किसी को सिर्फ इसलिए चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सकता क्योंकि उसके पिता सांसद थे।

कई बार मोदी सरकार की तारीफ कर चुके थरूर

कांग्रेस सांसद शशि थरूर कई बार पार्टी की आधिकारिक लाइन से अलग बयान देकर चर्चा में रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “ऊर्जा और वैश्विक दृष्टि” की तारीफ की थी। हाल ही में वे विदेश नीति से जुड़ी पहल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत के राजनयिक प्रतिनिधि की भूमिका में भी नजर आए।

उनके हाल के बयानों में केंद्र सरकार की विदेश नीति और कुछ विपक्षी राज्यों की नीतियों की तारीफ शामिल रही है, जिससे पार्टी नेतृत्व कई बार असहज हुआ है।

6 सितंबरः थरूर बोले, PM के नए लहजे का स्वागत– थरूर ने भारत-अमेरिका में टैरिफ को लेकर बढ़ते विवाद के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब की सराहना की थी। थरूर ने केरल के तिरुवनंतपुरम में न्यूज एजेंसी ANI से कहा था- मैं इस नए लहजे का ऐहतियात के साथ स्वागत करता हूं।

10 जुलाईः थरूर ने इमरजेंसी को काला अध्याय बताया– शशि थरूर ने मलयालम भाषा के अखबार ‘दीपिका’ में प्रकाशित आर्टिकल लिखा था कि इमरजेंसी को सिर्फ भारतीय इतिहास के काले अध्याय के रूप में याद नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इससे सबक लेना जरूरी है। उन्होंने नसबंदी अभियान को मनमाना और क्रूर फैसला बताया।

23 जूनः थरूर ने लिखा, मोदी की ऊर्जा भारत के लिए संपत्ति- थरूर ने द हिंदू में पब्लिश एक आर्टिकल में लिखा था कि मोदी की ऊर्जा, गतिशीलता और जुड़ने की इच्छा वैश्विक मंच पर भारत के लिए प्रमुख संपत्ति बनी हुई है, लेकिन उन्हें और ज्यादा सपोर्ट मिलना चाहिए।

8 मई: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर केंद्र की तारीफ की थी- सांसद शशि थरूर ने X पर लिखा था कि ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान और दुनिया के लिए मजबूत संदेश है। भारत ने 26 बेकसूर नागरिकों की मौत का बदला लेने के लिए सटीक कार्रवाई की।

19 मार्च: थरूर ने कहा- मोदी जेलेंस्की-पुतिन को गले लगा सकते हैं- थरूर ने रायसीना डायलॉग में बोलते हुए कहा- भारत के पास ऐसा प्रधानमंत्री है, जो वोलोदिमिर जेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन दोनों को गले लगा सकता है। हम दोनों जगहों (रूस और यूक्रेन) पर स्वीकार किए जाते हैं। थरूर ने कहा कि यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख का विरोध करना उनकी गलती थी।

15 फरवरी 2025: मोदी के अमेरिकी यात्रा की सराहना की थी- कांग्रेस सांसद ने 15-16 फरवरी को PM मोदी के अमेरिका दौरे पर कहा कि इस यात्रा से कुछ अच्छा हासिल हुआ है। व्यापार और सुरक्षा सहयोग में प्रगति हुई। मैं इसे एक भारतीय के रूप में सराहना करता हूं।

News Editor- (Jyoti Parjapati)

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