Tiger rampage : पीलीभीत में बाघ का कहर: महिला की मौत, दो घायल, 65 दिन में सातवां हमला

- पीलीभीत में बाघ का आतंक, महिला की मौत और दो घायल
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में बाघ का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। ताजा घटना न्यूरिया थाना क्षेत्र के मंडरिया गांव की है, जहां खेतों में काम कर रहीं महिलाओं और एक किशोर पर बाघ ने अचानक हमला कर दिया। हमले में कृष्णा देवी (50) पत्नी कालीचरण की मौके पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि वह खेत में घास काट रही थीं, तभी झाड़ियों से निकले बाघ ने उन पर झपट्टा मारा और करीब 20 मीटर दूर गन्ने के खेत में घसीट ले गया। मौके पर मौजूद अन्य लोगों ने शोर मचाया, लेकिन तब तक बाघ महिला को गंभीर रूप से घायल कर चुका था।
- जिला अस्पताल में भर्ती घायल किशोर और महिला की हालत गंभीर
बाघ के हमले में घायल हुए किशोर और एक अन्य महिला को स्थानीय लोगों की मदद से जिला अस्पताल पहुंचाया गया। चिकित्सकों के अनुसार दोनों की हालत गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज चल रहा है। पीड़ित परिवार गहरे सदमे में है और पूरे गांव में डर का माहौल बना हुआ है। लोगों का कहना है कि वन विभाग को पहले ही कई बार बाघ की सक्रियता की सूचना दी गई थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
- 65 दिन में सात मौतें, वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल
यह घटना जिले में बाघ के हमले से हुई सातवीं मौत है और पिछले 65 दिनों में लगातार ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। इससे वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि न तो गश्त बढ़ाई गई है, न ही कोई पिंजरा या ट्रैकिंग टीम लगाई गई है। वन्य जीवों की सुरक्षा के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन ग्रामीणों की जान की कोई कीमत नहीं समझी जा रही है।

- ग्रामीणों में दहशत, खेतों में काम करना बंद
घटना के बाद मंडरिया गांव और आसपास के क्षेत्रों में दहशत का माहौल है। महिलाएं और किसान खेतों में काम करने से डरने लगे हैं। बच्चों को अकेले बाहर भेजने से परिजन कतरा रहे हैं। कई ग्रामीणों ने वन विभाग से बाघ को पकड़ने और सुरक्षित स्थान पर ले जाने की मांग की है। साथ ही मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की भी गुहार लगाई है।
- वन विभाग की प्रतिक्रिया, बाघ की तलाश तेज
घटना की सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और घटना की पुष्टि की। अधिकारियों ने बताया कि बाघ की पहचान कर ली गई है और उसकी तलाश के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है। साथ ही क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी गई है और लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग ने यह भी कहा है कि जल्द ही पिंजरे लगाए जाएंगे और कैमरा ट्रैपिंग के माध्यम से बाघ की लोकेशन ट्रैक की जाएगी। - यह घटना वन्य जीव संरक्षण और मानव सुरक्षा के बीच संतुलन की आवश्यकता को एक बार फिर उजागर करती है। ग्रामीण इलाकों में बढ़ते बाघों के खतरे से निपटने के लिए प्रशासन को और अधिक सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)